दर्द शायरी
तुमको छुपा रखा हे इन पलकों मे,पर इनको ये बताना नहीं आया,सोते हुए भीग जाती हे पलके मेरी,पलकों को अब तक दर्द छुपाना नहीं आया
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दर्द शायरी
रोने से किसी को पाया नहीं जाता, खोने से किसी को भुलाया नहीं जाता, वक्त सबको मिलता है जिन्दगी बदलने के लिए, पर जिन्दगी नहीं मिलती वक्त बदलने के लिए
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दर्द शायरी
आँखों में रहा दिल में उतर कर नहीं देखाकश्ती के मुसाफिर ने समंदर नहीं देखापत्थर मुझे कहता है मेरा चाहने वालामैं मोम हूँ उसने मुझे छू कर नहीं देखा
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दर्द शायरी
शिकायत है उन्हें कि,हमें मोहब्बत करना नही आता,शिकवा तो इस दिल को भी है,पर इसे शिकायत करना नहीं आता
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दर्द शायरी
बिन बात के ही रूठने की आदत है;किसी अपने का साथ पाने की चाहत है;आप खुश रहें, मेरा क्या है;मैं तो आइना हूँ, मुझे तो टूटने की आदत है.
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दर्द शायरी
तन्हा रहना तो सीख लिया हमने,लेकिन खुश कभी ना रह पाएंगे,तेरी दूरी तो फिर भी सह लेता ये दिल,लेकिन तेरी मोहब्बत के बिना ना जी पाएंगे.
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दर्द शायरी
हंसने के बाद क्यों रुलाती है दुनियां,जाने के बाद क्यों भुला देती है ये दुनियां,जिंदगी में क्या कोई कसर बाकी थी,जो मरने के बाद भी जला देती है ये दुनियां.
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दर्द शायरी
तेरी उल्फत को कभी नाकाम ना होने देंगे,तेरी दोस्ती को कभी बदनाम ना होने देंगे,मेरी जिंदगी में कभी सूरज निकले ना निकले,तेरी जिंदगी में कभी शाम नहीं होने देंगे.
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दर्द शायरी
लोग कहते हैं किसी एक के चले जाने से जिन्दगी अधूरी नहीं होती,लेकिन लाखों के मिल जाने से उस एक की कमी पूरी नहीं होती है
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दर्द शायरी
उनका भी कभी हम दीदार करते हैउनसे भी कभी हम प्यार करते हैक्या करे जो उनको हमारी जरुरत न थीपर फिर भी हम उनका इंतज़ार करते है.
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दर्द शायरी
ज़िंदगी ज़िंदगी नहीं जबतक मोहब्बत होती नही,ज़िंदगी ज़िंदगी नहीं जबतक मोहब्बत होती नही, मोहब्बत मोहब्बत नही जब तक हसा कर रुला देती नही.
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दर्द शायरी
ये जान गँवा दी, ये जुबां गँवा दी,
हमने तेरे इश्क में दो जहान गँवा दी,
सीने में पड़े थे दिल के हजार टुकड़े,
एक नज़र से तूने उनमें आग लगा दी.
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दर्द शायरी
वो हर बार अगर रूप बदल कर न आया होता,
धोका मैने न उस शख्स से यूँ खाया होता,
रहता अगर याद कर तुझे लौट के आती ही नहीं,
ज़िन्दगी फिर मैने तुझे यु न गवाया होता
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दर्द शायरी
यह आरजू नहीं कि किसी को भुलाएं हम;
न तमन्ना है कि किसी को रुलाएं हम;
जिसको जितना याद करते हैं;
उसे भी उतना याद आयें हम.
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दर्द शायरी
गुलसन है अगर सफ़र जिंदगी का तो इसकी मंजिल समशान क्यों है?
जब जुदाई है प्यार का मतलब तो फिर प्यार वाला हैरान क्यों है?
अगर जीना ही है मरने के लिए तो जिंदगी ये वरदान क्यों है?
जो कभी न मिले उससे ही लग जाता है दिल,आखिर ये दिल इतना नादान क्यों है?
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दर्द शायरी
प्रेम करके हमने क्या पाया है,
बस अपना समय किया जाया है,
इश्क़ किया जिससे ज़हां से ज़्यादा,
उससे हमने बस धोखा खाया है.
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दर्द शायरी
"उसकी पलकों से आँसू को चुरा रहे थे हम, उसके ग़मोको हंसींसे सजा रहे थे हम, जलाया उसी दिए ने मेरा हाथ जिसकी लो को हवासे बचा रहे थे हम"
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दर्द शायरी
"आप बेवफा होंगे सोचा ही नहीं था, आप भी कभी खफा होंगे सोचा नहीं था, जो गीत लिखे थे कभी प्यार पर तेरे,
वही गीत रुसवा होंगे सोचा ही नहीं था."
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दर्द शायरी
"मेरे इश्क में दर्द नहीं था पर दिल मेरा बे दर्द नहीं था, होती थी मेरी आँखों से नीर की बरसात, पर उनके लिए आंसू और पानी में फर्क नहीं था "
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दर्द शायरी
"काश कोई हम पर प्यार जताता, हमारी आंखों को अपने होंठों से छुपाता, हम जब पूछते कौन हो तुम, मुस्कुरा कर वो अपने आप को हमारी जान बताता"
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दर्द शायरी
"जिनकी आंखें आंसू से नम नहीं, क्या समझते हो उसे कोई गम नहीं, तुम तड़प कर रो दिये तो क्या हुआ, गम छुपा के हंसने वाले भी कम नहीं"
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दर्द शायरी
"ना पूछ मेरे सब्र की इंतेहा कहाँ तक हैं, तू सितम कर ले, तेरी हसरत जहाँ तक हैं, वफ़ा की उम्मीद, जिन्हें होगी उन्हें होगी,
हमें तो देखना है, तू बेवफ़ा कहाँ तक हैं."
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दर्द शायरी
"कोई अच्छी सी सज़ा दो मुझको, चलो ऐसा करो भूला दो मुझको, तुमसे बिछडु तो मौत आ जाये, दिल की गहराई से ऐसी दुआ दो मुझको"
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दर्द शायरी
"जिंदगी देने वाले , मरता छोड़ गये, अपनापन जताने वाले तन्हा छोड़ गये,जब पड़ी जरूरत हमें अपने हमसफर की, वो जो साथ चलने वाले, रास्ता मोड़ गये"
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दर्द शायरी
"दर्द देने का अंदाज कुछ ऐसा है
दर्द दे कर कहते है अब हाल कैसा है, ज़हर दे कर कहते है अब पीना होगा, जब पी लिए तो कहते है अब जीना होगा"
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दर्द शायरी
"ज़िंदगी से यू चले है इल्ज़ाम लेकर, बहुत जी चुके उसका नाम लेकर, अकेले बाते करेंगे वो इन सितारो से, जब हम चले जाएँगे उन्हे सारा आसमान देकर"
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दर्द शायरी
"बेताब से रहते हे तेरी याद मे अक्सर, रात भर नही सोते तेरी याद मे अक्सर, जिस्म मे दर्द का बहाना सा बना के, हम टूट के रोते हे तेरी याद मे अक्सर"
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दर्द शायरी
"ज़ख़्म जब मेरे सिने के भर जाएँगे, आँसू भी मोती बनकर बिखर जाएँगे, ये मत पूछना किस किस ने धोखा दिया, वरना कुछ अपनो के चेहरे उतर जाएँगे"
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दर्द शायरी
"मेरे अल्फाज़ों को झूठ ना समझना,याद आती हो बहुत मिलने की दुआ करना, जी रहा हूँ तुम्हारा नाम लेकर, मर जाऊ तो बेवफा ना समझना"
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दर्द शायरी
"कभी रो के मुस्कुराए, कभी मुस्कुरा के रोए, जब भी तेरी याद आई तुझे भुला के रोए,
एक तेरा ही तो नाम था जिसे हज़ार बार लिखा,जितना लिख के खुश हुए उस से ज़यादा मिटा के रोए."
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दर्द शायरी
"रोने से किसी को पाया नहीं जाता, खोने से किसी को भुलाया नहीं जाता, वक्त सबको मिलता है जिन्दगी बदलने के लिए,पर जिन्दगी नहीं मिलती वक्त बदलने के लिए"
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दर्द शायरी
"मिलके बिछड़ना दस्तूर है जिंदगी का,
एक यही किस्स मशहूर है जिंदगी का,
बीते हुए पल कभी लौट कर नहीं आते,
यही सबसे बड़ा कसूर है जिंदगी का।"
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दर्द शायरी
"हमारे आंसूं पोंछ कर वो मुस्कुराते हैं,
उनकी इस अदा से वो दिल को चुराते हैं,
हाथ उनका छू जाये हमारे चेहरे को,
इसी उम्मीद में हम खुद को रुलाते हैं।"
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दर्द शायरी
"मत रख हमसे वफा की उम्मीद,
हमने हर दम बेवफाई पायी है,
मत ढूंढ हमारे जिस्म पे जख्म के निशान,
हमने हर चोट दिल पे खायी है।"
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दर्द शायरी
"क्यों कोई चाह कर महोब्बत निभा नहींपाता,
क्यों कोई चाह कर रिश्ता बना नहीं पाता,
क्यों लेती है जिंदगी ऐसी करवट,
कि कोई चाह कर भी प्यार जता नहीं पाता।"
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दर्द शायरी
"पहले कभी ये यादें ये तनहाई ना थी,
कभी दिल पे मदहोशी छायी ना थी,
जाने क्या असर कर गयीं उसकी बातें,
वरना इस तरह कभी याद किसी की आयी ना थी।"
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दर्द शायरी
"हमारी दास्तां उसे कहां कबूल थी,
मेरी वफायें उसके लिये फिजूल थीं,
कोई आस नहीं लेकिन कोई इतना बतादो,
मैंने चाहा उसे क्या ये मेरी भूल थी।"
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दर्द शायरी
"तिनका तिनका तूफान में बिखरते चले गये,
तनहायी की गहराईयो में उतरते चले गये,
उड़ते थे जिनके सहारे आसमांन में हम,
एक एक करके सब बिछड़ते चले गये।"
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दर्द शायरी
"आंसूं पीते हैं प्यास बुझाने के लिये,
आग हमने ही लगायी थी खुद को जलाने के लिये,
इस जनम में तो मुमकिन नहीं,
और जनम लगेंगे आपको भुलाने के लिये।"
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दर्द शायरी
"उसकी बातों को बार बार याद करके रोये,
उसके लिये दर पे फरियाद करके रोये,
उसकी खुशी के लिये उसको छोड दियाफिर उसे किसी ओर के साथ आबाद करके रोये."
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दर्द शायरी
"कब्र के सन्नाटे में से एक आवाज़ आयी,
किसी ने फूल रखके आंसूं की दो बूंद बहायी,
जब तक था जिंदा तब तक ठोकर खायी,
अब सो रहा हूं तो उसको मेरी याद आयी।"
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दर्द शायरी
"ज़िन्दगी ने आज कह दिया है मुझे,
किसी और से प्यार है,
मेरी मौत से पूछो,
अब उसे किस बात का इंतज़ार है."
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दर्द शायरी
"वो सूरज की तरह आग उगलते रहे,
हम मुसाफिर सफ़र पर ही चलते रहे,
वो बीते वक़्त थे, उन्हें आना न था,
हम सारी रात करवट बदलते रहे."
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दर्द शायरी
"नसीबों के खेल भी अजीब होते हैं,
प्यार में आंसू ही नसीब होते हैं,
कौन होना चाहता हे अपनों से जुदा,
पर अक्सर बिछड़ते हैं वो जो करीब होते हैं.. "
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दर्द शायरी
"कल उसकी याद पूरी रात आती रही,
हम जागे पूरी दुनिया सोती रही,
आसमान में बिजली पूरी रात होती रही,
बस एक बारिश थी जो मेरे साथ रोतीरही."
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दर्द शायरी
"तकदीर ने जैसे चाहा ढल गए हम,
यूं तो संभल के चले थे फिर भी फिसलगए हम.
अपना यकीं है की दुनिया बदल गयी,
पर सबका ख्याल है के बदल गए हम."
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दर्द शायरी
"मोहब्बत मुकदर है एक ख्वाब नही,
ये वोह अदा है कि सब जिसमे कामयाब नही.
जिन्हें पनाह मिली उंगलियो पर गिनलो उन्हें,
मगर जिनके कतल हुए उनका कोई हिसाब नहीं."
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दर्द शायरी
"दिल में है जो दर्द वो किसे बताएं,
हँसते हुए ज़ख्म किसे दिखाएँ.
कहती है ये दुनिया हमे खुशनसीब,
मगर नसीब की दास्तान किसे सुनाएँ."
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दर्द शायरी
"वक़्त बदलता है हालात बदल जाते हैं,
ये सब देख कर जज़्बात बदल जाते हैंये कुछ नही बस वक़्त का तक़ाज़ा है दोस्तो,
कभी हम तो कभी आप बदल जाते हैं."
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दर्द शायरी
"रात सुनती रही हम सुनाते रहे,
दर्द की दास्ताँ हम बताते रहे ,
मिटा न सके यादें जिनकी दिल से,
नाम लिख लिख कर उनको मिटाते रहे."
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दर्द शायरी
"इन हसीनो से तो कफ़न अच्छा है,
जो मरते दम तक साथ जाता है,
ये तो जिंदा लोगो से मुह मोड़ लेती हैं,
कफ़न तो मुर्दों से भी लिपट जाता है."
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दर्द शायरी
"दास्तान-ए-गम उनको सुनाई ना गयी,
बात बिगड़ी थी कुछ ऐसी की बनाई ना गयी,
सबको भूल गये हम लेकिन,
इक तेरी याद ऐसी थी की भुलाई ना गयी."
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दर्द शायरी
"फरेब था हम आशिकी समझ बैठे,
मौत को अपनी ज़िंदगी समझ बैठे,
वक़्त का मज़ाक था या बदनसीबी,
उनकी दोस्ती की दो बातों को,
हम प्यार समझ बैठे."
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दर्द शायरी
"ज़िंदगी की राहों मे आगे जाओगे,
तो पीछे एक साया तुम हर दम पाओगेमुड़ कर देखोगे तो तन्हाई होगी,
महसूस करोगे तो हमे पाओगे.."
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दर्द शायरी
"अश्क बन कर आँखों से बहते हैं,
बहती आँखों से उनका दीदार करते हैं,
माना की ज़िंदगी मे उन्हे पा नही सकते,
फिर भी हम उनसे बहुत प्यार करते हैं."
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दर्द शायरी
"एक सिलसिले की उमीद थी जिनसे,
वही फ़ासले बनाते गये,
हम तो पास आने की कोशिश मे थे,
जाने क्यूँ वो दूरियाँ बढ़ाते गये."
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दर्द शायरी
"ना वोह आ सके ना हम कभी जा सके,
ना दर्द दिल का किसी को सुना सके.
बस बैठे है यादों में उनकी,
ना उन्होंने याद किया और ना हम उनको भुला सके."
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दर्द शायरी
"मेरे प्यार को दुनिया मे कोई समझ न पाया,
रोता था जब तन्हा कोई मेरे साथ न आया,
मिटा दिया खुद को उसके प्यार मे,
और लोग कहते हैं कि मुझे प्यार करना न आया"
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दर्द शायरी
"वो समझें या ना समझें मेरे जजबात को,
मुझे तो मानना पड़ेगा उनकी हर बात को,
हम तो चले जायेंगे इस दुनिया से,
मगर आंसू बहायेंगे वो हर रात को"
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दर्द शायरी
"कोई रिश्ता टूट जाये दुख तो होता है,
अपने हो जायें पराये दुख तो होता है,
माना हम नहीं प्यार के काबिल
मगर इस तरह कोई ठुकराये दुख तो होता है।"
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दर्द शायरी
"वो आये हैं महफिल में मगर खुशी से नहीं,
वो बैठे हैं हमारे पास मगर दिल से नहीं,
कौन कहता है वो प्यार नहीं करते,
करते तो हैं मगर हमसे नहीं।"
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दर्द शायरी
"हसीं चेहरे पर कभी ऐतबार ना करना,
तोड देते हैं दिल कभी प्यार ना करना,
है गुजारिश सबसे मेरी, मर जाओगे,
वो ना आयेंगे कभी इंतजार ना करना.."
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दर्द शायरी
"मुद्तों के बाद उसको किसी के साथ खुश देखा तो एहसास हुआ ...
काश की उसको बहुत पहले हे छोड़ दिया होता ...."
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दर्द शायरी
"दर्द की दास्ताँ अभी बाकी है,
महोबत का इम्तेहान अभी अभी बाकी है,
दिल करे तो फिर से वफ़ा करने आ जाना,
दिल ही तो टुटा है,
जान अभी बाकी है.."
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दर्द शायरी
"दर्द ज़ाहिर कभी करने नहीं देता मुझको
अश्क आंखों में भी भरने नहीं देता मुझको
जानता हूँ, कि मैं अब टूट चुका हूँ लेकिन
वो तो इक शख्स बिखरने नहीं देता मुझको."
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दर्द शायरी
"साथ नहीं रहने से रिश्ते नहीं टुटा करते
वक़्त की धुंध से लम्हे नहीं टुटा करते
लोग कहते हे मेरा सपना टूट गया
टूटी नींद है सपने नहीं टुटा करते."
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दर्द शायरी
"हाथों की लकीरों मैं किस्मत होती है
मिलना और भूल जाना लोगो की फितरत होती है,
बिखरता तो हर कोई है दर्द में,
मगर गम भुलाना इंसान की जरुरत होती है."
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दर्द शायरी
"काश वो पल संग बिताए न होते
जिनको याद कर के ये आँसू आये ना होते
खुदा को अगर इस तरह दूर ले जाना ही था
तो इतनी गहराई से दिल मिलाए ना होते "
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दर्द शायरी
"उसके चले जाने के बाद हम महोबत नहीं करते किसी से .
छोटी सी जिन्दगी है .
किस किस को अजमाते रहेंगे."
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दर्द शायरी
"भरोसा है खुदी पर, नाखुदा की इल्तिजा कैसी,
मेरी कश्ती ही साहिल है, मेरी कश्ती में साहिल है।"
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दर्द शायरी
"दर्द जब आंसुओं में ढल जाए
मेरी आँखों में आके बह जाना
भूल कर काश –म –कश ज़माने की
मेरी बाहों में आके रह जाना.."
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दर्द शायरी
"खामोश बैठें तो लोग कहते हैं उदासी अच्छी नहीं ..
ज़रा सा हँस लें तो मुस्कुराने की वजह पूछ लेते हैं"
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दर्द शायरी
"एक कसक दिल में दबी रह गई,
जिंदगी में उनकी कमी रह गई...,
इतनी उल्फत के बाद भी वो मुझे न मिली,
शायद मेरी किस्मत में ही कुछ कमी रह गई."
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दर्द शायरी
"दूर तक तन्हाई का सफर हैं,
न कोई साथी न हमसफर हैं,
चलते हैं दिल के सहारे ये सोच कर,
की अगले ही मोड़ पे खुशियों का सहर हैं."
