बेवफ़ाई

बेवफ़ाई शायरी

रिश्ते काँच की तरह होते है,टूटे जाए तो चुभते है.इन्हे संभालकर हथेली पर सजनाक्योकि इन्हे टूटने मे एक पलऔर बनाने मे बरसो लग जाते है

बेवफ़ाई शायरी

धोखा दिया था जब तूने मुझे. जिंदगी से मैं नाराज था,सोचा कि दिल से तुझे निकाल दूं. मगर कंबख्त दिल भी तेरे पास था

बेवफ़ाई शायरी

कुछ तो मजबूरियां रही होंगी यूं कोई बेवफा नही होता, टटोल कर देखो अपने दिल को, हर फासला बेवजह नहीं होता

बेवफ़ाई शायरी

प्यार वो हम को बेपनाह कर गये,फिर ज़िनदगीं में हम को,तन्नहा कर गये, चाहत थी उनके इश्क में,फ़नाह होने की,पर वो लौट कर आने को,भी मना कर गये.

बेवफ़ाई शायरी

लोग कहते हैं प्यार एक ऐसी बिमारी है जिसकी कोई दवा नहीं,अरे उन्हें क्या मालूम बेवफाई एक ऐसी दवा है जिससे यह बिमारी कभी दोबारा नहीं होती.

बेवफ़ाई शायरी

क्या करूँगा उसका इंतज़ार करके जब चली गई वो मुझे बर्बाद करके सोचा था अपना भी एक जहाँ होगा मगर मिली सिर्फ तन्हाई उसे प्यार करके.

बेवफ़ाई शायरी

बड़ी आसानी से दिल लगाये जाते हैं, पर बड़ी मुश्किल से वादे निभाए जाते हैं, ले जाती है मोहब्बत उन राहो पर, जहा दिए नही दिल जलाए जाते हैं.

बेवफ़ाई शायरी

मैं इसे किस्मत कहूँ या बदकिस्मती अपनी, तुझे पाने के बाद भी तुझे खोजता रहा, सुना था वो मेरे दर्द मे ही छुपा है कहीं, उसे ढूँढने को मैं अपने ज़ख्म नोचता रहा.

बेवफ़ाई शायरी

मेरी मोहब्बत मेरे दिल की गफलत थी, मैं बेसबब ही उम्र भर तुझे कोसता रहा, आखिर ये बेवफाई और वफ़ा क्या है, तेरे जाने के बाद देर तक सोचता रहा.

बेवफ़ाई शायरी

वो नदियाँ नहीं आंसू थे मेरे, जिस पर वो कश्ती चलाते रहे, मंजिल मिले उन्हें यह चाहत थी मेरी, इसलिए हम आंसू बहाते रहे.

बेवफ़ाई शायरी

उस अजनबी का यूँ न इंतज़ार करो, इस आशिक दिल का न ऐतबार करो, रोज़ निकला करें किसी के याद में आंसू, इतना न कभी किसी से प्यार करो.

बेवफ़ाई शायरी

आज किसी की दुआ की कमी है, तभी तो हमारी आँखों में नमी है, कोई तो है जो भूल गया हमें, पर हमारे दिल में उसकी जगह वही है.

बेवफ़ाई शायरी

हर रिश्ते को अजमाया है हमने, कुछ पाया पर बहुत गवाया है हमने, हर उस शख्स ने रुलाया है, जिसे भी हमने इस दिल में बसाया है.

बेवफ़ाई शायरी

भरी महफिल में तन्हा मुझे रहना सिखा दिया, तेरे प्यार ने दुनिया को झूठा कहना सिखा दिया, किसी दर्द या ख़ुशी का एहसास नहीं है अब तो, सब कुछ ज़िन्दगी ने चुपचाप सहना सिखा दिया.

बेवफ़ाई शायरी

वफ़ा के नाम से वो अनजान थे, किसी की बेवफाई से शायद परेशान थे, हमने वफ़ा देनी चाही तो पता चला, हम खुद बेवफा के नाम से बदनाम थे.

बेवफ़ाई शायरी

वक़्त नूर को बेनूर बना देता है, छोटे से जख्म को नासूर बना देता है, कौन चाहता है अपनों से दूर रहना पर वक़्त सबको मजबूर बना देता है.

बेवफ़ाई शायरी

"लोग अपना बना के छोड़ देते हैं, अपनों से रिशता तोड़ कर गैरों से जोड़ लेते हैं, हम तो एक फूल ना तोड़ सके, नाजाने लोग दिल कैसे तोड़ देते हैं."

बेवफ़ाई शायरी

"जिनकी याद में हम दीवाने हो गए, वो हम ही से बेगाने हो गए, शायद उन्हें तालाश है अब नये प्यार की, क्यूंकि उनकी नज़र में हम पुराने हो गए."

बेवफ़ाई शायरी

"सोचता हूँ सागर की लहरों को देख कर, क्यूँ ये किनारे से टकरा कर पलट जातें हैं, करते हैं ये सागर से बेवफाई, या फिर सागर से वफ़ा निभातें हैं."

बेवफ़ाई शायरी

"अगर वो मांगते हम जान भी दे देते, मगर उनके इरादे तो कुछ और ही थे, मांगी तो प्यार की हर निशानी वापिस मांगी, मगर देते वक़्त तो उनके वादे कुछ और ही थे."

बेवफ़ाई शायरी

"आँखों से आंसू न निकले तो दर्द बड जाता है, उसके साथ बिताया हुआ हर पल याद आता है, शायद वो हमें अभी तक भूल गए होंगे, मगर अभी भी उसका चेहरा सपनो में नज़र आता है."

बेवफ़ाई शायरी

"चाँद का क्या कसूर अगर रात बेवफा निकली, कुछ पल ठहरी और फिर चल निकली, उन से क्या कहे वो तो सच्चे थे, शायद हमारी तकदीर ही हमसे खफा निकली."

बेवफ़ाई शायरी

"ना मुस्कुराने को जी चाहता है, ना आंसू बहाने को जी चाहता है, लिखूं तो क्या लिखूं तेरी याद में, बस तेरे पास लौट आने को जी चाहता है."

बेवफ़ाई शायरी

"हर रोज़ पीता हूँ तेरे छोड़ जाने के ग़म में, वर्ना पीने का मुझे भी कोई शौंक नहीं, बहुत याद आते है तेरे साथ बीताये हुये लम्हें, वर्ना मर मर के जीने का मुझे भी कोई शौंक नहीं."

बेवफ़ाई शायरी

"बेदर्द दुनिया में अभी जीना सीख रहा हूँ, अभी तो मैं दुखों के जाम पीना सीख रहा हूँ, कोशिश करूंगा तुम्हे मैं भी भुलाने की, अभी तो मैं तेरे झूठे वादों को भुलाना सीख रहा हूँ."

बेवफ़ाई शायरी

"प्यार में मैंने सब कुछ खोया सिर्फ तुझे पाने के लिए, दुनिया से भी खूब लड़ा सिर्फ तुझे अपना बनाने के लिए, आज नहीं तो कल अगर तूं मुझे भूल जाओगी, तेरी यादों को हम जलायेंगे सिर्फ तुझे भुलाने के लिए."

बेवफ़ाई शायरी

"काश वो समझते इस दिल की तड़प को, तो यूँ हमें रुसवा ना किया होता, उनकी ये बेरुखी भी मंज़ूर थी हमें, बस एक बार हमें समझ लिया होता."

बेवफ़ाई शायरी

"हम तो जी रहे थे उनका नाम लेकर, वो गुज़रते थे हमारा सलाम लेकर, कल वो कह गये भुला दो हुमको, हमने पुछा कैसे! वो चले गये हाथो मे जाम देकर."

बेवफ़ाई शायरी

"वो रोए तो बहुत, पर मुझसे मूह मोड़ कर रोए, कोई मजबूरी होगी तो दिल तोड़ कर रोए, मेरे सामने कर दिए मेरे तस्वीर के टुकड़े, पता चला मेरे पीछे वो उन्हे जोड़ कर रोए."

बेवफ़ाई शायरी

"जिसने हमको चाहा, उसे हम चाह न सके, जिसको चाहा उसे हम पा न सके, यह समजलो दिल टूटने का खेल है, किसी का तोडा और अपना बचा न सके!"

बेवफ़ाई शायरी

"तुम करोगे याद एक दिन इस प्यार के ज़माने को, चले जाएँगे जब हम कभी ना वापस आने को. करेगा महफ़िल मे जब ज़िक्र हमारा कोई, तो तुम भी तन्हाई ढूंढोगे आँसू बहाने को…"

बेवफ़ाई शायरी

"हमसे पूछो क्या होता है पलपल बिताना, बहुत मुश्किल होता है दिल को समजाना, यार ज़िंदगी तो बीत जाएगी, बस मुश्किल होता है कुछ लोगो को भूल पाना."

बेवफ़ाई शायरी

"आंसुओसे पलके भिगा लेता हूँ, याद तेरी आती है तो रो लेता हूँ, सोचा की भुलादु तुझे मगर, हर बार फ़ैसला बदल देता हूँ!"