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दर्द शायरी
"नदी जब किनारा छोर देती हैं,
राह की चट्टान तक तोर देती हैं,
बात छोटी सी अगर चुभ जाए दिल में तो,
जिंदगी के रास्तों को भी मोर देती हैं."
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दर्द शायरी
"हम अपना दर्द किसी को कहते नही,
वो सोचते हैं की हम तन्हाई सहते नही,
आँखों से आँसू निकले भी तो कैसे,
क्योकि सूखे हुवे दरिया कभी बहते नही."
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दर्द शायरी
"दर्द होता नही दुनियाँ को दिखाने के लिए,
हर कोई रोता नही आँसू बहाने के लिए,
रूठने का मज़ा तो तब आता हैं दोस्तों...,
जब अपना हो कोई मनाने के लिए...."
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दर्द शायरी
"अपने दिल को अगर दुखाना हैं,
बहारों में अगर घर जलाना हैं....,
प्यार करो एक बेवफा से,
अगर मोहब्बत को आजमाना हैं."
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दर्द शायरी
"कल रात वो मिली ख्वाब में,
हम ने पूछा क्यों ठुकराया आपने,
जब देखा तो उनकी आँखों में भी आँसू थे,
फिर कैसे पूछता क्यों रुलाया आपने."
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दर्द शायरी
"हर पल दिल को बहला लेता हूँ,
तन्हाई में खुद को ही दोस्त बना लेता हूँ,
याद उनको करके मुस्कुरा लेता हूँ,
गुजरे लम्हों को फिर करीब बुला लेता हूँ."
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दर्द शायरी
"रब उसे ऐसी तन्हाई न दे,
हम जी लेंगे तन्हा पर उसे तन्हाई न दे,
इन निगाहों में बसी रहे उसकी सूरत,
भले मेरी सूरत उसे दिखाई न दे."
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दर्द शायरी
"क्यों बनाया मुझको आए बनाने वाले,
बहुत गम देते हैं ये जमाने वाले....,
मैंने आग के उजालों में कुछ चेहरों को देखा,
मेरे अपने ही थे मेरे घर जलाने वाले."
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दर्द शायरी
"झुकी हुई पलकों से उनका दीदार किया,
सब कुछ भुला के उनका इंतज़ार किया,
वो जान ही न पाई जजबात मेरे.....,
जिसे दुनियाँ में मैंने सबसे ज्यादा प्यार किया."
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दर्द शायरी
"मुझको रोते देख कर क्यों परेसान हो,
ये सबनम तो मेरी आँखों की जान हैं,
इतने गम के साये लगे हैं मेरे पीछे,
खुद मौत मेरी जिंदगी पे हैरान हैं ...."
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दर्द शायरी
"मेरी उजरी दुनियाँ को तू आबाद न कर,
बीते लम्हों को तू फिर से याद न कर,
एक कैद परिंदे का हैं तुमसे यही कहना...,
मैं भूल चूका हूँ उरना मुझे फिर से आज़ाद न कर."
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दर्द शायरी
"ऐसा भी नहीं की उससे मिला दे कोई,
कैसी हैं वो बस इतना बता दे कोई....,
सुखी हैं बरी देर से पलकों की जुवा,
आज की रात तो जी भर के रुला दे कोई."
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दर्द शायरी
"पत्थरों से प्यार किया नादान थे हम,
गलती हुई क्योकि इंशान थे हम....,
आज जिन्हें नज़रें मिलाने में तकलीफ होती हैं,
कभी उसी सक्स की जान थे हम....."
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दर्द शायरी
"कहाँ वफा का सिला देते हैं लोग,
अब तो मोहब्बत की सजा देते हैं लोग,
पहले सजाते हैं दिलो में चाहतों का ख्वाब,
फिर ऐतबार को आग लगा देते हैं लोग."
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दर्द शायरी
"आज हम भी एक नेक काम कर आए,
दिल की वसीयत किसी के नाम कर आए,
प्यार हैं उनसे ये जानते हैं वो......,
मज़बूरी थी जो झुकी नज़रों से इनकार कर आए."
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दर्द शायरी
"यादें होती हैं सताने के लिए,
कोई रूठता हैं फिर मनाने के लिए,
रिश्ता बनाना कोई मुस्किल तो नहीं,
बस जान चली जाती हैं उसे निभाने के लिए."
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दर्द शायरी
"दिल यूँना कभी उदास होता,
जो कोई अपना हमारे पास होता,
यूँ तो हमने साथ दिया अक्सर अपनों का,
पर काश किसी को हमारी तन्हाई का एहसास होता."
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दर्द शायरी
"हर सपना किसी का पूरा नहीं होता,
कोई किसी के बिना अधुरा नहीं होता,
जो रौशन करता हैं सब रातों को....,
वो चाँद भी तो हर रात पूरा नहीं होता."
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दर्द शायरी
"क्या करूँगा उसका इंतज़ार कर के,
जब चली गई वो मुझे बर्बाद कर के,
सोचा था अपना भी एक जहाँ होगा,
मगर मिली सिर्फ तन्हाई उनसे प्यार कर के."
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दर्द शायरी
"आप आँखों से दूर दिल के करीब थे,
हम आपके और आप हमारे नसीब थे,
न हम मिल सके, न जुदा हुवे......,
रिश्ते हम दोनों के कितने अजीब थे."
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दर्द शायरी
"बेताब सा रहते हैं तेरी याद में अक्सर,
रात भर नहीं सोते हैं तेरी याद में अक्सर,
जिस्म में दर्द का बहाना बना के.....,
हम टूट के रोते हैं तेरी याद में अक्सर."
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दर्द शायरी
"जिंदगी के रंग कितने निराले हैं,
साथ देने वाला हर कोई है लेकिन हम अकेले हैं,
पानी है मंजिल हमें मगर रास्तों में रुकावटे हैं,
खुशियों में सब साथ हैं, गमों में सब पराये हैं."
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दर्द शायरी
"हर बार मुझे जख्म ए दिल ना दिया कर,
तू मेरी नहीं तो मुझे दिखाई ना दिया कर,
सच-झूठ तेरी आँखों से हो जाता हैं जाहिर,
क़समें ना खा, इतनी सफाई ना दिया कर."
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दर्द शायरी
"उनकी तस्वीर को सिने से लगा लेते हैं,
इस तरह जुदाई का गम मिटा देते हैं,
किसी तरह कभी उनका जिक्र हो जाये तो,
भींगी पलकों को हम झुका लेते हैं."
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दर्द शायरी
"आंसू से पलके भींगा लेता था,
याद तेरी आती थी तो रो लेता था,
सोचा था की भुला दूँ तुझको मगर,
हर बार ये फैसला बदल लेता था."
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दर्द शायरी
" हमें न मोहब्बत मिली, न प्यार मिला,
हमको जो भी मिला बेवफा यार मिला,
अपनी तो बन गई तमाशा जिंदगी,
हर कोई अपने मकसद का तलबगार मिला."
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दर्द शायरी
"तन्हाई का उसने मंज़र नहीं देखा,
अफ़सोस की मेरे दिल के अन्दर नहीं देखा,
दिल टूटने का दर्द वो क्या जाने......,
वो लम्हा उसने कभी जी कर नहीं देखा."
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दर्द शायरी
"दर्द को दर्द से न देखो,
दर्द को भी दर्द होता है,
दर्द को ज़रूरत है दोस्त की,
आखिर दोस्त ही दर्द में हमदर्द होता है"
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दर्द शायरी
"मौत के बाद याद आ रहा है कोई,
मिट्ठी मेरी कबर से उठा रहा है कोई,
या खुदा दो पल की मोहल्लत और दे दे,
उदास मेरी कबर से जा रहा है कोई."
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दर्द शायरी
"याद करते है तुम्हे तनहाई में,
दिल डूबा है गमो की गहराई में,
हमें मत धुन्ड़ना दुनिया की भीड़ में,
हम मिलेंगे में तुम्हे तुम्हारी परछाई में."
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दर्द शायरी
"दिल को हमसे चुराया आपने,
दूर होकर भी अपना बनाया आपने,
कभी भूल नहीं पायेंगे हम आपको,
क्योंकि याद रखना भी तो सिखाया आपने."
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दर्द शायरी
"ना पूछ मेरे सब्र की इंतेहा कहाँ तक हैं,
तू सितम कर ले, तेरी हसरत जहाँ तक हैं,
वफ़ा की उम्मीद, जिन्हें होगी उन्हें होगी,
हमें तो देखना है, तू बेवफ़ा कहाँ तक हैं."
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दर्द शायरी
"हर सागर के दो किनारे होते है,
कुछ लोग जान से भी प्यारे होते है,
ये ज़रूरी नहीं हर कोई पास हो,
क्योंकी जिंदगी में यादों के भी सहारे होते है."
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दर्द शायरी
"गुनाह करके सज़ा से डरते हैं,
जहर पी के दवा से डरते हैं,
दुश्मनों के सितम का खौफ नहीं,
हम तो दोस्तों की वफ़ा से डरते हैं."
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दर्द शायरी
"जिंदगी देने वाले,
मरता छोड़ गये,
अपनापन जताने वाले तन्हा छोड़ गये,
जब पड़ी जरूरत हमें अपने हमसफर की,
वो जो साथ चलने वाले, रास्ता मोड़ गये."
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दर्द शायरी
"दिल टूट गया है फिर भी कसक सीने में बाकी है
नशे मैं मदहोश हैं तो क्या पैमाने मैं जाम अब भी बाकी है."
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दर्द शायरी
तेरी जुदाई भी हमें प्यार करती है,
तेरी याद बहुत बेकरार करती है,
वह दिन जो तेरे साथ गुज़ारे थे,
नज़रें तलाश उनको बार-बार करती है !!
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दर्द शायरी
प्यार करने का हुनर हमें नहीं आता,
इसलिए प्यार की बाज़ी हम हार गये,
हमारी ज़िंदगी से उन्हें बहुत प्यार था,
शायद इसलिए वो हमें ज़िंदा ही मार गए !!
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दर्द शायरी
ऐ मोहब्बत तेरे अंजाम पे रोना आया,
जाने क्यों आज तेरे नाम पे रोना आया,
यूँ तो हर बात शाम उम्मीदों में गुज़र जाती है,
आज कुछ बात है जो शाम पे रोना आया !!
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दर्द शायरी
जिंदगी की हक़ीकत सिर्फ इतनी होती है,
जब जागता है इंसान तो किस्मत सोती है,
इंसान जिस पर अपना हक़ खुद से ज्यादा समझता है,
वो अमानत अक्सर किसी और की होती है !!
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दर्द शायरी
दर्द से अब हम खेलना सीख गए,
हम बेवफाई के साथ जीना सीख गए,
क्या बताएं किस कदर दिल टूटा है मेरा,
मौत से पहले, कफ़न ओढ़ कर सोना सीख गए !!
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दर्द शायरी
अनजाने में यूँ ही हम दिल गँवा बैठे,
इस प्यार में कैसे धोखा खा बैठे,
उनसे क्या गिला करें, भूल तो हमारी थी,
जो बिना दिल वालों से ही दिल लगा बैठे !!
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दर्द शायरी
अब हवा जिधर जाये मैं भी उधर जाऊंगा,
मैं खुश्बू हूँ हवाओं में बिखर जाऊंगा,
अफ़सोस तुम्हें होगा मुझे सताओगे अगर,
मेरा क्या जितना भी जलाओगे उतना ही निखर जाऊंगा !!
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दर्द शायरी
अभी सूरज नहीं डूबा ज़रा सी शाम होने दो,
मैं खुद लौट जाउंगा मुझे नाकाम होने दो,
मुझे बदनाम करने का बहाना ढूँढ़ते हो क्यों,
मैं खुद हो जाऊंगा बदनाम पहले नाम होने दो !!
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दर्द शायरी
इस दिल की दास्ताँ भी बड़ी अजीब होती है,
बड़ी मुस्किल से इसे ख़ुशी नसीब होती है,
किसी के पास आने पर ख़ुशी हो न हो,
पर दूर जाने पर बड़ी तकलीफ होती है !!
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दर्द शायरी
उसकी याद में हम बरसो रोते रहे,
बेवफ़ा वो निकले बदनाम हम होते रहे,
प्यार में मदहोशी का आलम तो देखिये,
धूल चेहरे पे थी और हम आईना साफ़ करते रहे !!
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दर्द शायरी
एक दिन जब हुआ प्यार का अहसास उन्हे,
वो सारा दिन आकर हमारे पास रोते रहे,
और हम भी इतने खुद गर्ज़ निकले यारों की,
आँखे बंद कर के कफ़न में सोते रहे !!
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दर्द शायरी
कभी कभी मोहब्बत में वादे टूट जाते है,
इश्क़ के कच्चे धागे टूट जाते है,
झूठ बोलता होगा कभी चाँद भी,
इसलिए तो रुठकर तारे टूट जाते है !!
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दर्द शायरी
काश उसे चाहने का अरमान ना होता,
मैं होश में रहते हुए अनजान ना होता,
ना प्यार होता किसी पत्थर दिल से हमको,
या फिर कोई पत्थर दिल इंसान ना होता !!
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दर्द शायरी
काश यह जालिम जुदाई न होती,
ऐ खुदा तूने यह चीज़ बनायी न होती,
न हम उनसे मिलते न प्यार होता,
ज़िन्दगी जो अपनी थी वो परायी न होती !!
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दर्द शायरी
खुद से भी ज्यादा उन्हें प्यार किया करते थे,
उनकी ही याद में दिन रात जिया करते थे,
गुज़रा नहीं जाता अब उन राहों से,
जहाँ रुक कर हम उनका इंतज़ार किया करते थे !!
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दर्द शायरी
खून बनकर मुनासिब नहीं दिल बहे,
दिल नहीं मानता कौन दिल से कहे,
तेरी दुनिया में आये बहुत दिन रहे,
सुख ये पाया की हमने बहुत दुःख सहे !!
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दर्द शायरी
ग़म के दरियाओं से मिलकर बना है यह सागर,
आप क्यों इसमें समाने की कोशिश करते हो,
कुछ नहीं है और इस जीवन में दर्द के सिवा,
आप क्यों इस ज़िंदगी में आने की कोशिश करते हो !!
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दर्द शायरी
गुलाब तो टूट कर बिखर जाता है,
पर खुशबु हवा में बरकरार रहती है,
जाने वाले तो छोड़ के चले जाते है,
पर एहसास तो दिलों में बरकरार रहते है !!
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दर्द शायरी
चाहत की राह में बिखरे अरमान बहुत है,
हम उसकी याद में परेशान बहुत है,
वो हर बार दिल तोड़ता है यह कह कर,
मेरी उम्मीदों की दुनियाँ में अभी मुकाम बहुत है !!
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दर्द शायरी
ज़रा सी ज़िंदगी है, अरमान बहुत है,
हमदर्द नहीं कोई, इंसान बहुत है,
दिल के दर्द सुनाएं तो किसको,
जो दिल के करीब है, वो अनजान बहुत है !!
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दर्द शायरी
ज़रूरी नहीं की जीने का कोई सहारा हो,
ज़रूरी नहीं की जिसके हम हो वो भी हमारा हो,
कुछ कश्तियाँ डूब जाया करती है,
ज़रूरी नहीं की हर कश्ती के नसीब में किनारा हो !!
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दर्द शायरी
तुम्हारा दुःख हम सह नहीं सकते,
भरी महफ़िल में कुछ कह नहीं सकते,
हमारे गिरते हुए आँसुओं को पढ़ कर देखो,
वो भी कहते हैं की हम आपके बिन रह नहीं सकते !!
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दर्द शायरी
तेरे इश्क़ में सब कुछ लुटा बैठा,
मैं तो ज़िंदगी भी अपनी गँवा बैठा,
अब जीने की तमन्ना न रही बाकी,
सारे अरमान मैं अपने दफना बैठा !!
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दर्द शायरी
दर्द कितने है यह बता नहीं सकता,
ज़ख़्म है कितने यह भी दिखा नहीं सकता,
आँखों से समझ सको तो समझ लो,
आँसू गिरे है कितने यह गिना नहीं सकता !!
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दर्द शायरी
दर्द है दिल में पर इसका एहसास नहीं होता,
रोता है दिल जब वो पास नहीं होता,
बर्बाद हो गए हम उसके प्यार में,
और वो कहते है इस तरह प्यार नहीं होता !!
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दर्द शायरी
दिल में है जो दर्द वो दर्द किसे बताएं,
हंसते हुए ये ज़ख्म किसे दिखाएँ,
कहती है ये दुनिया हमे खुश नसीब,
मगर इस नसीब की दास्ताँ किसे बताएं !!
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दर्द शायरी
देखकर उसको अक्सर हमे एहसास होता है,
कभी कभी गम देने वाला भी बहुत ख़ास होता है,
ये और बात है वो हर पल नहीं होता पास हमारे,
मगर उसका दिया गम अक्सर हमारे पास होता है !!
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दर्द शायरी
धड़कन बिना दिल का मतलब ही क्या,
रौशनी के बिना दिये का मतलब ही क्या,
क्यों कहते है लोग की मोहब्बत न कर दर्द मिलता है,
वो क्या जाने की दर्द बिना मोहब्बत का मतलब ही क्या !!
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दर्द शायरी
धरती के गम छुपाने के लिए गगन होता है,
दिल के गम छुपाने के लिए बदन होता है,
मर के भी छुपाने होंगे गम शायद,
इसलिए हर लाश पर कफ़न होता है !!
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दर्द शायरी
न जाने क्यों हमे आँसू बहाना नहीं आता,
न जाने क्यों हाल-ऐ-दिल बताना नहीं आता,
क्यों सब दोस्त बिछड़ गए हमसे,
शायद हमे ही साथ निभाना नहीं आता !!
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दर्द शायरी
बिन बताये उसने ना जाने क्यों ये दूरी कर दी,
बिछड़ के उसने मोहब्बत ही अधूरी कर दी,
मेरे मुकद्दर में ग़म आये तो क्या हुआ,
खुदा ने उसकी ख्वाहिश तो पूरी कर दी !!
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दर्द शायरी
भटकते रहे है बादल की तरह,
सीने से लगालो आँचल की तरह,
गम के रास्ते पर ना छोड़ना अकेले,
वरना टूट जाएँगे पायल की तरह !!
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दर्द शायरी
मत पूछना ख़फ़ा होने का सबब मुझसे,
कैसे-कैसे खेले है किस्मत ने खेल मुझसे,
अब कैसे छिपाऊं अश्क इन आँखों में,
क्या बताऊँ अब क्या छूट गया है मुझसे !!
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दर्द शायरी
मुझको ऐसा दर्द मिला जिसकी दवा नहीं,
फिर भी खुश हूँ मुझे उस से कोई गिला नहीं,
और कितने आंसू बहाऊँ उस के लिए,
जिसको खुदा ने मेरे नसीब में लिखा ही नहीं !!
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दर्द शायरी
मेरे दिल का दर्द किसने देखा है,
मुझे बस खुदा ने तड़पते देखा है,
हम तन्हाई में बैठे रोते है,
लोगों ने हमे महफ़िल में हँसते देखा है !!
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दर्द शायरी
मैंने पत्थरो को भी रोते देखा है झरने के रूप में,
मैंने पेड़ो को प्यासा देखा है सावन की धूप में,
घुल-मिल कर बहुत रहते है लोग जो शातिर है बहुत,
मैंने अपनो को तनहा देखा है बैगानो के रूप में !!
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दर्द शायरी
रास्ते खुद ही तबाही के निकाले हमने,
कर दिया दिल किसी पत्थर के हवाले हमने,
हाँ मालूम है क्या चीज़ है मोहब्बत यारो,
अपना ही घर जला कर देखे है उजाले हमने !!
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दर्द शायरी
रोने की सज़ा न रुलाने की सज़ा है,
ये दर्द मोहब्बत को निभाने की सज़ा है,
हँसते है तो आँखों से निकल आते है आँसू,
ये उस शख्स से दिल लगाने की सज़ा है !!
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दर्द शायरी
वक़्त की रफ़्तार रुक गई होती,
शर्म से आँखे झुक गई होती,
अगर दर्द जानती शमा परवाने का,
तो जलने से पहले बुझ गई होती !!
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दर्द शायरी
वक्त नूर को बेनूर कर देता है,
छोटे से जख्म को नासूर कर देता है,
कौन चाहता है अपनों से दूर होना,
लेकिन वक्त सबको मजबूर कर देता है !!
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दर्द शायरी
सोचा याद न करके थोड़ा तड़पाऊं उनको,
किसी और का नाम लेकर जलाऊं उनको,
पर चोट लगेगी उनको तो दर्द मुझको ही होगा,
अब ये बताओ की किस तरह सताऊं उनको !!
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दर्द शायरी
हँसते हुए ज़ख्मों को भुलाने लगे है हम,
हर दर्द के निशान मिटाने लगे है हम,
अब और कोई ज़ुल्म सताएगा क्या भला,
जुल्म-सितम को अब तो सताने लगे है हम !!
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दर्द शायरी
हर ख़ुशी के पहलू हाथों से छूट गए,
अब तो खुद के साये भी हमसे रूठ गए,
हालात है अब ऐसे ज़िंदगी में हमारी,
प्यार की राहो में हम खुद ही टूट गए !!
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दर्द शायरी
ना जाने क्यूँ नज़र लगी ज़माने की,
अब वजह मिलती नहीं मुस्कुराने की,
तुम्हारा गुस्सा होना तो जायज़ था,
हमारी आदत छूट गयी मनाने की !!
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दर्द शायरी
बर्बाद कर गए वो ज़िंदगी प्यार के नाम से,
बेवफाई ही मिली हमें सिर्फ वफ़ा के नाम से,
ज़ख़्म ही ज़ख़्म दिए उस ने दवा के नाम से,
आसमान भी रो पड़ा मेरी मोहब्बत के अंजाम से !!
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दर्द शायरी
वो तो अपने दर्द रो-रो के सुनाते रहे,
हमारी तन्हाइयों से आँख चुराते रहे,
और हमें बेवफा का नाम मिला क्यूंकि,
हम हर दर्द मुस्कुरा कर छुपाते रहे !!
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दर्द शायरी
मेरी बर्बादी पर तू कोई मलाल ना करना,
भूल जाना मेरा ख्याल ना करना,
हम तेरी ख़ुशी के लिए कफ़न ओढ़ लेंगे,
पर तुम मेरी लाश से कोई सवाल मत करना !!
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दर्द शायरी
हर सितम सह कर कितने ग़म छिपाये हमने,
तेरी खातिर हर दिन आँसू बहाये हमने,
तू छोड़ गया जहाँ हमें राहों में अकेला,
बस तेरे दिए ज़ख्म हर एक से छिपाए हमने !!
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दर्द शायरी
दिलो की बंद खिड़की खोलना अब जुर्म जैसा है,
भरी महफिल में सच बोलना अब जुर्म जैसा है,
हर दर्द को सहन कर लो चुपचाप,
शहर में इस तरह से चीखना जुर्म जैसा है !!
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दर्द शायरी
पास आकर सभी दूर चले जाते है,
अकेले थे हम, अकेले ही रह जाते है,
इस दिल का दर्द दिखाएँ किसे,
मरहम लगाने वाले ही जखम दे जाते है !!
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दर्द शायरी
कभी आंसू कभी ख़ुशी बेची,
हम गरीबो ने बेबसी बेची,
चंद सांसे खरीदने के लिए,
रोज थोड़ी सी जिन्दगी बेची !!
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दर्द शायरी
उल्फत में अक्सर ऐसा होता है,
आँखे हंसती है और दिल रोता है,
मानते हो तुम जिसे मंजिल अपनी,
हमसफर उनका कोई और होता है !!
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दर्द शायरी
न मेरी कोई मंज़िल है न किनारा,
तन्हाई मेरी महफ़िल और यादें मेरा सहारा,
तुम से बिछड़ के कुछ यूँ वक़्त गुज़ारा,
कभी ज़िंदगी को तरसे तो कभी मौत को पुकारा !!
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दर्द शायरी
कितना दर्द है दिल में दिखाया नहीं जाता,
गंभीर है किस्सा सुनाया नहीं जाता,
एक बार जी भर के देख लो इस चहेरे को,
क्योंकि बार-बार कफ़न उठाया नहीं जाता !!
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दर्द शायरी
तन्हाइयों के शहर में एक घर बना लिया,
रुसवाइयों को अपना मुक़द्दर बना लिया,
देखा है यहाँ पत्थर को पूजते है लोग,
हमने भी इसलिए अपने दिल को पत्थर बना लिया !!
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दर्द शायरी
आज ये तन्हाई का एहसास कुछ ज्यादा है,
तेरे संग ना होने का मलाल कुछ ज्यादा है,
फिर भी काट रहे है जिए जाने की सज़ा यही सोचकर,
शायद इस ज़िंदगानी में मेरे गुनाह कुछ ज्यादा है !!
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दर्द शायरी
मोहब्बत करने वालों का यही हश्र होता है,
दर्द-ए-दिल होता है, दर्द-ए-जिगर होता है,
बंद होंठ कुछ ना कुछ गुनगुनाते ही रहते है,
खामोश निगाहों का भी गहरा असर होता है !!
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दर्द शायरी
दर्द ही सही मेरे इश्क का इनाम तो आया,
खाली ही सही हाथों में जाम तो आया,
मैं हूँ बेवफ़ा सबको बताया उसने,
यूँ ही सही, उसके लबो पे मेरा नाम तो आया !!
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दर्द शायरी
लौट जाती है दुनिया गम हमारा देखकर,
जैसे लौट जाती है लहरें किनारा देखकर,
तुम कंधा ना देना मेरे जनाज़े को,
कहीं फिर से ज़िंदा ना हो जाऊँ तेरा सहारा देखकर !!
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दर्द शायरी
हो चुके अब तुम किसी के,
कभी मेरी ज़िंदगी थे तुम,
भूलता है कौन मोहब्बत पहली,
मेरी तो सारी ख़ुशी थे तुम !!
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दर्द शायरी
ऐ दिल मत कर इतनी मोहब्बत किसी से,
इश्क़ में मिला दर्द तू सह नहीं पायेगा,
एक दिन टूट कर बिखर जायेगा अपनो के हाथों से,
किसने तोडा ये भी किसी से कह नहीं पायेगा !!
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दर्द शायरी
दर्द कितना है बता नहीं सकते,
ज़ख़्म कितने है दिखा नहीं सकते,
आँखों से समझ सको तो समझ लो,
आँसू गिरे है कितने गिना नहीं सकते !!
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दर्द शायरी
रौशनी करता हूँ अँधेरा मिटाने के लिए,
शराब पीता हूँ मैं तुझको भुलाने के लिए,
क्यों न बन सकी तुम मेरी ज़िंदगी,
आज भी रोता हूँ सोच कर गुज़रे ज़माने के लिए !!
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दर्द शायरी
तुम्हारे प्यार में हम बैठें है चोट खाए,
जिसका हिसाब न हो सके उतने दर्द पाये,
फिर भी तेरे प्यार की कसम खाके कहता हूँ,
हमारे लब पर तुम्हारे लिये सिर्फ दुआ आये !!
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दर्द शायरी
वक़्त गुज़रेगा तो हम संभल जाएँगे,
मौत आने से पहले समझ जाएँगे,
की बेवफ़ाई उनकी फ़ितरत है, ना की मजबूरी,
तन्हाई में ही सही, हम फिर से बस जाएँगे !!
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दर्द शायरी
इरादो में अभी भी क्यों इतनी जान बाकी है,
तेरे किये वादों का इम्तिहान अभी बाकी है,
अधूरी क्यों रह गयी तुम्हारी यह बेरुखी,
जबकी दिल के हर टुकड़े में तेरा नाम बाकी है !!
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दर्द शायरी
ग़म इसका नहीं की तू मेरा न हो सका,
मेरी मोहब्बत में मेरा सहारा ना बन सका,
ग़म तो इसका भी नहीं की सुकून दिल का लुट गया,
ग़म तो इसका है की मोहब्बत से भरोसा ही उठ गया !!
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दर्द शायरी
पा लिया था दुनिया की सबसे हसीन को,
इस बात का तो हमे कभी गुरूर न था,
वो रह पाते पास कुछ दिन और हमारे,
शायद यह हमारे नसीब को मंज़ूर न था !!
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दर्द शायरी
तेरी आरज़ू मेरा ख्वाब है,
जिसका रास्ता बहुत खराब है,
मेरे ज़ख्म का अंदाज़ा न लगा,
दिल का हर पन्ना दर्द की किताब है !!
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दर्द शायरी
एक अजीब सा मंजर नज़र आता है,
हर एक आँसूं समंदर नज़र आता है,
कहाँ रखूं मैं शीशे सा दिल अपना,
हर किसी के हाथ में पत्थर नज़र आता है!!
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दर्द शायरी
दिल के दर्द छुपाना बड़ा मुश्किल है,
टूट कर फिर मुस्कुराना बड़ा मुश्किल है,
किसी अपने के साथ दूर तक जाओ फिर देखो,
अकेले लौट कर आना कितना मुश्किल है !!
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दर्द शायरी
वो दर्द ही क्या जो आँखों से बह जाए,
वो खुशी ही क्या जो होठों पर रह जाए,
कभी तो समझो मेरी खामोशी को,
वो बात ही क्या जो लफ्ज़ आसानी से कह जाए !!
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दर्द शायरी
हमें कोई ग़म नहीं था ग़म-ए-आशिक़ी से पहले,
न थी दुश्मनी किसी से तेरी दोस्ती से पहले,
है ये मेरी बदनसीबी तेरा क्या कुसूर इसमे,
तेरे ग़म ने मार डाला मुझे ज़िन्दग़ी से पहले !!
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दर्द शायरी
समझौतो की भीड़-भाड़ में सबसे रिश्ता टूट गया,
इतने घुटने टेके हमने आख़िर घुटना टूट गया,
ये मंज़र भी देखे हमने इस दुनिया के मेले में,
टूटा-फूटा बचा रहा है, अच्छा ख़ासा टूट गया !!
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दर्द शायरी
हादसे इंसान के संग मश्करी करने लगे,
लफ्ज कागज पर उतर जादूगरी करने लगे,
कामयाबी जिसने पाई उनके घर बस गए,
जिनके दिल टूटे वो आशिक शायरी करने लगे !!
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दर्द शायरी
दिल टूटा तो एक आवाज आई,
चीर के देखा तो कुछ चीज निकल आई,
सोचा क्या होगा इस खाली दिल में,
लहू से धो कर देखा, तो तेरी तस्वीर निकल आई !!
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दर्द शायरी
आँखों में रहा दिल में उतर कर ना देखा,
कश्ती के मुसाफिर ने समंदर ना देखा,
पत्थर मुझे कहता है मुझे चाहने वाला,
मैं मोम हूँ उसने मुझे छु कर ना देखा !!
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दर्द शायरी
मेरे दिल में न आओ वरना डूब जाओगे,
ग़म-ए-अश्को के सिवा कुछ भी नहीं अंदर,
अगर एक बार रिसने लगा जो पानी,
तो कम पड़ जायेगा भरने के लिए समंदर !!
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दर्द शायरी
लिखूं कुछ आज यह वक़्त का तकाजा है,
मेरे दिल का दर्द अभी ताजा-ताजा है,
गिर पड़ते है मेरे आंसू मेरे ही कागज पर,
लगता है की कलम में स्याही का दर्द ज्यादा है !!
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दर्द शायरी
मिलना इत्तेफाक था, बिछड़ना नसीब था,
वो उतना ही दूर चला गया जितना वो करीब था,
हम उसको देखने क लिए तरसते रहे,
जिस शख्स की हथेली में हमारा नसीब था !!
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दर्द शायरी
ज़ख़्म देने का अंदाज़ कुछ ऐसा है,
ज़ख़्म देकर पूछते है की हाल कैसा है,
किसी एक से गिला अब क्या करे हम,
यहाँ तो सारी दुनिया का मिज़ाज़ एक जैसा है !!
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दर्द शायरी
बेखुदी ले गई कहाँ हमको,
देर से इंतज़ार है अपना,
रोते फिरते है सारी-सारी रात,
अब यही बस रोज़गार है अपना !!
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दर्द शायरी
इतनी पीता हूँ की मदहोश रहता हूँ,
सब कुछ समझता हूँ पर खामोश रहता हूँ,
जो लोग करते है मुझे गिराने की कोशिश,
मैं अक्सर उन्ही के साथ रहता हूँ !!
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दर्द शायरी
वक़्त के मोड़ पे ये कैसा वक़्त आया है,
ज़ख़्म दिल का ज़ुबाँ पर आया है,
न रोते थे कभी काँटों की चुभन से,
आज न जाने क्यों फूलों की खुशबू से रोना आया है !!
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दर्द शायरी
अपनी आँखों के समंदर में उत्तर जाने दे,
तेरा मुज़रिम हूँ मुझे डूब के मर जाने दे,
ज़ख़्म कितने तेरी चाहत से मिले है मुझको,
सोचता हूँ कहूँ तुझसे, मगर जाने दे !!
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दर्द शायरी
दर्द से दोस्ती हो गई यारो,
जिंदगी बे दर्द हो गई यारो,
क्या हुआ जो जल गया आशियाना हमारा,
दूर तक रोशनी तो हो गई यारो !!
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दर्द शायरी
इसी से जान गया मैं की वक़्त ढलने लगे,
मैं थक के छाँव में बैठा और पाँव चलने लगे,
मैं दे रहा था सहारे तो एक हजूम में था,
जो गिर पड़ा तो सभी रास्ता बदलने लगे !!
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दर्द शायरी
चीज़ बेवफ़ाई से बढ़कर क्या होगी,
ग़म-ए-हालात जुदाई से बढ़कर क्या होगी,
जिसे देनी हो सज़ा उम्र भर के लिए,
सज़ा तन्हाई से बढ़कर क्या होगी !!
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दर्द शायरी
मोहब्बत में लाखों ज़ख्म खाए हमने,
अफ़सोस की उन्हे हम पर ऐतबार नहीं,
मत पूछो क्या गुजरती है दिल पर,
जब वो कहते है की हमे तुमसे प्यार नहीं !!
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दर्द शायरी
दुनिया में किसी से कभी प्यार मत करना,
अपने अनमोल आँसू इस तरह बेकार मत करना,
कांटे तो फिर भी दामन थाम लेते है,
फूलों पर कभी इस तरह तुम ऐतबार मत करना !!
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दर्द शायरी
क्या गिला करे उन बातों से,
क्या शिक़वा करे उन रातों से,
कहे भला किसकी खता इसे हम,
कोई खेल गया फिर से जज़बातों से !!
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दर्द शायरी
तेरे इश्क़ में सब कुछ लुटा बैठे,
हम ज़िंदगी भी अपनी गँवा बैठे,
अब जीने की तमन्ना भी नहीं बाकी,
सारे अरमान हम अपने दफना बैठे !!
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दर्द शायरी
ज़ख़्म जब मेरे सीने के भर जाएँगे,
आँसू भी मोती बनकर बिखर जाएँगे,
ये मत पूछना किस किस ने धोखा दिया,
वरना कुछ अपनो के चेहरे उतर जाएँगे !!
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दर्द शायरी
कैसे बयान करे अब आलम दिल की बेबसी का,
वो क्या समझे दर्द इन आंखों की नमी का,
चाहने वाले उनके इतने हो गए है की,
अब एहसास ही नहीं उन्हें हमारी कमी का !!
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दर्द शायरी
उल्फत का अक्सर यही दस्तूर होता है,
जिसे चाहो वही अपने से दूर होता है,
दिल टूटकर बिखरता है इस कदर,
जैसे कोई कांच का खिलौना चूर-चूर होता है !!
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दर्द शायरी
कहाँ कोई ऐसा मिला जिस पर हम दुनिया लुटा देते,
हर एक ने धोखा दिया, किस-किस को भुला देते,
अपने दिल का ज़ख्म दिल में ही दबाये रखा,
बयां करते तो महफ़िल को रुला देते !!
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दर्द शायरी
किसी के दिल का दर्द किसने देखा है,
देखा है, तो सिर्फ चेहरा देखा है,
दर्द तो तन्हाई में होता है,
लेकिन तन्हाइयो मे लोगों ने हमे हँसते हुए देखा है !!
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दर्द शायरी
हर सितम सह कर कितने गम छिपाए हमने,
तेरी ख़ातिर हर दिन आँसू बहाए हमने,
तू छोड़ गया जहाँ हमे राहों में अकेला,
बस तेरे दिए ज़ख्म हर एक से छिपाए हमने !!
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दर्द शायरी
दर्द से हाथ न मिलाते तो और क्या करते,
गम के आंसू न बहाते तो और क्या करते,
उसने मांगी थी हमसे रौशनी की दुआ!
हम खुद को न जलाते तो और क्या करते !!
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दर्द शायरी
मोहब्बत हर इंसान को आज़माती है,
किसी से रूठ जाती है तो किसी पे मुस्कुराती है,
यह मोहब्बत का खेल ही कुछ ऐसा है,
किसी का कुछ नहीं जाता और किसी की जान चली जाती है !!
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दर्द शायरी
जब भी करीब आता हूँ बताने के किये,
जिंदगी दूर रखती है सताने के लिये,
महफ़िलों की शान न समझना मुझे,
मैं तो अक्सर हँसता हूँ गम छुपाने के लिये! !!
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दर्द शायरी
प्यार किसी से जितना किया रुस्वाई ही मिली है,
वफ़ा चाहे जितनी भी की बेवफाई ही मिली है,
जितना भी किसी को अपना बना कर देखा,
जब आँख खुली तो तन्हाई ही मिली है !!
|
दर्द शायरी
आज आपके प्यार में कमी देखी,
चाँद की चांदनी में कुछ नमी देखी,
उदास होकर लौट आए हम,
जब महफ़िल आपकी गैरों से सजी देखी !!
|
दर्द शायरी
दिल के दर्द को दिल तोड़ने वाले क्या जाने,
प्यार की रस्मों को यह ज़माने वाले क्या जाने,
होती है कितनी तकलीफ कब्र के नीचे,
यह ऊपर से फूल चढ़ाने वाले क्या जाने !!
|
दर्द शायरी
एक लफ्ज़ उनको सुनाने के लिए,
कितने अल्फ़ाज़ लिखे है हमने ज़माने के लिए,
उनका मिलना ही मुक़द्दर में न था,
वर्ना क्या कुछ नहीं किया उनको पाने के लिए !!
|
दर्द शायरी
देख कर मेरा नसीब मेरी तक़दीर रोने लगी,
लहू के अल्फाज़ देख कर तहरीर रोने लगी,
हिज्र में दीवाने की हालत कुछ ऐसी हुई,
सूरत को देख कर खुद तस्वीर रोने लगी !!
|
दर्द शायरी
हमने जब किया दर्द-ए-दिल बयां तो शेर बन गया,
लोगो ने सुना तो वाह वाह किया तो दर्द और बढ़ गया,
मोहब्बत की पाक रूह मेरी साँसों में है,
ख़त लिखा जब गम कम करने के लिए तो गम और बढ़ गया !!