बेवफ़ाई शायरी

"यादो में तेरी तन्हा बैठे हैं, तेरे बिना लबों की हसी गावा बैठे हैं तेरी दुनिया में अंधेरा ना हो, इसलिए खुद का दिल जला बैठे हैं…"

बेवफ़ाई शायरी

"मैंने भी किसी से प्यार किया था, उनकी रहो में इंतजार किया था, हमें क्या पता वो भूल ज्यांगे हमें, कसूर उनका नहीं मेरा ही था. जो एक बेवफा से प्यार किया था."

बेवफ़ाई शायरी

"बनाने वाले ने दिल काँच का बनाया होता. तोड़ने वाले के हाथ मे जखम तो आया होता. जब बी देखता वो अपने हाथों को, उसे हमारा ख़याल तो आया होता."

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"गम की परछाईयाँ यार की रुसवाईयाँ, वाह रे मुहोब्बत ! तेरे ही दर्द और तेरी ही दवाईयां "

बेवफ़ाई शायरी

"बेवफा बनकर कैसे जी लेते हैं लोग, हंस कर इस राज को जानने में ही हस्ती फन्ना हो गया, मैं कब तक भरम में रखूं खुद को, दुनिया कहने लगी की तू तो बेवफा हो गया"

बेवफ़ाई शायरी

"दिन घुटे घुटे , शामें धुंआ धुंआ हो गया, और रातें , इंतज़ार की तेरे दास्ताँ हो गया, कहाँ से ढूंढ़कर लाउ सकुन दिल का अपने, ज़िन्दगी जब दर्द की एक दास्ताँ हो गया."

बेवफ़ाई शायरी

एक वादा किया था एक वादा निभाने के लिए, एक दिल दिया था एक दिल पाने के लिए, उसने मोहब्बत सिखा दी और कहा, मैंने तो प्यार किया था तुम्हें आज़माने के लिए !!

बेवफ़ाई शायरी

उल्फ़त में कभी यह हाल होता है, आँखें हस्ती है मगर दिल रोता है, मानते है हम जिसे मंज़िल अपनी, हमसफ़र उसका कोई और होता है !!

बेवफ़ाई शायरी

हमने भी किसी से प्यार किया था, कम नहीं, बेशुमार किया था, ज़िंदगी बदल गई थी तब उसने कहा की, पागल तू सच समझ बैठा, मैने तो मज़ाक किया था !!

बेवफ़ाई शायरी

ठुकरा के उसने मुझे कहा की मुस्कुराओ, मैं हंस दिया सवाल उसकी ख़ुशी का था, मैंने खोया वो जो मेरा था ही नहीं, उसने खोया वो जो सिर्फ उसी का था !!

बेवफ़ाई शायरी

अगर दुनिया में जीने की चाहत ना होती, तो खुदा ने मोहब्बत बनाई ना होती, लोग मरने की आरज़ू ना करते, अगर मोहब्बत में बेवफ़ाई ना होती !!

बेवफ़ाई शायरी

इंसानो के कंधे पर इंसान जा रहे है, कफ़न में लिपट कर कुछ अरमान जा रहे है, जिन्हे मिली मोहब्बत में बेवफ़ाई, वफ़ा की तलाश में वो कब्रिस्तान जा रहे है !!

बेवफ़ाई शायरी

एक ख़ुशी की चाह में हर ख़ुशी से दूर हुए हम, किसी से कुछ कह भी ना सके इतने मज़बूर हुए हम, ना आई उन्हें निभानी वफ़ा इस दौर-ए-इश्क़ में, और ज़माने की नज़र में बेवफ़ा के नाम से मशहूर हुए हम !!

बेवफ़ाई शायरी

ऐसा नहीं की आप हमें याद नहीं आते, माना की जहाँ के सब रिश्ते निभाये नहीं जाते, पर जो बस जाते है दिल में वो भुलाए नहीं जाते, बेवफाओं से हर तरह के रिश्ते निभाये नहीं जाते !!

बेवफ़ाई शायरी

कभी हम भी इसके क़रीब थे, दिलो जान से बढ़ कर अज़ीज थे, मगर आज ऐसे मिला है वो, कभी पहले जैसे मिला ना हो !!

बेवफ़ाई शायरी

किया अपना बन कर जो तूने सनम, ना गैरों से वो कभी गैर करे, अगर हमें छोड़ कर जाना चाहते हो, जाओ चले जाओ अल्लाह खैर करे !!

बेवफ़ाई शायरी

कोई भी नहीं यहाँ पर अपना होता, इस दुनिया ने ये सिखाया है हमको, उसकी बेवफाई का ना चर्चा करना, आज दिल ने ये समझाया है हमको !!

बेवफ़ाई शायरी

ज़िन्दगी से बस यही गिला है, ख़ुशी के बाद क्यों ये गम मिला है, हमने तो उनसे वफ़ा की थी, पर नहीं जानते थे की बेवफाई ही वफ़ा का सिला है !!

बेवफ़ाई शायरी

जिस पर हम मर मिटे, उसने हमे मिटा दिया, वाह, क्या खूब उसने मोहब्बत का सिला दिया !!

बेवफ़ाई शायरी

तेरे प्यार ने दिया सुकून इतना की, तेरे बाद कोई अच्छा न लगे, तुझे करनी है बेवफ़ाई तो इस अदा से कर, की तेरे बाद कोई भी बेवफ़ा न लगे !!

बेवफ़ाई शायरी

तेरे इश्क़ ने दिया सुकून इतना, की तेरे बाद कोई अच्छा न लगे, तुझे करनी है बेवफाई तो इस अदा से कर, की तेरे बाद कोई बेवफ़ा न लगे !!

बेवफ़ाई शायरी

प्यार करने का हुनर हमे आता नहीं, इसीलिए हम प्यार की बाज़ी हार गए, हमारी ज़िन्दगी से उन्हे बहुत प्यार था, शायद इसीलिए वो हमे ज़िंदा ही मार गए !!

बेवफ़ाई शायरी

फ़र्ज़ था जो मेरा निभा दिया मैंने, उसने माँगा वो सब दे दिया मैंने, वो सुनके गैरों की बाते बेवफ़ा हो गयी, समझ के ख्वाब उसको आखिर भुला दिया मैंने !!

बेवफ़ाई शायरी

मत ज़िकर कीजिये मेरी अदा के बारे में, मैं बहुत कुछ जानता हूँ वफ़ा के बारे में, सुना है वो भी मोहब्बत का शौक रखते है, जो जानते ही नहीं वफ़ा के बारे में !!

बेवफ़ाई शायरी

मेरी तक़दीर में जलना है तो जल जाऊँगा, तेरा वादा तो नहीं हूँ जो बदल जाऊँगा, मुझको समझाओ न मेरी जिंदगी के असूल, एक दिन मैं खुद ही ठोकर खा के संभल जाऊँगा !!

बेवफ़ाई शायरी

मेरी मौत के सबब आप बने, इस दिल के रब आप बने, पहले मिसाल थे वफ़ा की, जाने यूँ बेवफ़ा कब आप बने !!

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वफ़ा पर हमें घर लुटाना था लेकिन, वफ़ा लौट गयी लुटाने से पहले, चिराग तमन्ना का जला तो दिया था, मगर बुझ गया जगमगाने से पहले !!

बेवफ़ाई शायरी

वो आई मेरे मज़ार पर, अपने महबूब के साथ, कौन कहता है की, मरने के बाद जलाया नहीं जाता !!

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वो छोड़ के गए हमे, न जाने उनकी क्या मजबूरी थी, खुदा ने कहा इसमे उनका कोई कसूर नहीं, ये कहानी तो मैंने लिखी ही अधूरी थी !!

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वो निकल गए मेरे रास्ते से इस कदर की, जैसे वो मुझे पहचानते ही नहीं, कितने ज़ख्म खाए है मेरे इस दिल ने, फिर भी हम उस बेवफ़ा को बेवफ़ा मानते ही नहीं !!

बेवफ़ाई शायरी

हम तो तेरे दिल की महफ़िल सजाने आए थे, तेरी कसम तुझे अपना बनाने आए थे, किस बात की सजा दी तुने हमको बेवफा, हम तो तेरे दर्द को अपना बनाने आए थे !!

बेवफ़ाई शायरी

हमे न मोहब्बत मिली न प्यार मिला, हम को जो भी मिला बेवफा यार मिला, अपनी ज़िन्दगी तो बन गई तमाशा, हर कोई अपने मकसद का तलबगार मिला !!

बेवफ़ाई शायरी

हर धड़कन में एक राज़ होता है, बात को बताने का एक अंदाज़ होता है, जब तक ठोकर न लगे बेवफ़ाई की, हर किसी को अपने प्यार पर नाज़ होता है !!

बेवफ़ाई शायरी

वफ़ा के नाम से वो अनजान थे, किसी की बेवफाई से शायद परेशान थे, हमने वफ़ा देनी चाही तो पता चला, हम खुद बेवफा के नाम से बदनाम थे !!

बेवफ़ाई शायरी

वफाओं की बाते की हमने जफ़ाओं के सामने, ले चले हम चिराग़ हवाओं के सामने, उठे है जब भी हाथ बदली है क़िस्मतें, मजबूर है खुदा भी दुआओं के सामने !!