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दर्द शायरी
ना ये महफिल अजीब है, ना ये मंजर अजीब है,
जो उसने चलाया वो खंजर अजीब है,
ना डूबने देता है, ना उबरने देता है,
उसकी आँखों का वो समंदर अजीब है !!
|
दर्द शायरी
जिंदगी भर दर्द से जीते रहे,
दरिया पास था आंसुओं को पीते रहे,
कई बार सोचा की कह दू हाल-ए-दिल उससे,
पर न जाने क्यूँ हम होंठो को सीते रहे !!
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दर्द शायरी
जो आँसू दिल में गिरते है वो आँखों में नहीं रहते,
बहुत से हर्फ़ ऐसे होते है जो लफ़्ज़ों में नहीं रहते,
किताबों में लिखे जाते है दुनिया भर के अफ़साने,
मगर जिन में हकीकत हो किताबो में नहीं रहते !!
|
दर्द शायरी
वो देता है दर्द बस हमी को,
क्या समझेगा वो इन आँखों की नमी को,
चाहने वालों की भीड़ से घिरा है जो हर वक़्त,
वो महसूस क्या करेगा बस एक हमारी कमी को !!
|
दर्द शायरी
फुर्सत किसे है ज़ख्मों को सरहाने की,
निगाहें बदल जाती है अपने बेगानों की,
तुम भी छोड़कर चले गए हमें,
अब तम्मना न रही किसी से दिल लगाने की !!
|
दर्द शायरी
हर वक़्त तेरे आने की आस रहती है,
हर पल तुझसे मिलने की प्यास रहती है,
सब कुछ है यहाँ बस तू नहीं,
इसलिए शायद ये जिंदगी उदास रहती है !!
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दर्द शायरी
वो नाराज़ है हमसे की हम कुछ लिखते नहीं,
कहाँ से लायें लफ्ज़ जब हम को मिलते ही नहीं,
दर्द की जुबान होती तो बता देते शायद,
वो ज़ख्म कैसे दिखायें जो दिखते ही नहीं !!
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दर्द शायरी
जिनकी आँखे आँसुओ से नम नहीं,
क्या समझते हो की उन्हे कोई ग़म नहीं,
तुम तड़प कर रो दिए तो क्या हुआ,
ग़म छुपा कर हँसने वाले भी कम नहीं !!
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दर्द शायरी
इस बहते दर्द को मत रोको,
यह तो सज़ा है किसी के इंतज़ार की,
लोग इन्हे आँसू कहे या दीवानगी,
पर यह तो निशानी है किसी के प्यार की !!
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दर्द शायरी
शोला था जल बुझा हूँ, हवाएं मुझे न दो,
मैं तो कब का जा चुका हूँ, सदायें मुझे न दो,
वो ज़हर भी पी चुका हूँ, जो तुमने मुझे दिया था,
आ गए हम मौत के आग़ोश में, अब मुझे ज़िंदगी की दुआएं न दो !!
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दर्द शायरी
हम रूठे दिलो को मनाने में रह गए,
गैरो को अपना दर्द सुनाने में रह गए,
मंज़िल हमारी, हमारे करीब से गुज़र गयी,
हम दूसरो को रास्ता दिखाने में रह गए !!
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दर्द शायरी
दिल के टूटने से नहीं होती है आवाज़,
आंसू के बहने का नहीं होता है अंदाज़,
गम का कभी भी हो सकता है आगाज़,
और दर्द के होने का तो बस होता है एहसास !!
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दर्द शायरी
हर ज़ख़्म किसी ठोकर की मेहरबानी है,
मेरी ज़िंदगी की बस यही एक कहानी है,
मिटा देते सनम के हर दर्द को सीने से,
पर ये दर्द ही तो उसकी आखिरी निशानी है !!
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दर्द शायरी
शहर क्या देखे की हर मंज़र में जाले पड़ गए,
ऐसी गर्मी है की पीले फूल काले पड़ गए,
मैं अँधेरों से बचा लाया था अपने आप को,
मेरा दुख ये है की मेरे पीछे उजाले पड़ गए !!
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दर्द शायरी
बिन बात के ही रूठने की आदत है,
किसी अपने का साथ पाने की चाहत है,
आप खुश रहे, मेरा क्या है,
मैं तो आइना हूँ, मुझे तो टूटने की आदत है !!
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दर्द शायरी
जाने क्या मुझसे ज़माना चाहता है,
मेरा दिल तोड़कर मुझे ही हसाना चाहता है,
जाने क्या बात झलकती है मेरे इस चेहरे से,
हर शख्स मुझे ही आज़माना चाहता है !!
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दर्द शायरी
हर बात में आंसू बहाया नहीं करते,
दिल की बात हर किसी को बताया नहीं करते,
लोग मुट्ठी में नमक लेके घूमते है,
दिल के जख्म हर किसी को दिखाया नहीं करते !!
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दर्द शायरी
खुश रहे तू है जहाँ, ले जा दुआएं मेरी,
तेरी राहों से जुदा हो गयी है राहे मेरी,
कुछ नहीं पास मेरे अब खाली हाथ है,
किसी और की नहीं, है सब खताये मेरी !!
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दर्द शायरी
दर्द से दोस्ती हो गई यारो,
जिंदगी बेदर्द हो गई यारो,
क्या हुआ जो जल गया आशियाना हमारा,
दूर तक रोशनी तो हो गई यारो !!
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दर्द शायरी
समझा ना कोई दिल की बात को,
दर्द दुनिया ने बिना सोचे ही दे दिया,
जो सह गए हर दर्द को हम चुपके से,
तो हमको ही पत्थर दिल कह दिया !!
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दर्द शायरी
मैं अपनी वफाओं का भरम ले के चली हूँ,
हाथों में मोहब्बत का आलम लेकर चली हूँ,
चलने ही नहीं देती यह वादे की ज़ंज़ीर,
मुश्किल था मगर इश्क़ के सारे सितम लेकर चली हूँ !!
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दर्द शायरी
नया दर्द एक और दिल में जगा कर चला गया,
कल फिर वो मेरे शहर में आकर चला गया,
जिसे ढूंढ़ता रहा मैं लोगों की भीड़ में,
मुझसे वो अपने आप को छुपा कर चला गया !!
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दर्द शायरी
महफ़िल भी रोयेगी, महफ़िल में हर शख्स भी रोयेगा,
डूबी जो मेरी कश्ती तो चुपके से साहिल भी रोयेगा,
इतना प्यार बिखेर देंगे हम इस दुनिया में की,
मेरी मौत पे मेरा क़ातिल भी रोयेगा !!
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दर्द शायरी
वो रात दर्द और सितम की रात होगी,
जिस रात रुखसत उनकी बारात होगी,
उठ जाता हूँ मैं ये सोचकर नींद से अक्सर,
की एक गैर की बाहों में मेरी सारी कायनात होगी !!
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दर्द शायरी
दिल मेरा जो अगर रोया न होता,
हमने भी आँखों को भिगोया न होता,
दो पल की हँसी में छुपा लेता ग़मों को,
ख़्वाब की हक़ीक़त को जो संजोया न होता !!
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दर्द शायरी
उल्फत का यह दस्तूर होता है,
जिसे चाहो वही हमसे दूर होता है,
दिल टूट कर बिखरता है इस कदरजैसे,
कांच का खिलौना गिरके चूर-चूर होता है !!
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दर्द शायरी
आँसू गिरने की आहट नहीं होती,
दिल के टूटने की आवाज नहीं होती,
अगर होता उन्हे एहसास दर्द का,
तो दर्द देने की उन्हे आदत नहीं होती !!
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दर्द शायरी
आज तेरी याद को हम सीने से लगा कर रोये,
तन्हाई में तुझे हम पास बुला कर रोये,
कई बार पुकारा इस दिल ने तुम्हें,
और हर बार तुम्हे ना पाकर हम रोये !!
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दर्द शायरी
कहाँ आ के रुकने थे रास्ते कहाँ मोड़ था उसे भूल जा,
वो जो मिल गया उसे याद रख जो नहीं मिला उसे भूल जा,
वो तेरे नसीब की बारिशें किसी और छत पे बरस गई,
दिल-ए-मुंतज़िर मेरी बात सुन उसे भूल जा उसे भूल जा !!
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दर्द शायरी
टूटा हो दिल तो दुःख होता है,
करके मोहब्बत किसी से ये दिल रोता है,
दर्द का एहसास तो तब होता है,
जब किसी से मोहब्बत हो और उसके दिल में कोई और होता है !!
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दर्द शायरी
जो नजर से गुजर जाया करते है,
वो सितारे अक्सर टूट जाया करते है,
कुछ लोग दर्द को बयां नहीं होने देते,
बस चुपचाप बिखर जाया करते है !!
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दर्द शायरी
किया है इश्क़ ने मेरा हाल कुछ ऐसा,
ना अपनी खबर ना ही दिल का पता है,
कसूरवार थी मेरी ये दौर-ए-जवानी,
मैं समझता रहा सनम की खता है !!
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दर्द शायरी
वो हमें भूल भी जाये तो कोई गम नहीं,
जाना उनका जान जाने से भी कम नहीं,
जाने कैसे ज़ख़्म दिए है उसने इस दिल को,
की हर कोई कहता है की इस दर्द का कोई मरहम नहीं !!
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दर्द शायरी
हुआ जब इश्क़ का एहसास उन्हें;
आकर वो पास हमारे सारा दिन रोते रहे;
हम भी निकले खुदगर्ज़ इतने यारो कि;
ओढ़ कर कफ़न, आँखें बंद करके सोते रहे।
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दर्द शायरी
क्या कुछ न किया है और क्या कुछ नहीं करते;
कुछ करते हैं ऐसा ब-खुदा कुछ नहीं करते;
अपने मर्ज़-ए-गम का हकीम और कोई है;
हम और तबीबों की दवा कुछ नहीं करते।
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दर्द शायरी
हम उम्मीदों की दुनियां बसाते रहे;
वो भी पल पल हमें आजमाते रहे;
जब मोहब्बत में मरने का वक्त आया;
हम मर गए और वो मुस्कुराते रहे।
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दर्द शायरी
बढ़ी जो हद से तो सारे तिलिस्म तोड़ गयी;
वो खुश दिली जो दिलों को दिलों से जोड़ गयी;
अब्द की राह पे बे-ख्वाब धड़कनों की धमक;
जो सो गए उन्हें बुझते जगो में छोड़ गयी।
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दर्द शायरी
न वो सपना देखो जो टूट जाये;
न वो हाथ थामो जो छूट जाये;
मत आने दो किसी को करीब इतना;
कि उसके दूर जाने से इंसान खुद से रूठ जाये।
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दर्द शायरी
एक पल में ज़िन्दगी भर की उदासी दे गया;
वो जुदा होते हुए कुछ फूल बासी दे गया;
नोच कर शाखों के तन से खुश्क पत्तों का लिबास;
ज़र्द मौसम बाँझ रुत को बे-लिबासी दे गया।
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दर्द शायरी
मोहब्बत में किसी का इंतजार मत करना;
हो सके तो किसी से प्यार मत करना;
कुछ नहीं मिलता मोहब्बत कर के;
खुद की ज़िन्दगी बेकार मत करना।
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दर्द शायरी
सब कुछ मिला सुकून की दौलत न मिली;
एक तुझको भूल जाने की मोहलत न मिली;
करने को बहुत काम थे अपने लिए मगर;
हमको तेरे ख्याल से कभी फुर्सत न मिली।
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दर्द शायरी
रोते रहे तुम भी, रोते रहे हम भी;
कहते रहे तुम भी और कहते रहे हम भी;
ना जाने इस ज़माने को हमारे इश्क़ से क्या नाराज़गी थी;
बस समझाते रहे तुम भी और समझाते रहे हम भी।
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दर्द शायरी
वो नाराज़ हैं हमसे कि हम कुछ लिखते नहीं;
कहाँ से लाएं लफ्ज़ जब हमको मिलते नहीं;
दर्द की ज़ुबान होती तो बता देते शायद;
वो ज़ख्म कैसे दिखाए जो दिखते नहीं।
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दर्द शायरी
साँस थम जाती है पर जान नहीं जाती;
दर्द होता है पर आवाज़ नहीं आती;
अजीब लोग हैं इस ज़माने में ऐ दोस्त;
कोई भूल नहीं पाता और किसी को याद नहीं आती।
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दर्द शायरी
दर्द दे गए सितम भी दे गए;
ज़ख़्म के साथ वो मरहम भी दे गए;
दो लफ़्ज़ों से कर गए अपना मन हल्का;
और हमें कभी ना रोने की कसम दे गए।
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दर्द शायरी
लगता नहीं है दिल मेरा उजड़े दयार में;
किसकी बनी है आलम-ए-ना पैदार में;
कह दो इन हसरतों से कहीं और जा बसें;
इतनी जगह कहाँ है दिल-ए-दागदार में।
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दर्द शायरी
निकले हम कहाँ से और किधर निकले;
हर मोड़ पे चौंकाए ऐसा अपना सफ़र निकले;
तूने समझाया क्या रो-रो के अपनी बात;
तेरे हमदर्द भी लेकिन बड़े बे-असर निकले।
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दर्द शायरी
उन गलियों से जब गुज़रे तो मंज़र अजीब था;
दर्द था मगर वो दिल के करीब था;
जिसे हम ढूँढ़ते थे अपनी हाथों की लकीरों में;
वो किसी दूसरे की किस्मत किसी और का नसीब था।
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दर्द शायरी
दिल की हालात बताई नहीं जाती;
हमसे उनकी चाहत छुपाई नहीं जाती;
बस एक याद बची है उनके चले जाने के बाद;
हमसे तो वो याद भी दिल से निकाली नहीं जाती।
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दर्द शायरी
जब रूह किसी बोझ से थक जाती है;
एहसास की लौ और भी बढ़ जाती है;
मैं बढ़ता हूँ ज़िन्दगी की तरफ लेकिन;
ज़ंजीर सी पाँव में छनक जाती है।
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दर्द शायरी
फुर्सत किसे है ज़ख्मों को सरहाने की;
निगाहें बदल जाती हैं अपने बेगानों की;
तुम भी छोड़कर चले गए हमें;
अब तम्मना न रही किसी से दिल लगाने की।
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दर्द शायरी
आओ किसी शब मुझे टूट के बिखरता देखो;
मेरी रगों में ज़हर जुदाई का उतरता देखो;
किस किस अदा से तुझे माँगा है खुदा से;
आओ कभी मुझे सजदों में सिसकता देखो।
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दर्द शायरी
बेनाम सा यह दर्द ठहर क्यों नही जाता;
जो बीत गया है वो गुज़र क्यों नही जाता;
वो एक ही चेहरा तो नही सारे जहाँ मैं;
जो दूर है वो दिल से उतर क्यों नही जाता।
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दर्द शायरी
अपनी यादें अपनी बातें लेकर जाना भूल गये;
जाने वाले जल्दी में मिलकर जाना भूल गये;
मुड़-मुड़ कर देखा था जाते वक़्त रास्ते में उन्होंने;
जैसे कुछ जरुरी था, जो वो हमें बताना भूल गये;
वक़्त-ए-रुखसत भी रो रहा था हमारी बेबसी पर;
उनके आंसू तो वहीं रह गये, वो बाहर ही आना भूल गये।
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दर्द शायरी
खुलेगी इस नज़र पे चश्म-ए-तर आहिस्ता आहिस्ता;
किया जाता है पानी में सफ़र आहिस्ता आहिस्ता;
कोई ज़ंजीर फिर वापस वहीं पर ले के आती है;
कठिन हो राह तो छूटता है घर आहिस्ता आहिस्ता।
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दर्द शायरी
एक खिलौना टूट जाएगा नया मिल जाएगा;
मैं नहीं तो कोई तुझ को दूसरा मिल जाएगा;
भागता हूँ हर तरफ़ ऐसे हवा के साथ साथ;
जिस तरह सच मुच मुझे उस का पता मिल जाएगा।
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दर्द शायरी
मेरी रातों की राहत, दिन के इत्मिनान ले जाना;
तुम्हारे काम आ जायेगा, यह सामान ले जाना;
तुम्हारे बाद क्या रखना अना से वास्ता कोई;
तुम अपने साथ मेरा उम्र भर का मान ले जाना।
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दर्द शायरी
वो जज़्बों की तिजारत थी, यह दिल कुछ और समझा था;
उसे हँसने की आदत थी, यह दिल कुछ और समझा था;
मुझे देख कर अक्सर वो निगाहें फेर लेते थे;
वो दर-ए-पर्दा हकारत थी, यह दिल कुछ और समझा था।
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दर्द शायरी
अपनी मर्ज़ी से कहाँ अपने सफ़र के हम हैं;
रुख हवाओं का जिधर का है उधर के हम हैं;
पहले हर चीज़ थी अपनी मगर अब लगता हैं;
अपने ही घर में किसी दूसरे घर के हम हैं।
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दर्द शायरी
कैसे बयान करें आलम दिल की बेबसी का;
वो क्या समझे दर्द आंखों की इस नमी का;
उनके चाहने वाले इतने हो गए हैं अब कि;
उन्हे अब एहसास ही नहीं हमारी कमी का।
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दर्द शायरी
लोगों से कह दो हमारी तक़दीर से जलना छोड़ दें;
हम घर से खुदा की दुआ लेकर निकलते हैं;
कोई न दे हमें खुश रहने की दुआ तो भी कोई बात नहीं;
वैसे भी हमें खुशियां रास नहीं अक्सर इस वजह से लोग छूट जाते हैं।
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दर्द शायरी
अब किस से कहें और कौन सुने जो हाल तुम्हारे बाद हुआ;
इस दिल की झील सी आँखों में एक ख़्वाब बहुत बर्बाद हुआ;
यह हिज्र-हवा भी दुश्मन है उस नाम के सारे रंगों की;
वो नाम जो मेरे होंठों पर खुशबू की तरह आबाद हुआ।
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दर्द शायरी
महफ़िल भी रोयेगी, महफ़िल में हर शख्स भी रोयेगा;
डूबी जो मेरी कश्ती तो चुपके से साहिल भी रोयेगा;
इतना प्यार बिखेर देंगे हम इस दुनिया में कि;
मेरी मौत पे मेरा क़ातिल भी रोयेगा।
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दर्द शायरी
उसे कह दो वो मेरा है किसी और का हो नहीं सकता;
बहुत नायाब है मेरे लिए वो कोई और उस जैसा हो नहीं सकता;
तुम्हारे साथ जो गुज़ारे वो मौसम याद आते हैं;
तुम्हारे बाद कोई मौसम सुहाना हो नहीं सकता।
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दर्द शायरी
मेरे दिल का दर्द किसने देखा है;
मुझे बस खुदा ने तड़पते देखा है;
हम तन्हाई में बैठे रोते हैं;
लोगों ने हमें महफ़िल में हँसते देखा है।
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दर्द शायरी
दिल के दर्द छुपाना बड़ा मुश्किल है;
टूट कर फिर मुस्कुराना बड़ा मुश्किल है;
किसी अपने के साथ दूर तक जाओ फिर देखो;
अकेले लौट कर आना कितना मुश्किल है।
|
दर्द शायरी
दर्द है दिल में पर इसका एहसास नहीं होता;
रोता है दिल जब वो पास नहीं होता;
बर्बाद हो गए हम उसके प्यार में;
और वो कहते हैं इस तरह प्यार नहीं होता।
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दर्द शायरी
एक लफ्ज़ उनको सुनाने के लिए;
कितने अल्फ़ाज़ लिखे हमने ज़माने के लिए;
उनका मिलना ही मुक़द्दर में न था;
वर्ना क्या कुछ नहीं किया उनको पाने के लिए।
|
दर्द शायरी
आज ये तन्हाई का एहसास कुछ ज्यादा है;
तेरे संग ना होना का मलाल कुछ ज्यादा है;
फिर भी काट रहे हैं जिए जाने की सज़ा यही सोचकर;
शायद इस ज़िंदगानी में मेरे गुनाह कुछ ज्यादा हैं।
|
दर्द शायरी
खून बन कर मुनासिब नहीं दिल बहे;
दिल नहीं मानता कौन दिल से कहे;
तेरी दुनिया में आये बहुत दिन रहे;
सुख ये पाया कि हमने बहुत दुःख सहे।
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दर्द शायरी
दुनिया में किसी से कभी प्यार मत करना;
अपने अनमोल आँसू इस तरह बेकार मत करना;
कांटे तो फिर भी दामन थाम लेते हैं;
फूलों पर कभी इस तरह तुम ऐतबार मत करना।
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दर्द शायरी
हर ख़ुशी के पहलू हाथों से छूट गए;
अब तो खुद के साये भी हमसे रूठ गए;
हालात हैं अब ऐसे ज़िंदगी में हमारी;
प्यार की राहों में हम खुद ही टूट गए।
|
दर्द शायरी
तेरे इश्क़ में सब कुछ लुटा बैठे;
हम ज़िंदगी भी अपनी गँवा बैठे;
अब जीने की तमन्ना भी नहीं बाकी;
सारे अरमान हम अपने दफना बैठे।
|
दर्द शायरी
बर्बाद कर गए वो ज़िंदगी प्यार के नाम से;
बेवफाई ही मिली हमें सिर्फ वफ़ा के नाम से;
ज़ख़्म ही ज़ख़्म दिए उस ने दवा के नाम से;
आसमान भी रो पड़ा मेरी मोहब्बत के अंजाम से।
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दर्द शायरी
अनजाने में यूँ ही हम दिल गँवा बैठे;
इस प्यार में कैसे धोखा खा बैठे;
उनसे क्या गिला करें, भूल तो हमारी थी;
जो बिना दिल वालों से ही दिल लगा बैठे।
|
दर्द शायरी
हम रूठे दिलों को मनाने में रह गए;
गैरों को अपना दर्द सुनाने में रह गए;
मंज़िल हमारी, हमारे करीब से गुज़र गयी;
हम दूसरों को रास्ता दिखाने में रह गए।
|
दर्द शायरी
पा लिया था दुनिया की सबसे हसीन को;
इस बात का तो हमें कभी गुरूर न था;
वो रह पाते पास कुछ दिन और हमारे;
शायद यह हमारे नसीब को मंज़ूर नहीं था।
|
दर्द शायरी
तेरे इश्क़ में सब कुछ लुटा बैठा;
मैं तो ज़िंदगी भी अपनी गँवा बैठा;
अब जीने की तमन्ना न रही बाकी;
सारे अरमान मैं अपने दफना बैठा।
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दर्द शायरी
कहाँ आ के रुकने थे रास्ते कहाँ मोड़ था उसे भूल जा;
वो जो मिल गया उसे याद रख जो नहीं मिला उसे भूल जा;
वो तेरे नसीब की बारिशें किसी और छत पे बरस गई;
दिल-ए-मुंतज़िर मेरी बात सुन उसे भूल जा उसे भूल जा।
|
दर्द शायरी
माना कि तुम्हें मुझसे ज्यादा ग़म होगा;
मगर रोने से ये ग़म कभी कम न होगा;
जीत ही लेंगे दिल की नाकाम बाजियां हम;
अगर मोहब्बत में हमारी दम होगा।
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दर्द शायरी
वो तो अपना दर्द रो-रो कर सुनाते रहे;
हमारी तन्हाइयों से भी आँख चुराते रहे;
हमें ही मिल गया बेवफ़ा का ख़िताब क्योंकि;
हम हर दर्द मुस्कुरा कर छिपाते रहे।
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दर्द शायरी
उम्र की राह में रास्ते बदल जाते हैं;
वक़्त की आंधी में इंसान बदल जाते हैं;
सोचते हैं तुम्हें इतना याद ना करें लेकिन;
आँख बंद करते ही इरादे बदल जाते हैं।
|
दर्द शायरी
ग़म इसका नहीं कि तू मेरा न हो सका;
मेरी मोहब्बत में मेरा सहारा ना बन सका;
ग़म तो इसका भी नहीं कि सुकून दिल का लुट गया;
ग़म तो इसका है कि मोहब्बत से भरोसा ही उठ गया।
|
दर्द शायरी
तुम्हारा दुःख हम सह नहीं सकते;
भरी महफ़िल में कुछ कह नहीं सकते;
हमारे गिरते हुए आँसुओं को पढ़ कर देखो;
वो भी कहते हैं कि हम आपके बिन रह नहीं सकते।
|
दर्द शायरी
वो हमें भूल भी जायें तो कोई गम नहीं;
जाना उनका जान जाने से भी कम नहीं;
जाने कैसे ज़ख़्म दिए हैं उसने इस दिल को;
कि हर कोई कहता है कि इस दर्द की कोई मरहम नहीं।
|
दर्द शायरी
ऐ दिल मत कर इतनी मोहब्बत किसी से;
इश्क़ में मिला दर्द तू सह नहीं पायेगा;
एक दिन टूट कर बिखर जायेगा अपनों के हाथों से;
किसने तोडा ये भी किसी से कह नहीं पायेगा।
|
दर्द शायरी
जमीन छुपाने के लिए गगन होता है;
दिल छुपाने के लिए बदन होता है;
शायद मरने के बाद भी छुपाये जाते हैं गम;
इसीलिए हर लाश पे कफ़न होता है।
|
दर्द शायरी
खुश रहे तू है जहाँ, ले जा दुआएं मेरी;
तेरी राहों से जुदा हो गयी हैं राहें मेरी;
कुछ नहीं पास मेरे अब खाली हाथ हैं;
किसी और की नहीं सब खतायें हैं मेरी।
|
दर्द शायरी
मेरे दिल में न आओ वरना डूब जाओगे;
ग़म-ए-अश्कों के सिवा कुछ भी नहीं अंदर;
अगर एक बार रिसने लगा जो पानी;
तो कम पड़ जायेगा भरने के लिए समंदर।
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दर्द शायरी
बिन बताये उसने ना जाने क्यों ये दूरी कर दी;
बिछड़ के उसने मोहब्बत ही अधूरी कर दी;
मेरे मुकद्दर में ग़म आये तो क्या हुआ;
खुदा ने उसकी ख्वाहिश तो पूरी कर दी।
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दर्द शायरी
इस बहते दर्द को मत रोको;
यह तो सज़ा है किसी के इंतज़ार की;
लोग इन्हे आँसू कहे या दीवानगी;
पर यह तो निशानी है किसी के प्यार की।
|
दर्द शायरी
वो रात दर्द और सितम की रात होगी;
जिस रात रुखसत उनकी बारात होगी;
उठ जाता हूँ मैं ये सोचकर नींद से अक्सर;
कि एक गैर की बाहों में मेरी सारी कायनात होगी।
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दर्द शायरी
इतनी पीता हूँ कि मदहोश रहता हूँ;
सब कुछ समझता हूँ पर खामोश रहता हूँ;
जो लोग करते हैं मुझे गिराने की कोशिश;
मैं अक्सर उन्ही के साथ रहता हूँ।
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दर्द शायरी
मैंने पत्थरों को भी रोते देखा है झरने के रूप में;
मैंने पेड़ों को प्यासा देखा है सावन की धूप में;
घुल-मिल कर बहुत रहते हैं लोग जो शातिर हैं बहुत;
मैंने अपनों को तनहा देखा है बेगानों के रूप में।
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दर्द शायरी
दिल मेरा जो अगर रोया न होता;
हमने भी आँखों को भिगोया न होता;
दो पल की हँसी में छुपा लेता ग़मों को;
ख़्वाब की हक़ीक़त को जो संजोया नहीं होता।
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दर्द शायरी
वक़्त के मोड़ पे ये कैसा वक़्त आया है;
ज़ख़्म दिल का ज़ुबाँ पर आया है;
न रोते थे कभी काँटों की चुभन से;
आज न जाने क्यों फूलों की खुशबू से रोना आया है।
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दर्द शायरी
जाये है जी नजात के ग़म में;
ऐसी जन्नत गयी जहन्नुम में;
आप में हम नहीं तो क्या है अज़ब;
दूर उससे रहा है क्या हम में;
बेखुदी पर न 'मीर' की जाओ;
तुमने देखा है और आलम में।
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दर्द शायरी
रास्ते खुद ही तबाही के निकाले हम ने;
कर दिया दिल किसी पत्थर के हवाले हमने;
हाँ मालूम है क्या चीज़ हैं मोहब्बत यारो;
अपना ही घर जला कर देखें हैं उजाले हमने।
|
दर्द शायरी
जो आँसू दिल में गिरते हैं वो आँखों में नहीं रहते;
बहुत से हर्फ़ ऐसे होते हैं जो लफ़्ज़ों में नहीं रहते;
किताबों में लिखे जाते हैं दुनिया भर के अफ़साने;
मगर जिन में हकीकत हो किताबों में नहीं रहते।
|
दर्द शायरी
एक अजीब सा मंजर नज़र आता है;
हर एक आँसूं समंदर नज़र आता है;
कहाँ रखूं मैं शीशे सा दिल अपना;
हर किसी के हाथ मैं पत्थर नज़र आता है।
|
दर्द शायरी
दर्द है दिल में पर इसका एहसास नहीं होता;
रोता है दिल जब वो पास नहीं होता;
बरबाद हो गए हम उनकी मोहब्बत में;
और वो कहते हैं कि इस तरह प्यार नहीं होता।
|
दर्द शायरी
आज तेरी याद हम सीने से लगा कर रोये;
तन्हाई मैं तुझे हम पास बुला कर रोये;
कई बार पुकारा इस दिल ने तुम्हें;
और हर बार तुम्हें ना पाकर हम रोये।
|
दर्द शायरी
इसी से जान गया मैं कि वक़्त ढलने लगे;
मैं थक के छाँव में बैठा और पाँव चलने लगे;
मैं दे रहा था सहारे तो एक हजूम में था;
जो गिर पड़ा तो सभी रास्ता बदलने लगे।
|
दर्द शायरी
वक्त नूर को बेनूर कर देता है;
छोटे से जख्म को नासूर कर देता है;
कौन चाहता है अपनों से दूर होना;
लेकिन वक्त सबको मजबूर कर देता है।
|
दर्द शायरी
अपनी आँखों के समंदर में उत्तर जाने दे;
तेरा मुज़रिम हूँ मुझे डूब के मर जाने दे;
ज़ख़्म कितने तेरी चाहत से मिले हैं मुझको;
सोचता हूँ कहूँ तुझसे, मगर जाने दे।
|
दर्द शायरी
रोने की सज़ा न रुलाने की सज़ा है;
ये दर्द मोहब्बत को निभाने की सज़ा है;
हँसते हैं तो आँखों से निकल आते हैं आँसू;
ये उस शख्स से दिल लगाने की सज़ा है।
|
दर्द शायरी
हर सितम सह कर कितने गम छिपाए हमने;
तेरी ख़ातिर हर दिन आँसू बहाए हमने;
तू छोड़ गया जहाँ हमें राहों में अकेला;
बस तेरे दिए ज़ख्म हर एक से छिपाए हमने।
|
दर्द शायरी
बिछड़ के तुम से ज़िंदगी सज़ा लगती है;
यह साँस भी जैसे मुझ से ख़फ़ा लगती है;
तड़प उठता हूँ दर्द के मारे, ज़ख्मों को जब तेरे शहर की हवा लगती है;
अगर उम्मीद-ए-वफ़ा करूँ तो किस से करूँ;
मुझ को तो मेरी ज़िंदगी भी बेवफ़ा लगती है।
|
दर्द शायरी
कभी कभी मोहब्बत में वादे टूट जाते हैं;
इश्क़ के कच्चे धागे टूट जाते हैं;
झूठ बोलता होगा कभी चाँद भी;
इसलिए तो रुठकर तारे टूट जाते हैं।
|
दर्द शायरी
कहाँ कोई ऐसा मिला जिस पर हम दुनिया लुटा देते;
हर एक ने धोखा दिया, किस-किस को भुला देते;
अपने दिल का ज़ख्म दिल में ही दबाये रखा;
बयां करते तो महफ़िल को रुला देते।
|
दर्द शायरी
हर सितम सह कर कितने ग़म छिपाये हमने;
तेरी खातिर हर दिन आँसू बहाये हमने;
तू छोड़ गया जहाँ हमें राहों में अकेला;
बस तेरे दिए ज़ख्म हर एक से छिपाए हमने।
|
दर्द शायरी
आज फिर तेरी याद आयी बारिश को देख कर;
दिल पे ज़ोर न रहा अपनी बेबसी को देख कर;
रोये इस कदर तेरी याद में;
कि बारिश भी थम गयी मेरी बारिश को देख कर।
|
दर्द शायरी
दिल पे क्या गुज़री वो अनजान क्या जाने;
प्यार किसे कहते है वो नादान क्या जाने;
हवा के साथ उड़ गया घर इस परिंदे का;
कैसे बना था घौंसला वो तूफान क्या जाने।
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दर्द शायरी
समझौतों की भीड़-भाड़ में सबसे रिश्ता टूट गया;
इतने घुटने टेके हमने आख़िर घुटना टूट गया;
ये मंज़र भी देखे हमने इस दुनिया के मेले में;
टूटा-फूटा बचा रहा है, अच्छा ख़ासा टूट गया।
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दर्द शायरी
बहुत अजीब हैं ये बंदिशें मोहब्बत की;
कोई किसी को टूट कर चाहता है;
और कोई किसी को चाह कर टूट जाता है।
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दर्द शायरी
धड़कन बिना दिल का मतलब ही क्या;
रौशनी के बिना दिये का मतलब ही क्या;
क्यों कहते हैं लोग कि मोहब्बत न कर दर्द मिलता है;
वो क्या जाने कि दर्द बिना मोहब्बत का मतलब ही क्या।
|
दर्द शायरी
जो नजर से गुजर जाया करते हैं;
वो सितारे अक्सर टूट जाया करते हैं;
कुछ लोग दर्द को बयां नहीं होने देते,
बस चुपचाप बिखर जाया करते हैं।
|
दर्द शायरी
दोस्ती जब किसी से की जाये तो दुश्मनों की भी राय ली जाये;
मौत का ज़हर है फिज़ाओं में अब कहाँ जा कर सांस ली जाये;
बस इसी सोच में हूँ डूबा हुआ कि ये नदी कैसे पार की जाये;
मेरे माज़ी के ज़ख़्म भरने लगे हैं आज फिर कोई भूल की जाये।
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दर्द शायरी
सबने कहा इश्क़ दर्द है;
हमने कहा यह दर्द भी क़बूल है;
सबने कहा इस दर्द के साथ जी नहीं पाओगे;
हमने कहा इस दर्द के साथ मरना भी क़बूल है।
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दर्द शायरी
उल्फत का यह दस्तूर होता है;
जिसे चाहो वही हमसे दूर होता है;
दिल टूट कर बिखरता है इस क़द्र जैसे;
कांच का खिलौना गिरके चूर-चूर होता है!
|
दर्द शायरी
तेरी यादों के सितम सहते हैं हम;
आज भी पल-पल तेरी यादों में मरते हैं हम;
तुम तो चले गए बहुत दूर, हमको इस दुनियां में तन्हा छोड़कर;
पर तुम क्या जानो, बैठकर तन्हाई में किस कदर रोते हैं हम।
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दर्द शायरी
हँसते हुए ज़ख्मों को भुलाने लगे हैं हम;
हर दर्द के निशान मिटाने लगे हैं हम;
अब और कोई ज़ुल्म सताएगा क्या भला;
ज़ुल्मों सितम को अब तो सताने लगे हैं हम।
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दर्द शायरी
शहर क्या देखें, के हर मंज़र में जाले पड़ गए;
ऐसी गर्मी है, कि पीले फूल काले पड़ गए;
मैं अँधेरों से बचा लाया था अपने आप को;
मेरा दुख ये है, मेरे पीछे उजाले पड़ गए।
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दर्द शायरी
मोहब्बत करने वालों का यही हश्र होता है;
दर्द-ए-दिल होता है, दर्द-ए-जिगर होता है;
बंद होंठ कुछ ना कुछ गुनगुनाते ही रहते हैं;
खामोश निगाहों का भी गहरा असर होता है।
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दर्द शायरी
ग़म के दरियाओं से मिलकर बना है यह सागर;
आप क्यों इसमें समाने की कोशिश करते हो;
कुछ नहीं है और इस जीवन में दर्द के सिवा;
आप क्यों इस ज़िंदगी में आने की कोशिश करते हो।
|
दर्द शायरी
किया इश्क़ ने मेरा हाल कुछ ऐसा;
ना अपनी खबर ना ही दिल का पता है;
कसूरवार थी मेरी ये दौर-ए-जवानी;
मैं समझता रहा सनम की खता है।
|
दर्द शायरी
ज़ख्म जब मेरे सीने के भर जाएंगे;
आंसू भी मोती बन के बिखर जाएंगे;
ये मत पूछना किसने दर्द दिया;
वरना कुछ अपनों के सर झुक जाएंगे।
|
दर्द शायरी
टूटा हो दिल तो दुःख होता है;
करके मोहब्बत किसी से ये दिल रोता है;
दर्द का एहसास तो तब होता है;
जब किसी से मोहब्बत हो और उसके दिल में कोई और होता है।
|
दर्द शायरी
चीज़ बेवफ़ाई से बढ़कर क्या होगी;
ग़म-ए-हालात जुदाई से बढ़कर क्या होगी;
जिसे देनी हो सज़ा उम्र भर के लिए;
सज़ा तन्हाई से बढ़कर क्या होगी।
|
दर्द शायरी
वो तो अपने दर्द रो-रो कर सुनाते रहे;
हमारी तन्हाईयों से आँखें चुराते रहे;
और हमें बेवफ़ा का नाम मिला;
क्योंकि हम हर दर्द मुस्कुरा कर छिपाते रहे।
|
दर्द शायरी
देख कर मेरा नसीब मेरी तक़दीर रोने लगी;
लहू के अल्फाज़ देख कर तहरीर रोने लगी;
हिज्र में दीवाने की हालत कुछ ऐसी हुई;
सूरत को देख कर खुद तस्वीर रोने लगी।
|
दर्द शायरी
चाहत की राह में बिखरे अरमान बहुत है;
हम उसकी याद में परेशान बहुत हैं;
वो हर बार दिल तोड़ता है यह कह कर;
मेरी उम्मीदों के दुनियाँ में अभी मुकाम बहुत हैं।
|
दर्द शायरी
वो देता है दर्द बस हमी को;
क्या समझेगा वो इन आँखों की नमी को;
चाहने वालों की भीड़ से घिरा है जो हर वक़्त;
वो महसूस क्या करेगा बस एक हमारी कमी को।
|
दर्द शायरी
दर्द कितना है बता नहीं सकते;
ज़ख़्म कितने हैं दिखा नहीं सकते;
आँखों से समझ सको तो समझ लो;
आँसू गिरे हैं कितने गिना नहीं सकते।
|
दर्द शायरी
ज़रा सी ज़िंदगी है, अरमान बहुत हैं;
हमदर्द नहीं कोई, इंसान बहुत हैं;
दिल के दर्द सुनाएं तो किसको;
जो दिल के करीब है, वो अनजान बहुत है!