बेवफ़ाई शायरी

महफ़िल ना सही, तन्हाई तो मिलती है, मिले ना सही, जुदाई तो मिलती है, प्यार में कुछ नहीं मिलता, वफ़ा ना सही, बेवफ़ाई तो मिलती है !!

बेवफ़ाई शायरी

शायरी नहीं आती मुझे बस हाले दिल सुना रही हूँ, बेवफ़ाई का इलज़ाम है मुझपर, फिर भी गुनगुना रही हूँ, क़त्ल करने वाले ने कातिल भी हमे ही बना दिया, खफ़ा हूँ उससे फिर भी मैं बस उसका दामन बचा रही हूँ !!

बेवफ़ाई शायरी

जो ज़ख्म दे गए हो आप मुझे, ना जाने क्यों वो ज़ख्म भरता नहीं, चाहते तो हम भी है की आपसे अब न मिले, मगर ये जो दिल है कमबख्त कुछ समझता ही नहीं !!

बेवफ़ाई शायरी

ये देखा है हमने खुद को आज़माकर, धोखा देते है लोग करीब आकर, कहती है दुनिया पर दिल नहीं मानता, की छोड़ जाओगे तुम भी एक दिन अपना बनाकर !!

बेवफ़ाई शायरी

वो तो दिवानी थी मुझे तन्हां छोड़ गई, खुद न रुकी तो अपना साया छोड़ गई, दुख न सही गम इस बात का है, आंखो से करके वादा होठो से तोड़ गई !!

बेवफ़ाई शायरी

समझ जाते थे हम उनके दिल की हर बात को, और वो हमे हर बार धोखा देते थे, लेकिन हम भी मजबूर थे दिल के हाथो, जो उन्हे बार-बार मौका देते थे !!

बेवफ़ाई शायरी

वफ़ा करने से मुकर गया है दिल, अब प्यार करने से डर गया है दिल, अब किसी सहारे की बात मत करना, झूठे दिलासों से भर गया है अब यह दिल !!

बेवफ़ाई शायरी

उसके चेहरे पर इस कदर नूर था, की उसकी याद में रोना भी मंज़ूर था, बेवफ़ा भी नहीं कह सकते उसको दोस्त, प्यार तो हमने किया है वो तो बेक़सूर था !!

बेवफ़ाई शायरी

मज़बूरी में जब कोई जुदा होता है, ज़रूरी नहीं की वो बेवफ़ा होता है, देकर वो आपकी आँखों में आँसू, अकेले में वो आपसे ज्यादा रोता है !!

बेवफ़ाई शायरी

कदम यूँ ही डगमगा गए रास्ते में, वैसे संभालना हम भी जानते थे, ठोकर भी लगी तो उसी पत्थर से, जिसे हम अपना मानते थे !!

बेवफ़ाई शायरी

महफ़िल में कुछ तो सुनाना पड़ता है, ग़म छुपा कर मुस्कुराना पड़ता है, कभी हम भी उनके अज़ीज़ थे, आज-कल ये भी उन्हे याद दिलाना पड़ता है !!

बेवफ़ाई शायरी

जानते थे की नहीं हो सकते कभी तुम हमारे, फिर भी खुदा से तुम्हें माँगने की आदत हो गयी, पैमाने वफ़ा क्या है, हमें क्या मालूम, की बेवफाओं से दिल लगाने की आदत हो गयी !!

बेवफ़ाई शायरी

खुदा तू ही बता हमारा क्या होगा, उजड़े हुए दिल का सहारा क्या होगा, घबराहट होती है मोहब्बत की नाव में बैठ कर, गर मझदार ये है तो किनारा क्या होगा !!

बेवफ़ाई शायरी

दुनियाँ को इसका चेहरा दिखाना पड़ा मुझे, पर्दा जो दरमियां था हटाना पड़ा मुझे, रुसवाईयों के खौफ से महफिल में आज, फिर उस बेवफा से हाथ मिलाना पड़ा मुझे !!

बेवफ़ाई शायरी

हर पल कुछ सोचते रहने की आदत गयी है, हर आहट पे च चौंक जाने की आदत हो गयी है, तेरे इश्क़ में ऐ बेवफा, हिज्र की रातो के संग, हमको भी जागते रहने की आदत हो गयी है !!

बेवफ़ाई शायरी

आग दिल में लगी जब वो खफ़ा हुए, महसूस हुआ तब, जब वो जुदा हुए, करके वफ़ा कुछ दे ना सके वो, पर बहुत कुछ दे गए जब वो बेवफ़ा हुए !!

बेवफ़ाई शायरी

क्या बताऊँ मेरा हाल कैसा है, एक दिन गुज़रता है एक साल जैसा है, तड़पता हूँ इस कदर बेवफाई में उसकी, ये तन बनता जा रहा कंकाल जैसा है !!

बेवफ़ाई शायरी

चेहरो के लिए आईने कुर्बान किये है, इस शौक में अपने बड़े नुकसान किये है, महफ़िल में मुझे गालियाँ देकर है बहुत खुश, जिस शख्स पर मैंने बड़े एहसान किये है !!

बेवफ़ाई शायरी

लम्हा लम्हा सांसें ख़तम हो रही है, ज़िंदगी मौत के पहलू में सो रही है, उस बेवफा से ना पूछो मेरी मौत की वजह, वो तो ज़माने को दिखाने के लिए रो रही है !!

बेवफ़ाई शायरी

मत बहा आंसुओ में जिंदगी को, एक नए जीवन का आगाज़ कऱ, दिखानी है अगर दुश्मनी की हद तो, ज़िक्र भी मत कर, नज़र अंदाज़ कर !!

बेवफ़ाई शायरी

पल पल उसका साथ निभाते हम, एक इशारे पर दुनिया छोड़ जाते हम, समुन्दर के बीच में पहुंचकर फरेब किया उसने, वो कहता तो किनारे पर ही डूब जाते हम !!

बेवफ़ाई शायरी

कभी करीब तो कभी जुदा था तू, जाने किस-किस से ख़फ़ा है तू, मुझे तो तुझ पर खुद से ज्यादा यकीन था, पर ज़माना सच ही कहता था की बेवफ़ा है तू !!

बेवफ़ाई शायरी

नहीं करती थी प्यार तो, मुझे बताया होता, नहीं करती थी प्यार तो, मुझे बताया होता, बुला के पार्क में यूं धोखे से ए बेवफा, अपने भाइयो से तो ना पिटवाया होता !!

बेवफ़ाई शायरी

मत पूछ मेरे सब्र की इन्तेहा कहाँ तक है, तु सितम कर ले, तेरी ताक़त जहाँ तक है, व़फा की उम्मीद जिन्हे होगी, उन्हे होगी, हमे तो देखना है, तू ज़ालिम कहाँ तक है !!

बेवफ़ाई शायरी

दो दिलो की धड़कनों में एक साज़ होता है, सबको अपनी अपनी मोहब्बत पर नाज़ होता है, उसमे से हर एक बेवफा नहीं होता, उसकी बेवफ़ाई के पीछे भी कोई राज होता है !!

बेवफ़ाई शायरी

प्यार किया था तो प्यार का अंजाम कहाँ मालूम था, वफ़ा के बदले मिलेगी बेवफाई कहाँ मालूम था, सोचा था तैर के पार कर लेंगे प्यार के दरिया को, पर बीच दरिया मिल जायेगा भंवर कहाँ मालूम था !!

बेवफ़ाई शायरी

कहाँ से लाऊ हुनर उसे मनाने का, कोई जवाब नहीं था उसके रूठ जाने का, मोहब्बत में सजा मुझे ही मिलनी थी, क्यूंकी जुर्म मैंने किया था उससे दिल लगाने का !!

बेवफ़ाई शायरी

एक इंसान मिला जो जीना सिखा गया, आंसुओ की नमी को पीना सिखा गया, कभी गुज़रती थी वीरानो में ज़िंदगी, वो शख्स वीरानो में महफ़िल सजा गया !!

बेवफ़ाई शायरी

ना पूछ मेरे सब्र की इंतहा कहाँ तक है, तू सितम कर ले, तेरी हसरत जहाँ तक है, वफ़ा की उम्मीद, जिन्हें होगी उन्हे होगी, हमे तो देखना है, तू बेवफ़ा कहाँ तक है !!

बेवफ़ाई शायरी

कभी ग़म तो कभी तन्हाई मार गयी, कभी याद आ कर उनकी जुदाई मार गयी, बहुत टूट कर चाहा जिसको हमने, आखिर में उनकी ही बेवफाई मार गयी !!

बेवफ़ाई शायरी

बेवफाई उसकी मिटा के आया हूँ, ख़त उसके पानी में बहा के आया हूँ, कोई पढ़ न ले उस बेवफा की यादों को, इसलिए पानी में भी आग लगा कर आया हूँ !!

बेवफ़ाई शायरी

जिंदगी देने वाले मरता छोड़ गये, अपनापन जताने वाले तन्हा छोड़ गये, जब पड़ी जरूरत हमें अपने हमसफर की, वो जो साथ चलने वाले रास्ता मोड़ गये !!

बेवफ़ाई शायरी

जब भी उनकी गली से गुज़रता हूँ, मेरी आंखें एक दस्तक दे देती है, दुःख ये नहीं की वो दरवाजा बंद कर देते है, खुशी ये है की वो मुझे अब भी पहचान लेते है !!