|
दर्द शायरी
जिंदगी भर दर्द से जीते रहे;
दरिया पास था आंसुओं को पीते रहे;
कई बार सोचा कह दू हाल-ए-दिल उससे;
पर न जाने क्यूँ हम होंठो को सीते रहे।
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दर्द शायरी
हो चुके अब तुम किसी के;
कभी मेरी ज़िंदगी थे तुम;
भूलता है कौन मोहब्बत पहली;
मेरी तो सारी ख़ुशी थे तुम।
|
दर्द शायरी
क्या गिला करें उन बातों से;
क्या शिक़वा करें उन रातों से;
कहें भला किसकी खता इसे हम;
कोई खेल गया फिर से जज़बातों से।
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दर्द शायरी
ना जाने क्यूँ नज़र लगी ज़माने की;
अब वजह मिलती नहीं मुस्कुराने की;
तुम्हारा गुस्सा होना तो जायज़ था;
हमारी आदत छूट गयी मनाने की।
|
दर्द शायरी
दर्द से अब हम खेलना सीख गए;
हम बेवफाई के साथ जीना सीख गए;
क्या बताएं किस कदर दिल टूटा है मेरा;
मौत से पहले, कफ़न ओढ़ कर सोना सीख गए।
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दर्द शायरी
ना ये महफिल अजीब है, ना ये मंजर अजीब है;
जो उसने चलाया वो खंजर अजीब है;
ना डूबने देता है, ना उबरने देता है;
उसकी आँखों का वो समंदर अजीब है।
|
दर्द शायरी
लौट जाती है दुनिया गम हमारा देख कर;
जैसे लौट जाती हैं लहरें किनारा देखकर;
तुम कंधा ना देना मेरे जनाज़े को;
कहीं फिर से ज़िंदा ना हो जाऊँ तेरा सहारा देखकर।
|
दर्द शायरी
वक़्त की रफ़्तार रुक गई होती;
शर्म से आँखे झुक गई होती;
अगर दर्द जानती शमा परवाने का;
तो जलने से पहले बुझ गई होती।
|
दर्द शायरी
कही ईसा, कहीं मौला, कहीं भगवान रहते है;
हमारे हाल से शायद सभी अंजान रहते हैं;
चले आये, तबीयत आज भारी सी लगी अपनी;
सुना था आपकी बस्ती में कुछ इंसान रहते है।
|
दर्द शायरी
तेरी आरज़ू मेरा ख्वाब है;
जिसका रास्ता बहुत खराब है;
मेरे ज़ख्म का अंदाज़ा न लगा;
दिल का हर पन्ना दर्द की किताब है।
|
दर्द शायरी
दर्द की महफ़िल में एक शेयर हम भी अर्ज़ किया करते हैं;
न किसी से मरहम न, दुआओं कि उम्मीद किया करते हैं;
कई चेहरे लेकर लोग यहाँ जिया करते हैं;
हम इन आँसुओं को एक चेहरे के लिए पिया करते हैं|
|
दर्द शायरी
नया दर्द एक और दिल में जगा कर चला गया;
कल फिर वो मेरे शहर में आकर चला गया;
जिसे ढूंढ़ता रहा मैं लोगों की भीड़ में;
मुझसे वो अपने आप को छुपा कर चला गया।
|
दर्द शायरी
बेखुदी ले गई कहाँ हमको;
देर से इंतज़ार है अपना;
रोते फिरते हैं सारी-सारी रात;
अब यही बस रोज़गार है अपना।
|
दर्द शायरी
मेरा ख़याल ज़ेहन से मिटा भी न सकोगे;
एक बार जो तुम मेरे गम से मिलोगे;
तो सारी उम्र मुस्करा न सकोगे।
|
दर्द शायरी
मुझको ऐसा दर्द मिला जिसकी दवा नहीं;
फिर भी खुश हूँ मुझे उस से कोई गिला नहीं;
और कितने आंसू बहाऊँ उस के लिए;
जिसको खुदा ने मेरे नसीब में लिखा ही नहीं।
|
दर्द शायरी
आँखों में रहा दिल में उतर कर ना देखा;
कश्ती के मुसाफिर ने समंदर ना देखा;
पत्थर मुझे कहता है मुझे चाहने वाला;
मैं मोम हूँ उसने मुझे छु कर ना देखा।
|
दर्द शायरी
ना पूछ मेरे सब्र की इंतेहा कहाँ तक है;
तु सितम कर ले, तेरी हसरत जहाँ तक है;
वफ़ा की उम्मीद, जिन्हें होगी उन्हें होगी;
हमें तो देखना है कि तु बेवफ़ा कहाँ तक है।
|
दर्द शायरी
आज आपके प्यार में कमी देखी;
चाँद की चांदनी में कुछ नमी देखी;
उदास होकर लौट आए हम;
जब महफ़िल आपकी गैरों से सजी देखी।
|
दर्द शायरी
कितना दर्द है दिल में दिखाया नहीं जाता;
गंभीर है किस्सा सुनाया नहीं जाता;
एक बार जी भर के देख लो इस चहेरे को;
क्योंकि बार-बार कफ़न उठाया नहीं जाता।
|
दर्द शायरी
कोई समझता नहीं उसे इसका गम नहीं करता;
पर तेरे नजरंदाज करने पर हल्का सा मुस्कुरा देता है;
उसकी हंसी में छुपे दर्द को महसूस तो कर;
वो तो हंस के यूँ ही खुद को सजा देता है।
|
दर्द शायरी
आँसू गिरने की आहट नही होती;
दिल के टूटने की आवाज नहीं होती;
गर होता उन्हें एहसास दर्द का;
तो दर्द देने की उन्हें आदत नहीं होती।
|
दर्द शायरी
दर्द से दोस्ती हो गई यारों;
जिंदगी बे दर्द हो गई यारों;
क्या हुआ जो जल गया आशियाना हमारा;
दूर तक रोशनी तो हो गई यारो।
|
दर्द शायरी
कभी दूर जा के रोये कभी पास आके रोये;
हमें रुलाने वाले हमें रुला के रोये;
मरने को तो मरते हैं सभी यारों;
पर मरने का तो मजा ही तब है;
जो दुश्मन भी जनाजे पे आ के रोये।
|
दर्द शायरी
एक दिन जब हुआ प्यार का अहसास उन्हें;
वो सारा दिन आकर हमारे पास रोते रहे;
और हम भी इतने खुद गर्ज़ निकले यारों कि;
आँखे बंद कर के कफ़न में सोते रहे।
|
दर्द शायरी
जो मेरा था वो मेरा हो नहीं पाया;
आँखों में आंसू भरे थे पर मैं रो नहीं पाया;
एक दिन उन्होंने मुझसे कहा कि;
हम मिलेंगे ख़्वाबों में पर मेरी बदकिस्मती तो देखिये;
उस रात तो मैं ख़ुशी के मारे सो भी नहीं पाया।
|
दर्द शायरी
हर बात में आंसू बहाया नहीं करते;
दिल की बात हर किसी को बताया नहीं करते;
लोग मुट्ठी में नमक लेके घूमते है;
दिल के जख्म हर किसी को दिखाया नहीं करते।
|
दर्द शायरी
अपने सीने से लगाए हुए उम्मीद की लाश;
मुद्दतों जीस्त को नाशाद किया है मैंने;
तूने तो एक ही सदमे से किया था दो-चार;
दिल को हर तरह से बर्बाद किया है मैंने!
|
दर्द शायरी
उल्फत का अक्सर यही दस्तूर होता है;
जिसे चाहो वही अपने से दूर होता है;
दिल टूटकर बिखरता है इस कदर;
जैसे कोई कांच का खिलौना चूर-चूर होता है!
|
दर्द शायरी
मेरी बर्बादी पर तू कोई मलाल ना करना;
भूल जाना मेरा ख्याल ना करना;
हम तेरी ख़ुशी के लिए कफ़न ओढ़ लेंगे;
पर तुम मेरी लाश ले कोई सवाल मत करना!
|
दर्द शायरी
अभी सूरज नहीं डूबा ज़रा सी शाम होने दो;
मैं खुद लौट जाउंगा मुझे नाकाम होने दो;
मुझे बदनाम करने का बहाना ढूँढ़ते हो क्यों;
मैं खुद हो जाऊंगा बदनाम पहले नाम होने दो!
|
दर्द शायरी
ज़रा सी देर को आये ख्वाब आँखों में;
फिर उसके बाद मुसलसल अज़ाब आँखों में;
वो जिस के नाम की निस्बत से रौशनी था वजूद;
खटक रहा है वही आफताब आँखों में!
|
दर्द शायरी
हमनें जब किया दर्द-ए-दिल बयां, तो शेर बन गया;
लोगों ने सुना तो वाह वाह किया, दर्द और बढ़ गया;
मोहब्बत की पाक रूह मेरे साँसों में है;
ख़त लिखा जब गम कम करने के लिए तो गम और बढ़ गया।
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दर्द शायरी
दर्द अगर काजल होता तो आँखों में लगा लेते;
दर्द अगर आँचल होता तो अपने सर पर सजा लेते;
दर्द अगर समुंदर होता तो दिल को हम साहिल बना लेते;
और दर्द अगर तेरी मोहब्बत होती तो उसको चाहत-ऐ ला हासिल बना लेते।
|
दर्द शायरी
दर्द ही सही मेरे इश्क का इनाम तो आया;
खाली ही सही हाथों में जाम तो आया;
मैं हूँ बेवफ़ा सबको बताया उसने;
यूँ ही सही, उसके लबों पे मेरा नाम तो आया।
|
दर्द शायरी
बीते हुए कुछ दिन ऐसे हैं;
तन्हाई जिन्हें दोहराती है;
रो-रो के गुजरती हैं रातें;
आंखों में सहर हो जाती है!
|
दर्द शायरी
गुलाब तो टूट कर बिखर जाता है;
पर खुशबु हवा में बरकरार रहती है;
जाने वाले तो छोड़ के चले जाते हैं;
पर एहसास तो दिलों में बरकरार रहते हैं।
|
दर्द शायरी
ज़ख़्म जब मेरे सीने के भर जाएँगे;
आँसू भी मोती बनकर बिखर जाएँगे;
ये मत पूछना किस किस ने धोखा दिया;
वरना कुछ अपनो के चेहरे उतर जाएँगे।
|
दर्द शायरी
वो तो अपने दर्द रो-रो के सुनते रहे;
हमारी तन्हाइयों से आँख चुराते रहे;
और हमें बेवफा का नाम मिला क्योंकि;
हम हर दर्द मुस्कुरा कर छुपाते रहे!
|
दर्द शायरी
शेर के पर्दे में मैं ने ग़म सुनाया है बहुत, मर्सिये ने दिल को मेरे भी रुलाया है बहुत;
दी-ओ-कोहसर में रोता हूँ दहाड़े मार-मार, दिलबरान-ए-शहर ने मुझ को सताया है बहुत;
नहीं होता किसी से दिल गिरिफ़्ता इश्क़ का,ज़ाहिरा ग़मगीं उसे रहना ख़ुश आया है बहुत!
|
दर्द शायरी
लिखूं कुछ आज यह वक़्त का तकाजा है;
मेरे दिल का दर्द अभी ताजा-ताजा है;
गिर पड़ते हैं मेरे आंसू मेरे ही कागज पर;
लगता है कि कलम में स्याही का दर्द ज्यादा है!
|
दर्द शायरी
बिन बात के ही रूठने की आदत है;
किसी अपने का साथ पाने की चाहत है;
आप खुश रहें, मेरा क्या है;
मैं तो आइना हूँ, मुझे तो टूटने की आदत है।
|
दर्द शायरी
समझा ना कोई दिल की बात को;
दर्द दुनिया ने बिना सोचे ही दे दिया;
जो सह गए हर दर्द को हम चुपके से;
तो हमको ही पत्थर दिल कह दिया।
|
दर्द शायरी
मिलना इत्तिफाक था, बिछड़ना नसीब था;
वो उतना ही दूर चला गया जितना वो करीब था;
हम उसको देखने क लिए तरसते रहे;
जिस शख्स की हथेली पे हमारा नसीब था।
|
दर्द शायरी
भटकते रहे हैं बादल की तरह;
सीने से लगालो आँचल की तरह;
गम के रास्ते पर ना छोड़ना अकेले;
वरना टूट जाएँगे पायल की तरह।
|
दर्द शायरी
बिन बात के ही रूठने की आदत है;
किसी अपने का साथ पाने की चाहत है;
आप खुश रहें, मेरा क्या है;
मैं तो आइना हूँ, मुझे तो टूटने की आदत है!
|
दर्द शायरी
हादसे इंसान के संग मसखरी करने लगे;
लफ्ज कागज पर उतर जादूगरी करने लगे;
कामयाबी जिसने पाई उनके घर बस गए;
जिनके दिल टूटे वो आशिक शायरी करने लगे।
|
दर्द शायरी
धरती के गम छुपाने के लिए गगन होता है;
दिल के गम छुपाने के लिए बदन होता है;
मर के भी छुपाने होंगे गम शायद;
इसलिए हर लाश पर कफ़न होता है।
|
दर्द शायरी
किसी के दिल का दर्द किसने देखा है;
देखा है, तो सिर्फ चेहरा देखा है;
दर्द तो तन्हाई मे होता है;
लेकिन तन्हाइयो मे लोगों ने हमे हँसते हुए देखा है!
|
दर्द शायरी
पास आकर सभी दूर चले जाते हैं;
अकेले थे हम, अकेले ही रह जाते हैं;
इस दिल का दर्द दिखाएँ किसे;
मल्हम लगाने वाले ही जखम दे जाते हैं!
|
दर्द शायरी
इस दिल की दास्ताँ भी बड़ी अजीब होती है;
बड़ी मुस्किल से इसे ख़ुशी नसीब होती है;
किसी के पास आने पर ख़ुशी हो न हो;
पर दूर जाने पर बड़ी तकलीफ होती है!
|
दर्द शायरी
जब भी करीब आता हूँ बताने के किये;
जिंदगी दूर रखती हैं सताने के लिये!
महफ़िलों की शान न समझना मुझे;
मैं तो अक्सर हँसता हूँ गम छुपाने के लिये!
|
दर्द शायरी
उल्फत में अक्सर ऐसा होता है;
आँखे हंसती हैं और दिल रोता है;
मानते हो तुम जिसे मंजिल अपनी;
हमसफर उनका कोई और होता है!
|
दर्द शायरी
कितना दर्द है दिल में दिखाया नहीं जाता;
गंभीर है किस्सा सुनाया नहीं जाता;
एक बार जी भर के देख लो इस चहेरे को;
क्योंकि बार-बार कफ़न उठाया नहीं जाता!
|
दर्द शायरी
दर्द से दोस्ती हो गई यारो;
जिंदगी बेदर्द हो गई यारो;
क्या हुआ, जो जल गया आशियाना हमारा;
दूर तक रोशनी तो हो गई यारो!
|
दर्द शायरी
आईना बन के बात करती धूप, दिल की दीवार पर बरसती धूप;
मेरे अन्दर भी धूप का आलम, मेरे बाहर भी रक्स करती धूप!
|
दर्द शायरी
जहाँ खामोश फिजा थी, साया भी न था;
हमसा कोई किस जुर्म में आया भी न था!
न जाने क्यों छिनी गई हमसे हंसी;
हमने तो किसी का दिल दुखाया भी न था!
|
दर्द शायरी
जाने क्या मुझसे ज़माना चाहता है!
मेरा दिल तोड़कर मुझे ही हसाना चाहता है!
जाने क्या बात झलकती है मेरे इस चेहरे से!
हर शख्स मुझे आज़माना चाहता है!
|
दर्द शायरी
दिल टूटा तो एक आवाज आई!
चीर के देखा तो कुछ चीज निकल आई!
सोचा क्या होगा इस खली दिल में!
लहू से धो कर देखा, तो तेरी तस्वीर निकल आई!
|
दर्द शायरी
न जाने क्यों हमें आँसू बहाना नहीं आता!
न जाने क्यों हाल-ऐ-दिल बताना नहीं आता!
क्यों सब दोस्त बिछड़ गए हमसे!
शायद हमें ही साथ निभाना नहीं आता!
|
दर्द शायरी
वो करीब ही न आये तो इज़हार क्या करते!
खुद बने निशाना तो शिकार क्या करते!
मर गए पर खुली रखी आँखें!
इससे ज्यादा किसी का इंतजार क्या करते!
|
दर्द शायरी
सोचा याद न करके थोड़ा तड़पाऊं उनको!
किसी और का नाम लेकर जलाऊं उनको!
पर चोट लगेगी उनको तो दर्द मुझको ही होगा!
अब ये बताओ किस तरह सताऊं उनको!
|
दर्द शायरी
हर वक़्त तेरे आने की आस रहती है!
हर पल तुझसे मिलने की प्यास रहती है!
सब कुछ है यहाँ बस तू नही!
इसलिए शायद ये जिंदगी उदास रहती है!
|
दर्द शायरी
तुम्हारे प्यार में हम बैठें हैं चोट खाए!
जिसका हिसाब न हो सके उतने दर्द पाये!
फिर भी तेरे प्यार की कसम खाके कहता हूँ!
हमारे लब पर तुम्हारे लिये सिर्फ दुआ आये!
|
दर्द शायरी
काश यह जालिम जुदाई न होती!
ऐ खुदा तूने यह चीज़ बनायीं न होती!
न हम उनसे मिलते न प्यार होता!
ज़िन्दगी जो अपनी थी वो परायी न होती!
|
दर्द शायरी
दिल के टूटने से नही होती है आवाज़!