बेवफ़ाई शायरी

मैंने प्यार किया बड़े होश के साथ, मैंने प्यार किया बड़े जोश के साथ, पर हम अब प्यार करेंगे बड़ी सोच के साथ, क्योंकि कल उसे देखा मैंने किसी और के साथ !!

बेवफ़ाई शायरी

मशहूर हो गया हूँ तो ज़ाहिर है दोस्तो, इलज़ाम सौ तरह के मेरे सर भी आयेंगे, थोड़ा सा अपनी चाल बदल कर चलो, सीधे चले तो मुमकिन है की पीठ में खंज़र भी आयेंगे !!

बेवफ़ाई शायरी

जनाजा मेरा उठ रहा था, फिर भी तकलीफ थी उसे आने में, बेवफा घर में बैठी पूछ रही थी, और कितनी देर है दफनाने में !!

बेवफ़ाई शायरी

बिखरे हुए दिल ने भी उसके लिए फरियाद मांगी, मेरी साँसों ने भी हर पल उसकी ख़ुशी मांगी, जाने क्या मोहब्बत थी उस बेवफ़ा में, की मैंने आखिरी फरियाद में भी उनकी वफ़ा मांगी !!

बेवफ़ाई शायरी

तुमको समझाता हूँ इसलिए ए दोस्त, क्योंकि सबको ही आज़मा चुका हूँ मैं, कहीं तुमको भी पछताना ना पड़े यहाँ, कई हसीनों से धोखा खा चुका हूँ मैं !!

बेवफ़ाई शायरी

तेरी चौखट से सिर उठाऊं तो बेवफा कहना, तेरे सिवा किसी और को चाहूँ तो बेवफा कहना, मेरी वफाओं पे शक है तो खंजर उठा लेना, शौक से मर ना जाऊं तो बेवफा कहना !!

बेवफ़ाई शायरी

कभी करीब तो कभी जुदा है तू, जाने किस-किस से खफा है तू, मुझे तो तुझ पर खुद से ज्यादा यकीं था, पर ज़माना सच ही कहता था की बेवफ़ा है तू !!

बेवफ़ाई शायरी

एक तेरी खातिर परेशाँ हूँ मैं, टूटे दिलों की जुबाँ हूँ मैं, तूने ठुकराया जिसको अपनाकर, उसी दीवाने का गुमां हूँ मैं !!

बेवफ़ाई शायरी

प्यार में बेवफाई मिले तो गम न करना, अपनी आँखे किसी के लिए नम न करना, वो चाहे लाख नफरते करे तुमसे, पर तुम अपना प्यार कभी उसके लिए कम न करना !!

बेवफ़ाई शायरी

एक बार रोये तो रोते चले गए, दामन अश्कों से भिगोते चले गए, जब जाम मिला बेवफाई का तो, खुद को पैमाने में डुबोते चले गए !!

बेवफ़ाई शायरी

उनकी मोहब्बत के अभी निशान बाकी है, नाम लब पर है और जान बाकी है, क्या हुआ अगर देख कर मुँह फेर लेते है, तसल्ली है की शक्ल की पहचान बाकी है !!

बेवफ़ाई शायरी

जाने मेरी आँखों से कितने आँसू बह गए, इंसानो की इस भीड़ में देखो हम तनहा रह गए, करते थे जो कभी अपनी वफ़ा की बातें, आज वही सनम हमें बेवफ़ा कह गए !!

बेवफ़ाई शायरी

हमने अपनी साँसों पर उनका नाम लिख लिया, नहीं जानते थे की हमने कुछ गलत किया, वो प्यार का वादा करके हमसे मुकर गए, ख़ैर उनकी बेवाफाई से हमनें कुछ तो सबक लिया !!

बेवफ़ाई शायरी

आपकी नशीली यादों में डूबकर, हमने इश्क की गहराई को समझा, आप तो दे रहे थे धोखा और, हमने जानकर भी कभी आपको बेवफा न समझा !!

बेवफ़ाई शायरी

ज़ख़्म जब मेरे सिने के भर जाएँगे, आँसू भी मोती बनकर बिखर जाएँगे, ये मत पूछना किस किस ने धोखा दिया, वरना कुछ अपनो के चेहरे उतर जाएँगे !!

बेवफ़ाई शायरी

ना मिलता गम तो बरबादी के अफसाने कहाँ जाते, दुनिया अगर होती चमन तो वीराने कहाँ जाते, चलो अच्छा हुआ अपनों में कोई ग़ैर तो निकला, सभी अगर अपने होते तो बेगाने कहाँ जाते !!

बेवफ़ाई शायरी

दिल किसी से तब ही लगाना, जब दिलों को पढ़ना सीख लो, वरना हर एक चेहरे की फितरत में, ईमानदारी नहीं होती !!

बेवफ़ाई शायरी

चाँद निकलेगा तो दुआ मांगेंगे, अपने हिस्से में मुकदर का लिखा मांगेंगे, हम तलबगार नहीं दुनिया और दौलत के, हम रब से सिर्फ आपकी वफ़ा मांगेंगे !!

बेवफ़ाई शायरी

ज़िंदगी से बस यही एक गिला है, ख़ुशी के बाद न जाने क्यों गम मिला है, हमने तो की थी वफ़ा उनसे जी भर के, पर नहीं जानते थे की वफ़ा के बदले बेवफाई ही सिला है !!

बेवफ़ाई शायरी

वो बात ही कुछ अजीब थी, वो हमसे रूठ गयी, जो दिल के सबसे करीब थी, उसने तोड़ दिया दिल हमारा, और लोग कहते है वो लड़की बहुत शरीफ थी !!

बेवफ़ाई शायरी

जानकार भी तुम मुझे जान ना पाए, आज तक तुम मुझे पहचान ना पाए, खुद ही की है बेवफाई हमने, ताकी तुम पर इल्ज़ाम ना आए !!

बेवफ़ाई शायरी

वफ़ा करने से मुकर गया है दिल; अब प्यार करने से डर गया है दिल; अब किसी सहारे की बात मत करना; झूठे दिलासों से भर गया है अब यह दिल।

बेवफ़ाई शायरी

मशहूर हो गया हूँ तो ज़ाहिर है दोस्तो; इलज़ाम सौ तरह के मेरे सर भी आयेंगे; थोड़ा सा अपनी चाल बदल कर चलो; सीधे चले तो मुमकिन है पीठ में खंज़र भी आयेंगे।

बेवफ़ाई शायरी

वो पानी की लहरों पे क्या लिख रहा था; खुदा जाने हरफ-ऐ-दुआ लिख रहा था; महोब्बत में मिली थी नफरत उसे भी शायद; इसलिए हर शख्स को शायद बेवफा लिख रहा था।

बेवफ़ाई शायरी

हर पल कुछ सोचते रहने की आदत हो गयी है; हर आहट पे चौंक जाने की आदत हो गयी है; तेरे इश्क़ में ऐ बेवफा, हिज्र की रातों के संग; हमको भी जागते रहने की आदत हो गयी है।

बेवफ़ाई शायरी

ना जाने क्या सोच कर लहरें साहिल से टकराती हैं; और फिर समंदर में लौट जाती हैं; समझ नहीं आता कि किनारों से बेवफाई करती हैं; या फिर लौट कर समंदर से वफ़ा निभाती हैं।

बेवफ़ाई शायरी

हो गया हूँ मशहूर तो ज़ाहिर है दोस्तो; इलज़ाम सौ तरह के मेरे सर भी आयेंगे; थोड़ा सा अपनी चाल बदल कर चलो; सीधे चले तो मुमकिन है पीठ में खंज़र भी आयेंगे।

बेवफ़ाई शायरी

हर धड़कन में एक राज़ होता है; बात को बताने का भी एक अंदाज़ होता है; जब तक ना लगे ठोकर बेवाफ़ाई की; हर किसी को अपने प्यार पर नाज़ होता है।

बेवफ़ाई शायरी

जो ज़ख्म दे गए हो आप मुझे; ना जाने क्यों वो ज़ख्म भरता नहीं; चाहते तो हम भी हैं कि आपसे अब न मिलें; मगर ये जो दिल है कमबख्त कुछ समझता ही नहीं।

बेवफ़ाई शायरी

कभी ग़म तो कभी तन्हाई मार गयी; कभी याद आ कर उनकी जुदाई मार गयी; बहुत टूट कर चाहा जिसको हमने; आखिर में उनकी ही बेवफाई मार गयी।

बेवफ़ाई शायरी

तेरे इश्क़ ने दिया सुकून इतना; कि तेरे बाद कोई अच्छा न लगे; तुझे करनी है बेवफाई तो इस अदा से कर; कि तेरे बाद कोई बेवफ़ा न लगे।

बेवफ़ाई शायरी

हर पल कुछ सोचते रहने की आदत गयी है; हर आहट पे च चौंक जाने की आदत हो गयी है; तेरे इश्क़ में ऐ बेवफा, हिज्र की रातों के संग; हमको भी जागते रहने की आदत हो गयी है।