आंसू के बहने का नही होता है अंदाज़!
गम का कभी भी हो सकता है आगाज़!
और दर्द के होने का तो बस होता है एहसास!
|
दर्द शायरी
वो दर्द ही क्या जो आँखों से बह जाए!
वो खुशी ही क्या जो होठों पर रह जाए!
कभी तो समझो मेरी खामोशी को!
वो बात ही क्या जो लफ्ज़ आसानी से कह जायें!
|
दर्द शायरी
दिल में है जो दर्द वो दर्द किसे बताएं!
हंसते हुए ये ज़ख्म किसे दिखाएँ!
कहती है ये दुनिया हमे खुश नसीब!
मगर इस नसीब की दास्ताँ किसे बताएं!
|
दर्द शायरी
वक़्त नूर को बेनूर बना देता है!
छोटे से जख्म को नासूर बना देता है!
कौन चाहता है अपनों से दूर रहना पर वक़्त सबको मजबूर बना देता है!
|
दर्द शायरी
दर्द से हाथ न मिलाते तो और क्या करते!
गम के आंसू न बहते तो और क्या करते!
उसने मांगी थी हमसे रौशनी की दुआ!
हम खुद को न जलाते तो और क्या करते!
|
दर्द शायरी
उल्फत का अक्सर यही दस्तूर होता है!
जिसे चाहो वही अपने से दूर होता है!
दिल टूटकर बिखरता है इस कदर!
जैसे कोई कांच का खिलौना चूर-चूर होता है!
|
दर्द शायरी
कांटो सी चुभती है तन्हाई!
अंगारों सी सुलगती है तन्हाई!
कोई आ कर हम दोनों को ज़रा हँसा दे!
मैं रोता हूँ तो रोने लगती है तन्हाई!
|
दर्द शायरी
मुझे उसके पहलू में आश्यिाना ना मिला..
उसकी जुलफों छाओं में ठिकाना ना मिला..
कह दिया उसने मुझको बेवफा...
जब मुझको छोडने का उसे कोई बहाना ना मिला
|
दर्द शायरी
सपनो से दिल लगाने की आदत नहीं रही,
हर पल मुस्कुराने की आदत नहीं रही,
ये सोचकर की कोई मनाने नहीं आऐगा,
अब हमें रूठ जाने की आदत नहीं रही
|
दर्द शायरी
चाँद उतरा था हमारे आँगन में,
ये सितारों को गंवारा ना हुआ,
हम भी सितारों से क्या गिला करें..
जब चाँद ही हमारा ना हुआ..
|
दर्द शायरी
हम तो तेरे दिल की महफिल सजाने आऐ थे..
तेरी कसम तुझे अपना बनाने आऐ थे..
किस बात की सज़ा दी तुने हमको बेवफा..
हम तो तेरे दर्द को अपना बनाने आऐ थे..
|
दर्द शायरी
उनकी आँखों से काश कोई इशारा तो होता,
कुछ मेरे जिने का सहारा तो होता,
तोड देते हम हर रसम जमाने की,
एक बार ही सही उसने पुकारा तो होता
|
दर्द शायरी
लोग तो अपना बना कर छोड देते हैं,
कितनी आसानी से गैरों से रिश्ता जोड लेते हैं,
हम एक फूल तक ना तोड सके कभी..
कुछ लोग बेरहमी से दिल तोड देते हैं.. ...
|
दर्द शायरी
होता नहीं मेहसुस दर्द आज तेरे जखमों का,
कयुँ आज तेरी तलवार की धार कम है,
कुछ दे ऐसे जख्म आज मुझको ..
क्युँ लगता है की आज तेरा प्यार कम है.. ...
|
दर्द शायरी
उनसे दूर जाने का इरादा ना था,
सदा साथ रहने का वादा भी ना था,
वो याद नहीं करेंगे जानते थे हम,
पर इतनी जल्दी भुल जाऐंगे अंदाज़ा ना था.
|
दर्द शायरी
दर्द कितने हैं बता नहीं सकता,
जख्म कितने है दिखा नहीं सकता,
आँखों से समझ सको तो समझ लो,
आँसु गिरे है कितने गिना नहीं सकता..
|
दर्द शायरी
जब दिल टुटता है तो आवाज नहीं आती,
महोब्बत हर किसी को रास नहीं आती,
ये तो अपनी-अपनी बात है यारो..
कोई किसी को भुला नहीं पाता..
और किसी-किसी को याद नहीं आती... .
|
दर्द शायरी
दिल में तमनाओं को दबाना सीख लिया,
गम को आँखों में छिपाना सीख लिया,
मेरे चहरे से कहीं कोई बात जाहिर ना हो,
दबा के होंठों को हमने मुस्कुराना सीख लिया..
|
दर्द शायरी
हम रात भर समेटते रहे टुकड़े दिल के,
कल कोई तोड़ गया था यू गैरों मिल के,
पूछ ही ना पाये , उनसे सबब बेरुखी का,
रह गये खामोश, अपने लवों को सिल के,
रोकना चाहा बहुत, उन्हें भी तुम्हारी तरह,
बह गये अश्क, यू मेरी आँखो से निकल ...
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दर्द शायरी
ना जीने की खुशी ना मरने का गम,
बस तुमसे मिलने की दुआ करते है हम,
जीतें है इस आस पर एक दिन तुम आओगे,
मरते इसलिए नहीं क्युँकी अकेले रह जाओगे..
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दर्द शायरी
घांव इतना गहरा है बयां क्या करे,
हम खुद निशाना बन गये अब वार क्या करे,
जान निकल गयी मगर खुली रही आंखें,
अब इससे ज्यादा उनका इंतजार क्या करे. ...
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दर्द शायरी
आज हम उन्हें बेवफ़ा बताकर आये हैं,
उनके खतों को पानी में बहाकर आये हैं,
कोई निकालकर पढ़ ना ले खतों को,
इसलिए पानी में भी आग लगाकर आये हैं.. ...
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दर्द शायरी
बड़ी मुश्किल से बना हूँ टूट जाने के बाद,
मैं आज भी रो देता हूँ मुस्कुराने के बाद,
तुझ से मोहब्बत थी मुझे बेइन्तहा लेकिन,
अक्सर ये महसूस हुआ तेरे जाने के बाद। ...
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दर्द शायरी
महक होती तो तितलियाँ जरूर आती,
कोई रोता तो सिसकियाँ जरूर आती,
कहने को तो लोग मुझे बुहत याद करते है,
मगर याद करते तो हिचकियाँ जरूर आती..!! ...
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दर्द शायरी
हम उम्मीदों की दुनियां बसाते रहे,
वो भी पल पल हमे आजमाते रहे,
जब मोहब्बत मे मरने का वक्त आया,
हम मर गए और वो मूस्कूराते रहे.. ...
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दर्द शायरी
ये बेवफा वफा की कीमत क्या जाने !!
है बेवफा गम-ऐ मोहब्बत क्या जाने !!
जिन्हे मिलता है हर मोड पर नया हमसफर !!
वो भला प्यार की कीमत क्या जाने !! ...
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दर्द शायरी
तेरे प्यार का सिला हर हाल मे देंगे,
खुदा भी माँगे ये दिल तो टाल देंगे,
अगर दिल ने कहा तुम बेवफा हो,
तो इस दिल को भी सीने से निकाल देंगे. ...
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दर्द शायरी
मैं तो चिराग हुँ तेरे आशियाने का,कभी ना कभी तो बुझ जाऊंगा,
आज शिकायत है तुझे मेरे उजाले से,कल अँधेरे में बहुत याद आऊंगा.. ...
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दर्द शायरी
अगर भीगने का इतना ही शोक़् है बारिश मे
तो देखो ना मेरी आँखों मे
बारिश तो हर एक के लिए होती है
लेकिन ये आँखें सिर्फ़ तुम्हारे लिए बरसती हैं…
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दर्द शायरी
वो जान गया हमें दर्द में भी मुस्कुराने की आदत है,
इसलिए वो रोज़ नया दुःख देता है मेरी ख़ुशी के लिए।
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दर्द शायरी
वो हैरान हैं मेरे सबर पर तो कह दो उसे, जो आँसू दामन पर नही गिरते वो दिल मैं गिरा करते हैं…
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दर्द शायरी
समंदर पीड का अंदर है लेकिन रो नहीं सकता,
ये आँसु प्यार का मोती है इसको खो नहीं सकता,
मेरी चाहत को दुल्हन तु बना लेना मगर सुन ले,
जो मेरा हो नहीं पाया वो तेरा हो नहीं सकता ...
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दर्द शायरी
मुझे उससे कोई शिकायत ही नहीं,
शायद हमारी किसमत में चाहत ही नहीं,
मेरी तकदीर को लिखकर खुदा भी मुकर गया,
पूछा तो बोला ये मेरी लिखावट ही नही..
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दर्द शायरी
कितना अजीब अपनी जिन्दगी का सफर निकला,
सारे जहाँ का दर्द अपना मुकद्दर निकला,
जिस के नाम अपनी जिन्दगी का हर लम्हा कर दिया,
अफसोस वही हमारी चाहत से बेखबर निकला..!!
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दर्द शायरी
अजीब शख्स था कैसा मिजाज़ रखता था,
साथ रह कर भी इख्तिलाफ रखता था,
मैं क्यों न दाद दूँ उसके फन की,
मेरे हर सवाल का पहले से जवाब रखता था,
वो तो रौशनियों का बसी था मगर,
मेरी अँधेरी नगरी का बड़ा ख्याल रखता था,
मोहब्बत तो थी उसे किसी और से शायद,
हमसे तो यूँ ही हसी मज़ाक रखता था, ...
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दर्द शायरी
एक दिन जब हुआ प्यार का अहसास उन्हें;
वो सारा दिन आकर हमारे पास रोते रहे;
और हम भी इतने खुद गर्ज़ निकले यारों कि;
आँखे बंद कर के कफ़न में सोते रहे।
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दर्द शायरी
हर बात में आंसू बहाया नहीं करते;
दिल की बात हर किसी को बताया नहीं करते;
लोग मुट्ठी में नमक लेके घूमते है;
दिल के जख्म हर किसी को दिखाया नहीं करते।
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दर्द शायरी
दर्द हमेशा अपने ही देते है;
वरना गैरो को क्या पता कि;
तकलीफ किस बात से होती है।
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दर्द शायरी
क्या ज़रूरत थी दूर जाने की;
पास रहकर भी तो तड़पा सकते थे!
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दर्द शायरी
ज़ख्म जब मेरे सीने के भर जाएंगे;
आंसू भी मोती बन के बिखर जाएंगे;
ये मत पूछना किसने दर्द दिया;
वरना कुछ अपनों के सर झुक जाएंगे।
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दर्द शायरी
हम ने मोहब्बत के नशे में आ कर उसे खुदा बना डाला;
होश तब आया जब उस ने कहा कि खुदा किसी एक का नहीं होता।
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दर्द शायरी
यह कह कर मेरा दुश्मन मुझे हँसते हुए छोड़ गया;
कि तेरे अपने ही बहुत हैं तुझे रुलाने के लिए।
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दर्द शायरी
इतना, आसान हूँ कि हर किसी को समझ आ जाता हूँ;
शायद तुमने ही पन्ने छोड़ छोड़ कर पढ़ा है मुझे।
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दर्द शायरी
उसकी आँखों में नज़र आता है सारा जहां मुझ को;
अफ़सोस कि उन आँखों में कभी खुद को नहीं देखा।
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दर्द शायरी
कभी कभी मोहब्बत में वादे टूट जाते हैं;
इश्क़ के कच्चे धागे टूट जाते हैं;
झूठ बोलता होगा कभी चाँद भी;
इसलिए तो रुठकर तारे टूट जाते हैं।
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दर्द शायरी
कहाँ कोई ऐसा मिला जिस पर हम दुनिया लुटा देते;
हर एक ने धोखा दिया, किस-किस को भुला देते;
अपने दिल का ज़ख्म दिल में ही दबाये रखा;
बयां करते तो महफ़िल को रुला देते।
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दर्द शायरी
आज फिर तेरी याद आयी बारिश को देख कर;
दिल पे ज़ोर न रहा अपनी बेबसी को देख कर;
रोये इस कदर तेरी याद में;
कि बारिश भी थम गयी मेरी बारिश को देख कर।
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दर्द शायरी
अंगुलिया टूट गई, पत्थर तराशते तराशते;
जब बनी सूरत यार की तो खरीददार आ गये!
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दर्द शायरी
वक़्त के मोड़ पे ये कैसा वक़्त आया है;
ज़ख़्म दिल का ज़ुबाँ पर आया है;
न रोते थे कभी काँटों की चुभन से;
आज न जाने क्यों फूलों की खुशबू से रोना आया है।
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दर्द शायरी
रास्ते खुद ही तबाही के निकाले हम ने;
कर दिया दिल किसी पत्थर के हवाले हमने;
हाँ मालूम है क्या चीज़ हैं मोहब्बत यारो;
अपना ही घर जला कर देखें हैं उजाले हमने।
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दर्द शायरी
वो रात दर्द और सितम की रात होगी;
जिस रात रुखसत उनकी बारात होगी;
उठ जाता हूँ मैं ये सोचकर नींद से अक्सर;
कि एक गैर की बाहों में मेरी सारी कायनात होगी।
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दर्द शायरी
ऐ दिल मत कर इतनी मोहब्बत किसी से;
इश्क़ में मिला दर्द तू सह नहीं पायेगा;
एक दिन टूट कर बिखर जायेगा अपनों के हाथों से;
किसने तोडा ये भी किसी से कह नहीं पायेगा।
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दर्द शायरी
आज उसने हमें एक और दर्द दिया तो हमें याद आया;
कि दुआओं में हमने ही तो उसके सारे दर्द मांगे थे।
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दर्द शायरी
कितनी अजीब है इस शहर की तन्हाई भी,
हज़ारो लोग है मगर फिर भी कोई उस जैसा नहीं.
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दर्द शायरी
मंजीले मुश्किलथी पर हम खोये नहीं… दर्द था दिल में पर हम रोये नहीं… कोई नहीं आज हमारा जो पूछे हमसे… जाग रहे हो किसी के लिए..या किसी के लिये सोये नहीं…
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दर्द शायरी
वो कौन सा दिन था जब तुम मिले थे… मौसम खुशनुमा था और गुल खिले थे… आज ना ही तुम हो और न ही वो मौसम… क्या जरूरत थी तुम्हे मिलने की… हम तो पहले ही भले थे
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दर्द शायरी
अपने मुकद्दरका ये सिला भी क्या कम है… एक खुशी के पीछे छुपे हजारो गम है…. चहेरे पे लिये फिरते है मुश्कुराहट फिर भी… और लोग कहते है कितने खुशनसीब हम है…
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दर्द शायरी
ना हम रहे दिल लगाने के क़ाबिल ना दिल रहा घाम उठाने के क़ाबिल लगा उसकी यादों के जो ज़ख़्म दिल पर ना छोड़ा उस ने मुस्कुराने के क़ाबिल.