बेवफ़ाई शायरी

एक बार रोये तो रोते चले गए; दामन अश्कों से भिगोते चले गए; जब जाम मिला बेवफाई का तो; खुद को पैमाने में डुबोते चले गए।

बेवफ़ाई शायरी

एक ख़ुशी की चाह में हर ख़ुशी से दूर हुए हम; किसी से कुछ कह भी ना सके इतने मज़बूर हुए हम; ना आई उन्हें निभानी वफ़ा इस दौर-ए-इश्क़ में; और ज़माने की नज़र में बेवफ़ा के नाम से मशहूर हुए हम।

बेवफ़ाई शायरी

उनकी मोहब्बत के अभी निशान बाकी है; नाम लब पर है और जान बाकी है; क्या हुआ अगर देख कर मुँह फेर लेते हैं; तसल्ली है कि शक्ल की पहचान बाकी है।

बेवफ़ाई शायरी

वो निकल गए मेरे रास्ते से इस कदर कि; जैसे कि वो मुझे पहचानते ही नहीं; कितने ज़ख्म खाए हैं मेरे इस दिल ने; फिर भी हम उस बेवफ़ा को बेवफ़ा मानते ही नहीं।

बेवफ़ाई शायरी

कभी करीब तो कभी जुदा था तू; जाने किस-किस से ख़फ़ा है तू; मुझे तो तुझ पर खुद से ज्यादा यकीन था; पर ज़माना सच ही कहता था कि बेवफ़ा है तू।

बेवफ़ाई शायरी

ज़िंदगी से बस यही एक गिला है; ख़ुशी के बाद न जाने क्यों गम मिला है; हमने तो की थी वफ़ा उनसे जी भर के; पर नहीं जानते थे कि वफ़ा के बदले बेवफाई ही सिला है।

बेवफ़ाई शायरी

कोई भी नहीं यहाँ पर अपना होता; इस दुनिया ने ये सिखाया है हमको; उसकी बेवफाई का ना चर्चा करना; आज दिल ने ये समझाया है हमको

बेवफ़ाई शायरी

महफ़िल में कुछ तो सुनाना पड़ता है; ग़म छुपा कर मुस्कुराना पड़ता है; कभी हम भी उनके अज़ीज़ थे; आज-कल ये भी उन्हें याद दिलाना पड़ता है।

बेवफ़ाई शायरी

तेरी चौखट से सिर उठाऊं तो बेवफा कहना; तेरे सिवा किसी और को चाहूँ तो बेवफा कहना; मेरी वफाओं पे शक है तो खंजर उठा लेना; शौंक से मर ना जाऊं तो बेवफा कहना।

बेवफ़ाई शायरी

आग दिल में लगी जब वो खफा हुए; महसूस हुआ तब, जब वो जुदा हुए; करके वफ़ा कुछ दे ना सकें वो; पर बहुत कुछ दे गए जब वो बेवफा हुए।

बेवफ़ाई शायरी

जाने मेरी आँखों से कितने आँसू बह गए; इंसानो की इस भीड़ में देखो हम तनहा रह गए; करते थे जो कभी अपनी वफ़ा की बातें; आज वही सनम हमें बेवफ़ा कह गए।

बेवफ़ाई शायरी

ज़िन्दगी से बस यही गिला है; ख़ुशी के बाद क्यों ये गम मिला है; हमने तो उनसे वफ़ा की थी; पर नहीं जानते थे कि बेवफाई ही वफ़ा का सिला है।

बेवफ़ाई शायरी

जानते थे कि नहीं हो सकते कभी तुम हमारे; फिर भी खुदा से तुम्हें माँगने की आदत हो गयी; पैमाने वफ़ा क्या है, हमें क्या मालूम; कि बेवफाओं से दिल लगाने की आदत हो गयी।

बेवफ़ाई शायरी

कभी करीब तो कभी जुदा है तू; जाने किस-किस से खफा है तू; मुझे तो तुझ पर खुद से ज्यादा यकीं था; पर ज़माना सच ही कहता था कि बेवफ़ा है तू।

बेवफ़ाई शायरी

ना पूछ मेरे सब्र की इंतेहा कहाँ तक है; कर ले तू सितम, तेरी हसरत जहाँ तक है; वफ़ा की उम्मीद, जिन्हें होगी उन्हें होगी; हमें तो देखना है तू बेवफ़ा कहाँ तक है।

बेवफ़ाई शायरी

सब कुछ है मेरे पास पर दिल की दवा नहीं; दूर है वो मुझसे पर मैं उससे ख़फ़ा नहीं; मालूम है कि वो अब भी प्यार करता है मुझसे; वो थोड़ा सा ज़िद्दी है मगर बेवफ़ा नहीं।

बेवफ़ाई शायरी

वफ़ा पर हमने घर लुटाना था लेकिन; वफ़ा लौट गयी लुटाने से पहले; चिराग तमन्ना का जला तो दिया था; मगर बुझ गया जगमगाने से पहले।

बेवफ़ाई शायरी

लम्हा लम्हा सांसें ख़तम हो रही हैं; ज़िंदगी मौत के पहलू में सो रही है; उस बेवफा से ना पूछो मेरी मौत की वजह; वो तो ज़माने को दिखाने के लिए रो रही है।

बेवफ़ाई शायरी

ना मिलता गम तो बर्बादी के अफसाने कहाँ जाते; दुनिया अगर होती चमन तो वीराने कहाँ जाते; चलो अच्छा हुआ अपनों में कोई ग़ैर तो निकला; सभी अगर अपने होते तो बेगाने कहाँ जाते।

बेवफ़ाई शायरी

फ़र्ज़ था जो मेरा निभा दिया मैंने; उसने माँगा वो सब दे दिया मैंने; वो सुनके गैरों की बातें बेवफ़ा हो गयी; समझ के ख्वाब उसको आखिर भुला दिया मैंने।

बेवफ़ाई शायरी

जीने की तमन्ना बची कहाँ है; भुलाया जो है हमें आपने; यह तो बेवफ़ाई की हद ही है; जिसे पार किया था हमने।

बेवफ़ाई शायरी

चेहरों के लिए आईने कुर्बान किये है​;​​ इस शौक में अपने बड़े नुकसान किये है​;​​ महफ़िल में मुझे गालियाँ देकर है बहुत खुश​;​​ जिस शख्स पर मैंने बड़े एहसान किये है।

बेवफ़ाई शायरी

ज़ख़्म जब मेरे सिने के भर जाएँगे; आँसू भी मोती बनकर बिखर जाएँगे; ये मत पूछना किस किस ने धोखा दिया; वरना कुछ अपनो के चेहरे उतर जाएँगे।

बेवफ़ाई शायरी

कभी हम भी इसके क़रीब थे​; ​​दिलो जान से बढ़ कर अज़ीज थे​;​ ​​मगर आज ऐसे मिला है वो​;​ ​कभी पहले जैसे मिला ना हो​।

बेवफ़ाई शायरी

मज़बूरी में जब कोई जुदा होता है; ज़रूरी नहीं कि वो बेवफ़ा होता है; देकर वो आपकी आँखों में आँसू; अकेले में वो आपसे ज्यादा रोता है।

बेवफ़ाई शायरी

बिखरे हुए दिल ने भी उसके लिए फरियाद मांगी; मेरी साँसों ने भी हर पल उसकी ख़ुशी मांगी; जाने क्या मोहब्बत थी उस बेवफ़ा में; कि मैंने आखिरी फरियाद में भी उनकी वफ़ा मांगी।

बेवफ़ाई शायरी

तुमको समझाता हूँ इसलिए ए दोस्त; क्योंकि सबको ही आज़मा चुका हूँ मैं; कहीं तुमको भी पछताना ना पड़े यहाँ; कई हसीनों से धोखा खा चुका हूँ मैं।

बेवफ़ाई शायरी

खुदा तू ही बता हमारा क्या होगा; उजड़े हुए दिल का सहारा क्या होगा; घबराहट होती है मोहब्बत की नाव में बैठ कर; गर मझदार ये तो किनारा क्या होगा।

बेवफ़ाई शायरी

एक तेरी खातिर परेशाँ हूँ मैं; टूटे दिलों की जुबाँ हूँ मैं; तूने ठुकराया जिसको अपनाकर; उसी दीवाने का गुमां हूँ मैं।

बेवफ़ाई शायरी

मेरी मौत के सबब आप बने; इस दिल के रब आप बने; पहले मिसाल थे वफ़ा की; जाने यूँ बेवफ़ा कब आप बने।

बेवफ़ाई शायरी

जब भी उनकी गली से गुज़रता हूँ; मेरी आंखें एक दस्तक दे देती हैं; दुःख ये नहीं कि वो दरवाजा बंद कर देते है; खुशी ये है कि वो मुझे अब भी पहचान लेते हैं।

बेवफ़ाई शायरी

​यह ना थी हमारी क़िस्मत, कि विसाल-ए-यार होता; अगर और जीते रहते, यही इंतज़ार होता; तेरे वादे पर जाएँ हम, तो यह जान झूठ जाना; कि ख़ुशी से मर ना जाते, अगर ऐतबार होता।

बेवफ़ाई शायरी

महफ़िल ना सही, तन्हाई तो मिलती है; मिलें ना सही, जुदाई तो मिलती है; प्यार में कुछ नहीं मिलता; वफ़ा ना सही, बेवफ़ाई तो मिलती है।

बेवफ़ाई शायरी

एक इंसान मिला जो जीना सिखा गया; आंसुओं की नमी को पीना सिखा गया; कभी गुज़रती थी वीरानों में ज़िंदगी; वो शख्स वीरानों में महफ़िल सजा गया।

बेवफ़ाई शायरी

किया अपना बन कर जो तूने सनम; ना गैरों से वो कभी गैर करे; अगर हमें छोड़ कर जाना चाहते हो; जाओ चले जाओ अल्लाह खैर करे।

बेवफ़ाई शायरी

कदम यूँ ही डगमगा गए रास्ते में; वैसे संभालना हम भी जानते थे; ठोकर भी लगी तो उसी पत्थर से; जिसे हम अपना मानते थे।

बेवफ़ाई शायरी

​कहाँ से ​लाऊ हुनर उसे मनाने का​;​ कोई जवाब नहीं था उसके रूठ जाने का​;​ मोहब्बत में सजा मुझे ही मिलनी थी​;​ क्यूंकी जुर्म मैंने किया ​था ​उससे दिल लगाने का​।

बेवफ़ाई शायरी

​आग दिल में लगी जब वो खफा हुए;​ ​महसूस हुआ तब,​ ​जब वो जुदा हुए​; ​​करके वफ़ा कुछ दे न सके वो​ ​​पर बहुत कुछ दे गए जब वो बेवफा हुए।

बेवफ़ाई शायरी

ये देखा है हमने खुद को आज़माकर; धोखा देते हैं लोग करीब आकर; कहती है दुनिया पर दिल नहीं मानता; कि छोड़ जाओगे तुम भी एक दिन अपना बनाकार।

बेवफ़ाई शायरी

​बेवफाई उसकी मिटा के आया हूँ; ख़त उसके पानी में बहा के आया हूँ; कोई पढ़ न ले उस बेवफा की यादों को; इसलिए पानी में भी आग लगा कर आया हूँ।

बेवफ़ाई शायरी

इंसानों के कंधे पर इंसान जा रहे हैं; कफ़न में लिपट कर कुछ अरमान जा रहे हैं; जिन्हें मिली मोहब्बत में बेवफ़ाई; वफ़ा की तलाश में वो कब्रिस्तान जा रहे हैं।

बेवफ़ाई शायरी

​समझ जाते थे हम उनके दिल की हर बात ​को​;​ ​और ​वो हमें हर बार ​धोखा देते थे​;​ लेकिन हम भी मजबूर थे दिल के हाथों​;​ जो उन्हें बार​-​बार मौका देते थे​।

बेवफ़ाई शायरी

समेट कर ले जाओ अपने झूठे वादों के अधूरे क़िस्से; अगली मोहब्बत में तुम्हें फिर इनकी ज़रूरत पड़ेगी।

बेवफ़ाई शायरी

नहीं करती थी प्यार तो, मुझे बताया होता; गौर फरमाइएगा; नहीं करती थी प्यार तो, मुझे बताया होता; बुला के पार्क में यूं धोखे से अपने भाइयो से; तो ना पिटवाया होता।

बेवफ़ाई शायरी

वो बात ही कुछ अजीब थी; वो हमसे रूठ गयी, जो दिल के सबसे करीब थी; उसने तोड़ दिया दिल हमारा; और लोग कहते है वो लड़की बहुत सरीफ थी |

बेवफ़ाई शायरी

मत बहा आंसुओं में जिंदगी को; एक नए जीवन का आगाज़ कऱ; दिखानी है अगर दुश्मनी की हद तो; ज़िक्र भी मत कर, नज़र अंदाज़ कर।

बेवफ़ाई शायरी

दिल किसी से तब ही लगाना; जब दिलों को पढ़ना सीख लो; वरना हर एक चेहरे की फितरत में; ईमानदारी नहीं होती।

बेवफ़ाई शायरी

​​ठुकरा के उसने मुझे कहा ​कि मुस्कुराओ; मैं हंस दिया सवाल उसकी ख़ुशी का था; मैंने खोया वो जो मेरा था ​ही नहीं; उसने खोया वो जो सिर्फ उसी का था।

बेवफ़ाई शायरी

वफाओं ​की बातें की हमने जफ़ाओं के सामने​;​ ​ ले चले हम चिराग़ हवाओं के सामने​;​ ​ उठे हैं जब भी हाथ बदली हैं क़िस्मतें​; ​ मजबूर है ​खुदा भी दुआओं के सामने​। ​ ​

बेवफ़ाई शायरी

ऐसा नहीं कि आप हमें याद नहीं आते; माना कि जहाँ के सब रिश्ते निभाये नहीं जाते; पर जो बस जाते हैं दिल में वो भुलाए नहीं जाते; बेवफाओं से हर तरह के रिश्ते निभाये नहीं जाते।

बेवफ़ाई शायरी

उसके चेहरे पर इस कदर नूर था; कि उसकी याद में रोना भी मंज़ूर था; बेवफ़ा भी नहीं कह सकते उसको फराज़; प्यार तो हमने किया है वो तो बेक़सूर था।

बेवफ़ाई शायरी

जनाजा मेरा उठ रहा था; फिर भी तकलीफ थी उसे आने में; बेवफा घर में बैठी पूछ रही थी; और कितनी देर है दफनाने में!

बेवफ़ाई शायरी

हर धड़कन में एक राज़ होता है; बात को बताने का एक अंदाज़ होता है; जब तक ठोकर न लगे बेवाफ़ाई की; हर किसी को अपने प्यार पर नाज़ होता है।

बेवफ़ाई शायरी

दो दिलों की धड़कनों में एक साज़ होता है; सबको अपनी-अपनी मोहब्बत पर नाज़ होता है; उसमें से हर एक बेवफा नहीं होता; उसकी बेवफ़ाई के पीछे भी कोई राज होता है!

बेवफ़ाई शायरी

लगाया है जो दाग तूने हमें बेवफ़ा सनम; हाय मेरी पाक मुहब्बत पर; लगाये बैठे हैं इसे अपने सीने से हम; प्यार की निशानी समझ कर।

बेवफ़ाई शायरी

हम तो तेरे दिल की महफ़िल सजाने आए थे; तेरी कसम तुझे अपना बनाने आए थे; किस बात की सजा दी तुने हमको बेवफा; हम तो तेरे दर्द को अपना बनाने आए थे।

बेवफ़ाई शायरी

चाँद निकलेगा तो दुआ मांगेंगे; अपने हिस्से में मुकदर का लिखा मांगेंगे; हम तलबगार नहीं दुनिया और दौलत के; हम रब से सिर्फ आपकी वफ़ा मांगेंगे!

बेवफ़ाई शायरी

मेरी तक़दीर में जलना है तो जल जाऊँगा; तेरा वादा तो नहीं हूँ जो बदल जाऊँगा; मुझको समझाओ न मेरी जिंदगी के असूल; एक दिन मैं खुद ही ठोकर खा के संभल जाऊँगा।

बेवफ़ाई शायरी

क्या बताऊँ मेरा हाल कैसा है; एक दिन गुज़रता है एक साल जैसा है; तड़पता हूँ इस कदर बेवफाई में उसकी; ये तन बनता जा रहा कंकाल जैसा है।

बेवफ़ाई शायरी

आपकी नशीली यादों में डूबकर; हमने इश्क की गहराई को समझा; आप तो दे रहे थे धोखा और; हमने जानकर भी कभी आपको बेवफा न समझा।

बेवफ़ाई शायरी

मत ज़िकर कीजिये मेरी अदा के बारे में; मैं बहुत कुछ जानता हूँ वफ़ा के बारे में; सुना है वो भी मोहब्बत का शोक़ रखते हैं; जो जानते ही नहीं वफ़ा के बारे में।

बेवफ़ाई शायरी

आग दिल में लगी जब वो खफ़ा हुए; महसूस हुआ तब, जब वो जुदा हुए; करके वफ़ा कुछ दे ना सके वो; पर बहुत कुछ दे गए जब वो बेवफ़ा!

बेवफ़ाई शायरी

हमनें अपनी साँसों पर उनका नाम लिख लिया; नहीं जानते थे कि हमनें कुछ गलत किया; वो प्यार का वादा करके हमसे मुकर गए; ख़ैर उनकी बेवाफाई से हमनें कुछ तो सबक लिया!

बेवफ़ाई शायरी

प्यार करने का हुनर हमें आता नहीं; इसीलिए हम प्यार की बाज़ी हार गए; हमारी ज़िन्दगी से उन्हें बहुत प्यार था; शायद इसीलिए वो हमें ज़िंदा ही मार गए!

बेवफ़ाई शायरी

आग दिल में लगी जब वो खफ़ा हुए; महसूस हुआ तब, जब वो जुदा हुए; करके वफ़ा कुछ दे ना सके वो; पर बहुत कुछ दे गए जब वो बेवफ़ा हुए!

बेवफ़ाई शायरी

ना पूछ मेरे सब्र की इंतहा कहाँ तक है; तू सितम कर ले, तेरी हसरत जहाँ तक है; वफ़ा की उम्मीद, जिन्हें होगी उन्हें होगी; हमें तो देखना है, तू बेवफ़ा कहाँ तक है।

बेवफ़ाई शायरी

इंसान के कंधों पर ईंसान जा रहा था; कफ़न में लिपटा अरमान जा रहा था; जिन्हें मिली बे-वफ़ाई महोब्बत में; वफ़ा की तलाश में श्मशान जा रहा था।

बेवफ़ाई शायरी

वो तो दिवानी थी मुझे तन्हां छोड़ गई; खुद न रुकी तो अपना साया छोड़ गई; दुख न सही गम इस बात का है; आंखो से करके वादा होंठो से तोड़ गई।

बेवफ़ाई शायरी

जिंदगी देने वाले, मरता छोड़ गये; अपनापन जताने वाले तन्हा छोड़ गये; जब पड़ी जरूरत हमें अपने हमसफर की; वो जो साथ चलने वाले रास्ता मोड़ गये।

बेवफ़ाई शायरी

तेरी दोस्ती ने दिया सकूं इतना; की तेरे बाद कोई अच्छा न लगे; तुझे करनी है बेवफ़ाई तो इस अदा से कर; कि तेरे बाद कोई भी बेवफ़ा न लगे।

बेवफ़ाई शायरी

दुनियाँ को इसका चेहरा दिखाना पड़ा मुझे; पर्दा जो दरमियां था हटाना पड़ा मुझे; रुसवाईयों के खौफ से महफिल में आज; फिर इस बेवफा से हाथ मिलाना पड़ा मुझे।

बेवफ़ाई शायरी

प्यार में बेवाफाई मिले तो गम न करना; अपनी आँखे किसी के लिए नम न करना; वो चाहे लाख नफरते करें तुमसे; पर तुम अपना प्यार कभी उसके लिए कम न करना।

बेवफ़ाई शायरी

वो छोड़ के गए हमें; न जाने उनकी क्या मजबूरी थी; खुदा ने कहा इसमें उनका कोई कसूर नहीं; ये कहानी तो मैंने लिखी ही अधूरी थी।

बेवफ़ाई शायरी

पल पल उसका साथ निभाते हम; एक इशारे पर दुनिया छोड़ जाते हम; समुन्दर के बीच में पहुंचकर फरेब किया उसने; वो कहता तो किनारे पर ही डूब जाते हम।

बेवफ़ाई शायरी

मत पूछ मेरे सब्र की इन्तेहा कहाँ तक है; तु सितम कर ले, तेरी ताक़त जहाँ तक है; व़फा की उम्मीद जिन्हें होगी, उन्हें होगी; हमें तो देखना है, तू ज़ालिम कहाँ तक है!

बेवफ़ाई शायरी

जानकार भी तुम मुझे जान ना पाए; आजतक तुम मुझे पहचान ना पाए; खुद ही की है बेवाफाई तुमने; ताकि तुम पर इल्ज़ाम ना आए!

बेवफ़ाई शायरी

अगर दुनिया में जीने की चाहत ना होती; तो खुदा ने मोहब्बत बनाई ना होती; लोग मरने की आरज़ू ना करते; अगर मोहब्बत में बेवाफ़ाई ना होती!

बेवफ़ाई शायरी

शायरी नहीं आती मुझे बस हाले दिल सुना रही हूँ; बेवफ़ाई का इलज़ाम है, मुझपर फिर भी गुनगुना रही हूँ; क़त्ल करने वाले ने कातिल भी हमें ही बना दिया; खफ़ा नहीं उससे फिर भी मैं बस, उसका दामन बचा रही हूँ।

बेवफ़ाई शायरी

प्यार किया था तो प्यार का अंजाम कहाँ मालूम था! वफ़ा के बदले मिलेगी बेवफाई कहाँ मालूम था! सोचा था तैर के पार कर लेंगे प्यार के दरिया को! पर बीच दरिया मिल जायेगा भंवर कहाँ मालूम था!

बेवफ़ाई शायरी

उन्होंने जो किया ये शायद उनकी फितरत है! अपने लिये तो प्यार एक इबादत है! न मिले उनसे तो मरकर बता देंगे! कि कितनी मुहब्बत है इस दिल में!

बेवफ़ाई शायरी

कहती है दुनिया जिसे प्यार, नशा है , खताह है! हमने भी किया है प्यार , इसलिए हमे भी पता है! मिलती है थोड़ी खुशियाँ ज्यादा गम! पर इसमें ठोकर खाने का भी कुछ अलग ही मज़ा है!

बेवफ़ाई शायरी

मैंने प्यार किया बड़े होश के साथ! मैंने प्यार किया बड़े जोश के साथ! पर हम अब प्यार करेंगे बड़ी सोच के साथ! क्योंकि कल उसे देखा मैंने किसी और के साथ!

बेवफ़ाई शायरी

हमें न मोहब्बत मिली न प्यार मिला; हम को जो भी मिला बेवफा यार मिला! अपनी तो बन गई तमाशा ज़िन्दगी; हर कोई अपने मकसद का तलबगार मिला!

बेवफ़ाई शायरी

मेरी मौत के सबब आप बने इस दिल के रब आप बने पहले मिसाल थे वफ़ा की जाने यूँ बेवफ़ा कब आप बने!!

बेवफ़ाई शायरी

मेरी तक़दीर में जलना है तो जल जाऊँगा तेरा वादा तो नहीं हूँ जो बदल जाऊँगा मुझको समझाओ न मेरी जिंदगी के असूल एक दिन मैं खुद ही ठोकर खा के संभल जाऊँगा!!

बेवफ़ाई शायरी

मत ज़िकर कीजिये मेरी अदा के बारे में मैं बहुत कुछ जानता हूँ वफ़ा के बारे में सुना है वो भी मोहब्बत का शोक़ रखते हैं जो जानते ही नहीं वफ़ा के बारे में!!

बेवफ़ाई शायरी

फ़र्ज़ था जो मेरा निभा दिया मैंने उसने माँगा वो सब दे दिया मैंने वो सुनके गैरों की बातें बेवफ़ा हो गयी समझ के ख्वाब उसको आखिर भुला दिया मैंने!!

बेवफ़ाई शायरी

प्यार करने का हुनर हमें आता नहीं इसीलिए हम प्यार की बाज़ी हार गए हमारी ज़िन्दगी से उन्हें बहुत प्यार था शायद इसीलिए वो हमें ज़िंदा ही मार गए!!

बेवफ़ाई शायरी

ना पूछ मेरे सब्र की इंतेहा कहाँ तक है कर ले तू सितम तेरी हसरत जहाँ तक है वफ़ा की उम्मीद जिन्हें होगी उन्हें होगी हमें तो देखना है तू बेवफ़ा कहाँ तक है!!

बेवफ़ाई शायरी

तेरे इश्क़ ने दिया सुकून इतना कि तेरे बाद कोई अच्छा न लगे तुझे करनी है बेवफाई तो इस अदा से कर कि तेरे बाद कोई बेवफ़ा न लगे!!

बेवफ़ाई शायरी

तेरी दोस्ती ने दिया सकूं इतना की तेरे बाद कोई अच्छा न लगे तुझे करनी है बेवफ़ाई तो इस अदा से कर कि तेरे बाद कोई भी बेवफ़ा न लगे!!

बेवफ़ाई शायरी

ज़िन्दगी से बस यही गिला है ख़ुशी के बाद क्यों ये गम मिला है हमने तो उनसे वफ़ा की थी पर नहीं जानते थे कि बेवफाई ही वफ़ा का सिला है!!

बेवफ़ाई शायरी

कोई भी नहीं यहाँ पर अपना होता इस दुनिया ने ये सिखाया है हमको उसकी बेवफाई का ना चर्चा करना आज दिल ने ये समझाया है हमको

बेवफ़ाई शायरी

किया अपना बन कर जो तूने सनम ना गैरों से वो कभी गैर करे अगर हमें छोड़ कर जाना चाहते हो जाओ चले जाओ अल्लाह खैर करे!!

बेवफ़ाई शायरी

कभी हम भी इसके क़रीब थे दिलो जान से बढ़ कर अज़ीज थे मगर आज ऐसे मिला है वो कभी पहले जैसे मिला ना हो!!

बेवफ़ाई शायरी

ऐसा नहीं कि आप हमें याद नहीं आते माना कि जहाँ के सब रिश्ते निभाये नहीं जाते पर जो बस जाते हैं दिल में वो भुलाए नहीं जाते बेवफाओं से हर तरह के रिश्ते निभाये नहीं जाते!!

बेवफ़ाई शायरी

एक ख़ुशी की चाह में हर ख़ुशी से दूर हुए हम किसी से कुछ कह भी ना सके इतने मज़बूर हुए हम ना आई उन्हें निभानी वफ़ा इस दौर-ए-इश्क़ में और ज़माने की नज़र में बेवफ़ा के नाम से मशहूर हुए हम!!

बेवफ़ाई शायरी

उन्होंने जो किया ये शायद उनकी फितरत है!! अपने लिये तो प्यार एक इबादत है!! न मिले उनसे तो मरकर बता देंगे!! कि कितनी मुहब्बत है इस दिल में!!

बेवफ़ाई शायरी

इंसानों के कंधे पर इंसान जा रहे हैं कफ़न में लिपट कर कुछ अरमान जा रहे हैं जिन्हें मिली मोहब्बत में बेवफ़ाई वफ़ा की तलाश में वो कब्रिस्तान जा रहे हैं!!

बेवफ़ाई शायरी

आग दिल में लगी जब वो खफा हुए महसूस हुआ तब जब वो जुदा हुए करके वफ़ा कुछ दे न सके वो पर बहुत कुछ दे गए जब वो बेवफा हुए!!

बेवफ़ाई शायरी

अगर दुनिया में जीने की चाहत ना होती तो खुदा ने मोहब्बत बनाई ना होती लोग मरने की आरज़ू ना करते अगर मोहब्बत में बेवाफ़ाई ना होती!!

बेवफ़ाई शायरी

ठुकरा के उसने मुझे कहा कि मुस्कुराओ मैं हंस दिया सवाल उसकी ख़ुशी का था मैंने खोया वो जो मेरा था ही नहीं उसने खोया वो जो सिर्फ उसी का था!!

बेवफ़ाई शायरी

वक्त के इस मोड़ पे कैसा वक्त आया है झखम इस दिल का जुबां पे आया है नहीं रोते थे हम काँटों की चुभन से आज फूलों की चुभनने हमको रुलाया है !!

बेवफ़ाई शायरी

शाम उदास थीसुबह उदास थी कफ़न में लिपटी मेरी लाश थी ए मेरे दोस्तों मुझे वहीँ दफनाना जहाँ उनसे पहली मुलाक़ात हुई थी !!

बेवफ़ाई शायरी

झख्म इतना गहरा है की इजहार क्या करे हम खुद निशान बन गए वार क्या करे मर गए हम मगर खुली रही आँखें अब इससे ज्यादा उनका इन्तजार क्या करे !!

बेवफ़ाई शायरी

हम उसे भूल कर भी नहीं जी सकते हम उसे याद करके भी नहीं जी सकते मर जाते कब के उनके बिना पर क्या करे उनकी बाहों के बिना मर भी नहीं सकते !!

बेवफ़ाई शायरी

कदम यूँ ही डगमगा गए रास्ते में वर्ना संभलना हम भी जानते थे ठोकर भी लगी तो उस पत्थर से जिसे हम अपना खुदा मानते थे !!

बेवफ़ाई शायरी

यूँ तो कोई तनहा नहीं होता छह कर भी कोई जुदा नहीं होता मोहब्बत को तो मजबूरियां ही ले डूबती है वरना ख़ुशी से कोई बेवफा नहीं होता !!

बेवफ़ाई शायरी

जख्म जब मेरे सीने के भर जायेंगें आसूं भी मोती बन कर बिखर जायेंगें मत पूछना किस-किस ने धोखा दिया वर्ना कुछ अपनों के चेहरे उतर जायेंगें !!

बेवफ़ाई शायरी

सदियों से जागी आँखों को एक बार सुलाने आ जाओ माना कि तुमको प्यार नहीं नफ़रत ही जताने आ जाओ जिस मोड़ पे हमको छोड़ गए हम बैठे अब तक सोच रहे क्या भूल हुई क्यों जुदा हुए बस यह समझाने आ जाओ !!

बेवफ़ाई शायरी

मत ज़िकर कीजिये मेरी अदा के बारे में मैं बहुत कुछ जानता हूँ वफ़ा के बारे में सुना है वो भी मोहब्बत का शोक़ रखते हैं जो जानते ही नहीं वफ़ा के बारे में !!

बेवफ़ाई शायरी

मर जाऊं मैं अगर तो आंसू मत बहाना बस कफ़न की जगह अपना दुपट्टा चढ़ा देना कोई पूछे की रोग क्या था तो सर झुका कर मोहब्बत बता देना !!

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ज़िन्दगी से बस यही गिला हैं ख़ुशी के बाद क्यूँ गम मिला हैं हमने तो उनसे वफ़ा की थी पर नहीं जानते थे वफ़ा के बेवफाई ही सिला हैं !!

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क्यूँ ख़त लिखती हो अब चाहत कैसी ? जब जुदा हो ही गई हो तो महोब्बत कैसी ? मुझे तो तुम्हारी वफाओं पर बड़ा नाज था तू बेवफा निकली तो तुजसे अब शिकायत कैसी ?

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अब तो खुदा पर भी एतबार नहीं अपनी जिन्दगी से भी प्यार नहीं तू कभी भूल से भी हमें प्यार करे तेरी कसम हमें इसका एतबार नहीं !!

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जो फरेब खाए मैंनेतुझे राजदां समजकर उन्हें कैसे भूल जाऊंमैं एक दास्ताँ समजकर मुझे गौर से ना देखोमैं वो नामुराद दिल हु जिसे तूने रोंद डालाएक बेजुबां समजकर !!

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एक ख़ुशी भी इनायत ना हुई याद रहे साकिया जाते हैमहेफिल तेरी आबाद रहे तेरे सारे गम खुदा मुझे दे दे ए सनम चाहे मैं नाशाद रहूतू हमेशा शाद रहे !!

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अपने बेवफा दिल को सैमझा रहे है वो और आंसू बेहिसाब बहा रहे है वो मेरे खुदा मुझे थोड़ी जिन्दगी और दे दे उदास मेरे जनाजे से जा रहे है वो !!

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बेवफा तूने वफ़ा को छोड़ दिया क्या कमी थी जो मुझसे मुह मोड़ लिया ? शायद बेवफाई करने में तुमको आता है मजा मुजको छोड़कर गैरो से नाता जोड़ लिया !!

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जी ते जी ना ही सही मुझे मार कर ही सुकून पाएगी आज साथ ले चल मुझे ए बेवफा कल तो मेरी मैयत उठा ली जायेगी !!

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जब जब मुझसे मिलने को उसने कदम बढ़ाये होंगे अहम् के जाने कितने पत्थर उन राहों में आये होंगे प्रेम के कितने ही प्रसून खिले और मुरझाये होंगे कब सोचा था दिल में बसनेवाले इस कदर पराये होंगे !!

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तुझे भूला कर भी न भूल पाएं हम बस यही एक वादा नहीं निभा पाएं हम मिटा देगे खुद को भी जान से लेकिन तेरा नाम दिल से न मिटा पाएंगे हम !!

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सदमा तो है मुझे भी कि तुझसे जुदा हूं मैं लेकिन ये सोचता हूं कि अब तेरा क्या हूं मैं बिखरा पड़ा है तेरे ही घर में तेरा वजूद बेकार महफिलों में तुझे ढूंढता हूं मैं !!

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जब मुझसे मोहब्बत ही नहीं तो रोकते क्यूं हो? तन्हाई में मेरे बारे में सोचते क्यूं हो ? जब मंजिले जुदा है तो जाने दो मुझे लौट के कब आओगे ये पूछते क्यों हो ?

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पी कर रात में उनको भुलाने लगे गम को शराब में मिलाने लगे ये शराब भी बेवफा निकली यारो वो तो हमें और भी याद आने लगे !!

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प्यार में हमारे सब्र का इम्तेहा तो देखो वो मेरी बाहों में सो गई रोते-रोते किसी और के लिए !!

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कोई ऐसी सजा दो मुझको चलो भुला दो मुझको। तुम से जुदा हूं तो मौत आ जाए दिल की गहराईयों से ये दुआ दो मुझको !!

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रोने की सजा न रुलाने की सजा है ये दर्द मुहब्बत को निभाने की सजा है हंसते हैं तो आंखो से निकल आते हैं आंसू ये उस शख्स से दिल लगाने की सजा है !!

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मौत मांगते हैं तो जिन्दगी खफा हो जाती है जहर लेते हैं तो वो भी दवा हो जाती है तू ही बता ऐ दोस्त क्या करूं जिसे भी चाहा वो बेवफा हो जाती है !!

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तमन्ना जब किसी की नाकाम होती है जिन्दगी उस की एक उदास शाम होती है दिल के साथ दौलत ना हो जिसके पास मोहब्बत उस गरीब की निलाम होती है !!

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आजमा कर देखिए हर शख्स को दुनिया में वो पहले वफा दिखाते हैं फिर दगा करते हैं वफा करते हैं ताकि ऐतबार वो पा ले फिर बेवफाई का फर्ज वो अदा करते हैं !!

बेवफ़ाई शायरी

करोगे याद एक दिन दोस्ती के जमाने को हम चले जाएंगे एक दिन कभी न वापस आने को जिक्र जब छेड़ देगा कोई महफिल में हमारा चले जाओगे तुम भी तन्हाई में आंसू बहाने को !!

बेवफ़ाई शायरी

हमने भी कभी प्यार किया था थोड़ा नही बेशुमार किया था दिल टूट कर रह गया जब उसने कहा अरे मैंने तो मजाक किया था !!

बेवफ़ाई शायरी

शायरी नहीं आती मुझे बस हाले दिल सुना रही हूं बेवफाई का इल्जाम है मुझपर फिर भी गुनगुना रही हूं कत्ल करने वाले ने कातिल भी हमें ही बना दिया खफा नहीं उससे फिर भी मैं बस उसका दामन बचा रही हू !!