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दर्द शायरी
मंज़िलें मुश्किल थी पर हम खोए नही दर्द था दिल मे पर हम रोए नही कोई नही आज हमारा आज जो पूछे हमसे जाग रहे हो किसी के लिए या किसी के लिए सोए नही…
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दर्द शायरी
जाता हूँ तेरे डर से मुझको तुम भुला देना हो सके तो ऐसा भी करना बहुत दिनों तक इल्ज़ाम ना देना
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दर्द शायरी
इस बहते दर्द को मत रोको ये तो सज़ा है किसी के इंतेज़ार की लोग इन्हे आँसू कहे या दीवानगी पर ये तो निशानी हैं किसी के प्यार की…
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दर्द शायरी
किसी को इश्क़ की अच्छाई ने मार डाला किसी को इश्क़ की गहराई ने मार डाला करके इश्क़ कोई ना बच सका जो बच गया उससे तन्हाई ने मार डाला
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दर्द शायरी
कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता है मगर धरती की बेचानी को बस बादल समझता है में तुझसे दूर कैसा हूँ तू मुझसे दूर कैसी है ये तेरा दिल समझता है या मेरा दिल समझता है
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दर्द शायरी
आँसू आ जाते है रोने से पहले… ख्वाब टूट जाते है सोने से पहले.. लोग कहते है मोहब्बत गुनाह है… काश कोई रोक लेते यह गुनाह होने से पहले
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दर्द शायरी
जिसने हमको चाहा उसे हम चाह न सके जिसको चाहा उसे हम पा न सके यह समजलो दिल टूटने का खेल है किसी का तोडा और अपना बचा न सके
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दर्द शायरी
रोती हुई आँखो मे इंतेज़ार होता है ना चाहते हुए भी प्यार होता है क्यू देखते है हम वो सपने जिनके टूटने पर भी उनके सच होने का इंतेज़ार होता है
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दर्द शायरी
वो रोए तो बहुत पर मुझसे मूह मोड़ कर रोए कोई मजबूरी होगी तो दिल तोड़ कर रोए मेरे सामने कर दिए मेरे तस्वीर के टुकड़े पता चला मेरे पीछे वो उन्हे जोड़ कर रोए
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दर्द शायरी
हम मौत को भी जीना शिखा देंगे बुजी जो शमा तो उसे भी जला देंगे कसम तेरे प्यार की जिस दिन हम जायेंगे दुनिया से एक बार तुजे भी रुला देंगे
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दर्द शायरी
इस कदर हम यार को मनाने निकले उसकी चाहत के हम दीवाने निकले जब भी उसे दिल का हाल बताना चाहा तो उसके होठों से वक़्त ना होने के बहाने निकले
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दर्द शायरी
आप हमें रुलादो हमें गम नहीं आप हमें भुलादो हमें कोई गम नहीं जिस दिन हमने आप को भुला दिया समझ लेना इस दुनीया में हम नहीं
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दर्द शायरी
प्यार करने वालों की किस्मत बुरी होती है मुलाक़ात जुदाई से जुडी होती है वक़्त मिले तो प्यार की किताब पढ़ लेना हर प्यार करने वाले की कहानी अधूरी होती है
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दर्द शायरी
हम तो जी रहे थे उनका नाम लेकर वो गुज़रते थे हमारा सलाम लेकर कल वो कह गये भुला दो हुमको हमने पुछा कैसे वो चले गये हाथो मे जाम देकर…
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दर्द शायरी
जाने क्यूँ लोग हमें आज़माते है कुछ पल साथ रह कर भी दूर चले जाते है सच्च ही कहा है कहने वाले ने सागर के मिलने के बाद लोग बारिश को भूल जाते है
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दर्द शायरी
काश वो समझते इस दिल की तड़प को तो यूँ हमें रुसवा ना किया होता उनकी ये बेरुखी भी मंज़ूर थी हमें बस एक बार हमें समझ लिया होता
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दर्द शायरी
रेत पर नाम कभी लिखते नहीं रेत पर नाम कभी टिकते नहीं लोग कहते है कि हम पत्थर दिल हैं लेकिन पत्थरों पर लिखे नाम कभी मिटते नहीं
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दर्द शायरी
प्यार में मैंने सब कुछ खोया सिर्फ तुझे पाने के लिए दुनिया से भी खूब लड़ा सिर्फ तुझे अपना बनाने के लिए आज नहीं तो कल अगर तूं मुझे भूल जाओगी तेरी यादों को हम जलायेंगे सिर्फ तुझे भुलाने के लिए
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दर्द शायरी
हर रोज़ पीता हूँ तेरे छोड़ जाने के ग़म में वर्ना पीने का मुझे भी कोई शौंक नहीं बहुत याद आते है तेरे साथ बीताये हुये लम्हें वर्ना मर मर के जीने का मुझे भी कोई शौंक नहीं
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दर्द शायरी
एक दिन जब हम दुनिया से चले जायेंगे मत सोचना आपको भूल जायेंगे बस एक बार आसमान की तरफ देख लेना मेरे आँसू बारिश बनके बरस आयेंगे
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दर्द शायरी
ना मुस्कुराने को जी चाहता है ना आंसू बहाने को जी चाहता है लिखूं तो क्या लिखूं तेरी याद मे बस तेरे पास लौट आने को जी चाहता है
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दर्द शायरी
आशिकों की किस्मत में जुदा होना ही लिखा होता है सच्चा प्यार होता है तो दिल को खोना ही लिखा होता है सब जानते हुए भी में भी प्यार उससे कर बैठा भूल गया के मोहब्बत में सिर्फ रोना ही लिखा होता है
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दर्द शायरी
चाँद का क्या कसूर अगर रात बेवफा निकली कुछ पल ठहरी और फिर चल निकली उन से क्या कहे वो तो सच्चे थे शायद हमारी तकदीर ही हमसे खफा निकली
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दर्द शायरी
आँखों से आंसू न निकले तो दर्द बड जाता है उसके साथ बिताया हुआ हर पल याद आता है शायद वो हमें अभी तक भूल गए होंगे मगर अभी भी उसका चेहरा सपनो में नज़र आता है
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दर्द शायरी
हमने भी कभी प्यार किया था थोड़ा नही बेशुमार किया था बदल गयी जिंदगी तब जब उसने कहा अरे पागल मैने तो मज़ाक किया था
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दर्द शायरी
अगर वो मांगते हम जान भी दे देते मगर उनके इरादे तो कुछ और ही थे मांगी तो प्यार की हर निशानी वापिस मांगी मगर देते वक़्त तो उनके वादे कुछ और ही थे
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दर्द शायरी
तनहाई में फरियाद तो कर सकता हूँ वीराने को आबाद कर सकता हूँ जब चाहूँ तुम्हे मिल नहीं सकता लेकिन जब चाहूँ तुम्हे याद कर सकता हूँ
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दर्द शायरी
तेरे चेहरे को कभी भुला नहीं सकता तेरी यादों को भी दबा नहीं सकता आखिर में मेरी जान चली जायेगी मगर दिल में किसी और को बसा नहीं सकता
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दर्द शायरी
जिनकी याद में हम दीवाने हो गए वो हम ही से बेगाने हो गए शायद उन्हें तालाश है अब नये प्यार की क्यूंकि उनकी नज़र में हम पुराने हो गए
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दर्द शायरी
दुनिया में कोई किसी के लिए कुछ नहीं करता मरने वाले के साथ हर कोई नहीं मरता अरे… मरने की बात तो दूर रही यहाँ तो जिंदगी है फिर भी कोई याद नहीं करता
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दर्द शायरी
लोग अपना बना के छोड़ देते हैं अपनों से रिशता तोड़ कर गैरों से जोड़ लेते हैं हम तो एक फूल ना तोड़ सके नाजाने लोग दिल कैसे तोड़ देते हैं
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दर्द शायरी
कितनी जल्दी ज़िन्दगी गुज़र जाती है प्यास भुझ्ती नहीं बरसात चली जाती है तेरी याद कुछ इस तरह आती है नींद आती नहीं मगर रात गुज़र जाती है
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दर्द शायरी
उसकी यादों को किसी कोने में छुपा नहीं सकता उसके चेहरे की मुस्कान कभी भुला नहीं सकता मेरा बस चलता तो उसकी हर याद को भूल जाता लेकिन इस टूटे दिल को मैं समझा नहीं सकता
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दर्द शायरी
कोई दिखा कर रोये कोई छुपा कर रोये हमें रुलाने वाले हमें रुला कर रोये मरने का मज़ा तो तभी है यारो… जब कातिल भी जनाज़े पर आकर रोये
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दर्द शायरी
क्या हूँ मैं और क्या समझते है सब राज़ नहीं होते बताने वाले कभी तनहाइयों में आकर देखना कैसे रोते है सबको हसाने वाले
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दर्द शायरी
दर्द दे कर इश्क़ ने हमे रुला दिया जिस पर मरते थे उसने ही हमे भुला दिया हम तो उनकी यादों में ही जी लेते थे मगर उन्होने तो यादों में ही ज़हेर मिला दिया…
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दर्द शायरी
मत पूछो मेरे दिल का हाल आपके दिल भी बिखर जाएँगे इस लिए नही सुनाते अपने दिल का दर्द किसी को ये सुनके तो तन्हाई के भी आँसू निकले…
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दर्द शायरी
फूलो से सजे गुलशन की ख्वाइश थी हमें मगर जीवनरूपी बाग़ में खिल गए कांटे. अपना कहने को कोई नहीं है यहाँ दिल के दर्द को हम किसके साथ बांटे
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दर्द शायरी
दवा है दर्द सीने में दवा उसकी दवा दी है ऐ मेरी रानी तुने मुझे किसकी सजा दी है माना की तुने मुझे छोड़ दिया सारी जिन्दगी के लिए फिर भी खुदा से तेरे हँसने की दुआ की है
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दर्द शायरी
मेरी ख्वाबिन्दा उम्मीदों को जगाया क्यों था … दिल जलना था तो फिर तुमने दिल लगाया क्यों था .. अगर गिरना था इस तरहा नजरोसे हमें … तो फिर मेरे इस्सक को कलेजे से लगाया क्यों था..
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दर्द शायरी
तुमको मिलके बीते हूए कल की याद आने लगी ज़िन्दगी जीने की तम्मना फिरसे खिल उठी लेकिन जब तुम्हारे लबो के किसी और का नाम सुना तो ज़िन्दगी में फिर से अमावस का अँधेरा च गया
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दर्द शायरी
दोस्त ने दोस्त को दोस्त के लिए रुला दिया क्या हुआ जो किसी केलिए उसने हूमें भुला दिया हम तो वैसे भी अकेले थे अच्छा हुआ जो उसने हमे एहसास तो दिला दिया
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दर्द शायरी
तुज़से दोस्ती करने का हिसाब ना आया मेरे किसी भी सवाल का जवाब ना आया हम तो जागते रहे तेरे ही ख़यालो मे और तुझे सो कर भी हमारा ख्वाब ना आया
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दर्द शायरी
अपनों से दूर है अपनों की तलाश ज़िन्दगी से दूर है ज़िन्दगी की तलाश मैं अपने आप को कभी समझ नहीं पाया कि मैं जी रहा हूँ ज़िन्दगी या हूँ एक जिंदा लाश
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दर्द शायरी
जीना चाहता हूँ मगर जिनदगी राज़ नहीं आती मरना चाहता हूँ मगर मौत पास नहीं आती उदास हूँ इस जिनदगी से क्युकी उसकी यादे भी तो तरपाने से बाज नहीं आती
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दर्द शायरी
हमारे बिन अधूरे तुम रहोगे कभी चाहा था किसी ने तुम ये खुद कहोगे न होगे हम तो किसी ने तुम ये खुद कहोगे मिलेगे बहुत से लेकिन कोई हम सा पागल ना होगा.
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दर्द शायरी
जीना चाहता हूँ मगर जिदगी राज़ नहीं आती मरना चाहता हूँ मगर मौत पास नहीं आती उदास हु इस जिनदगी से क्युकी उसकी यादे भी तो तरपाने से बाज नहीं आती
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दर्द शायरी
एक बेबफा के जख्मो पे मरहम लगाने हम गए मरहम की कसम मरहम न मिला मरहम की जगह मर हम गए
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दर्द शायरी
प्यार करने वाले मरते नही मार दिए जाते हैं हिंदू कहते हैं मारदो इन्हे मुस्लिम कहते हैं दफ़ना दो इन्हे पर कोई ये क्यूँ नही कहता की मिला दो इन्हे
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दर्द शायरी
पत्थर की दुनिया जज़्बात नही समझती दिल में क्या है वो बात नही समझती तन्हा तो चाँद भी सितारों के बीच में है पर चाँद का दर्द वो रात नही समझती…
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दर्द शायरी
एक दिन हम भी कफ़न ओढ़ जाएँगे हर एक रिश्ता इस ज़मीन से तोड़े जाएँगे जितना जी चाहे सतालो यारो एक दिन रुलाते हुए सबको छोड़ जाएँगे
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दर्द शायरी
मे तोड़ लेता अगर तू गुलाब होती मे जवाब बनता अगर तू सबाल होती सब जानते है मैं नशा नही करता मगर में भी पी लेता अगर तू शराब होती
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दर्द शायरी
इंतज़ार की आरज़ू अब खो गयी है खामोशियो की आदत हो गयी है न सीकवा रहा न शिकायत किसी से अगर है तो एक मोहब्बत जो इन तन्हाइयों से हो गई है..
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दर्द शायरी
हमने भी कभी प्यार किया था थोड़ा नही बेशुमार किया था दिल टूट कर रह गया जब उसने कहा अरे मैने तो मज़ाक किया था…
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दर्द शायरी
जब खुदा ने इश्क बनाया होगा तब उसने भी इसे आजमाया होगा.. हमारी औकात ही क्या है कमबख्त इश्क ने तो खुदा को भी रुलाया होगा
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दर्द शायरी
तुझे चाहा भी तो इजहार न कर सके कट गई उम्र किसी से प्यार न कर सके तुने माँगा भी तो अपनी जुदाई मांगी और हम थे की इंकार न कर सके
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दर्द शायरी
आज हम उनको बेवफा बताकर आए है उनके खतो को पानी में बहाकर आए है . कोई निकाल न ले उन्हें पानी से… इस लिए पानी में भी आग लगा कर आए है
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दर्द शायरी
जब से देखा है तेरी आँखों मे झाक कर कोई भी आईना अच्छा नहीं लगता तेरी मोहब्बत मे ऐसे हुए हैं दीवानें तुम्हें कोई और देखें अच्छा नहीं लगता... ...
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दर्द शायरी
फूल सबनम में डूब जाते है झख्म मरहम में डूब जाते है | जब आते है खत तेरे| हम तेरे गम में डूब जाते है.|
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दर्द शायरी
वो बेवफा हमारा इम्तेहा क्या लेगी… मिलेगी नज़रो से नज़रे तो अपनी नज़रे ज़ुका लेगी… उसे मेरी कबर पर दीया मत जलाने देना… वो नादान है यारो… अपना हाथ जला लेगी.
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दर्द शायरी
टूटे हुए प्याले में जाम नहीं आता इश्क़ में मरीज को आराम नहीं आता ये बेवफा दिल तोड़ने से पहले ये सोच तो लिया होता के टुटा हुआ दिल किसी के काम नहीं आता ……..
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दर्द शायरी
खुद से भी ज्यादा उन्हें प्यार किया करते थे उनकी ही याद में दिन रात जिया करते थे गुज़रा नहीं जाता अब उन राहों से जहाँ रुक कर हम उनका इंतज़ार किया करते थे!!
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दर्द शायरी
कोई समझता नहीं उसे इसका गम नहीं करता पर तेरे नजरंदाज करने पर हल्का सा मुस्कुरा देता है उसकी हंसी में छुपे दर्द को महसूस तो कर वो तो हंस के यूँ ही खुद को सजा देता है!!
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दर्द शायरी
किसी कली ने भी देखा न आँख भर के मुझे गुज़र गयी जरस-ए-गुल उदास करके मुझे मैं सो रहा था किसी याद के शबिस्ताँ में जगा के छोड़ गए काफिले सहर के मुझे!!
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दर्द शायरी
कितना दर्द है दिल में दिखाया नहीं जाता गंभीर है किस्सा सुनाया नहीं जाता एक बार जी भर के देख लो इस चहेरे को क्योंकि बार-बार कफ़न उठाया नहीं जाता!
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दर्द शायरी
काश यह जालिम जुदाई न होती! ऐ खुदा तूने यह चीज़ बनायीं न होती! न हम उनसे मिलते न प्यार होता! ज़िन्दगी जो अपनी थी वो परायी न होती!
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दर्द शायरी
काश उसे चाहने का अरमान ना होता मैं होश में रहते हुए अनजान ना होता ना प्यार होता किसी पत्थर दिल से हमको या फिर कोई पत्थर दिल इंसान ना होता!!
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दर्द शायरी
कांटो सी चुभती है तन्हाई! अंगारों सी सुलगती है तन्हाई! कोई आ कर हम दोनों को ज़रा हँसा दे! मैं रोता हूँ तो रोने लगती है तन्हाई!
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दर्द शायरी
कभी कभी मोहब्बत में वादे टूट जाते हैं इश्क़ के कच्चे धागे टूट जाते हैं झूठ बोलता होगा कभी चाँद भी इसलिए तो रुठकर तारे टूट जाते हैं!!
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दर्द शायरी
एक दिन जब हुआ प्यार का अहसास उन्हें वो सारा दिन आकर हमारे पास रोते रहे और हम भी इतने खुद गर्ज़ निकले यारों कि आँखे बंद कर के कफ़न में सोते रहे!!
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दर्द शायरी
उसकी याद में हम बरसों रोते रहे बेवफ़ा वो निकले बदनाम हम होते रहे प्यार में मदहोशी का आलम तो देखिये धूल चेहरे पे थी और हम आईना साफ़ करते रहे!!
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दर्द शायरी
इस दिल की दास्ताँ भी बड़ी अजीब होती है बड़ी मुस्किल से इसे ख़ुशी नसीब होती है किसी के पास आने पर ख़ुशी हो न हो पर दूर जाने पर बड़ी तकलीफ होती है!
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दर्द शायरी
इश्क़ में जिसके ये अहवाल बना रखा है अब वही कहता है इस वजह में क्या रखा है ले चले हो मुझे इस बज्म में यारो लेकिन कुछ मेरा हाल भी पहले से सुना रखा है!!
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दर्द शायरी
अभी सूरज नहीं डूबा ज़रा सी शाम होने दो मैं खुद लौट जाउंगा मुझे नाकाम होने दो मुझे बदनाम करने का बहाना ढूँढ़ते हो क्यों मैं खुद हो जाऊंगा बदनाम पहले नाम होने दो!
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दर्द शायरी
अब हवा जिधर जाये मैं भी उधर जाऊंगा मैं खुश्बू हूँ हवाओं में बिखर जाऊंगा अफ़सोस तुम्हें होगा मुझे सताओगे अगर मेरा क्या जितना भी जलाओगे उतना ही निखर जाऊंगा!!
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दर्द शायरी
अपने सीने से लगाए हुए उम्मीद की लाश मुद्दतों जीस्त को नाशाद किया है मैंने तूने तो एक ही सदमे से किया था दो-चार दिल को हर तरह से बर्बाद किया है मैंने!
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दर्द शायरी
अनजाने में यूँ ही हम दिल गँवा बैठे इस प्यार में कैसे धोखा खा बैठे उनसे क्या गिला करें भूल तो हमारी थी जो बिना दिल वालों से ही दिल लगा बैठे!!
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दर्द शायरी
दर्द से अब हम खेलना सीख गए हम बेवफाई के साथ जीना सीख गए क्या बताएं किस कदर दिल टूटा है मेरा मौत से पहले कफ़न ओढ़ कर सोना सीख गए!!
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दर्द शायरी
लोग लौट जाते है गम हमारा देखकर जैसे लहर लौट जाती है किनारा देखकर मत देना कंधा मेरी अर्थी को ए बेदर्द कहीं फिर से ज़िंदा ना हो जाऊ तुम्हारा सहारा देखकर !!
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दर्द शायरी
इनकार को इकरार कहते है ख़ामोशी को इजहार कहते है ना जाने कैसा दस्तूर है इस दुनिया का एक धोखा जिसे लोग प्यार कहते है !!
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दर्द शायरी
रेत के शहर में आशियाना बनाया था कगझ की कश्ती का शहर बनाया था झोंका हवा का सबकुछ उड़ा ले गया शायद हमने ही रिश्ता कमजोर बनाया था !!
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दर्द शायरी
प्यार आ जाता है आँखों में रोने से पहले हर ख़्वाब टूट जाता है सोने से पहले इश्क है गुनाह ये तो समज गए हम काश कोइ रोक लेता होने से पहले !!
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दर्द शायरी
आज फिर से ये आँखे नम क्यों है जिसे कभी पाया ही नहीं उसे खोने का गम क्यों है उनसे मिलकर बिछड़े तो ये अहेसास हुआ की आखिर ये जिन्दगी इतनी कम क्यों है !!
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दर्द शायरी
कभी खामोशी भी बहुत कुछ कह जाती है तड़पने के लिए सिर्फ यादें ही रह जाती है क्या फर्क पड़ता है दिल हो या कोइला जलने के बाद सिर्फ राख ही रह जाती है !!
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दर्द शायरी
एक अजीब सा मंजर नज़र आता हैं हर एक आँसूं समंदर नज़र आता हैं कहाँ रखूं मैं शीशे सा दिल अपना हर किसी के हाथ मैं पत्थर नज़र आता हैं !!
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दर्द शायरी
रोया है बहुत तब जरा करार मिला है इस जहाँ में किसे भला सच्चा प्यार मिला है गुजर रही है जिंदगी इम्तिहान के दौर से एक ख़तम तो दूसरा तैयार मिला है !!
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दर्द शायरी
दर्द हैं दिल मैं पर इसका ऐहसास नहीं होता रोता हैं दिल जब वो पास नहीं होता बरबाद हो गए हम उनकी मोहब्बत मैं और वो कहते हैं कि इस तरह प्यार नहीं होता !!
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दर्द शायरी
अपनी बेबसी पर आज रोना सा आया दूसरों को नहीं मैंने आपको को आज़माया हर दोस्त की तन्हाई दूर की मैंने मगर खुद को हर मोड़ पैर तनहा ही पाया !!
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दर्द शायरी
किसी की याद मेरे आसपास रहती है बहोत दिनों से तबियत उदास रहती है बिछड़ गए है मगर दिल ये मानता ही नही ना जाने क्यों तेरे मिलने की आस रहती है !!
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दर्द शायरी
जब छोड़ गए हो तो पलटकर देखते क्यूँ हो जा रहे हो तो खामोश में सिमटकर देखते क्यूँ हो हमारी जिन्दगी को गम-ए-फ़साना बनाके अब हंस-हंस कर मेरी तरफ देखते क्यूँ हो !!
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दर्द शायरी
रात आती है तो तडपाती है मुझे तेरी खुशबु बैचेन कर जाती है मुझे रातो का वो मिलनदिन की वो मुलाकाते आज तेरी चाहत अक्सर रुलाती है मुझे !!
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दर्द शायरी
बन गई फिर तेरीफिर मेरी ना रही हो गई कुरबानफिर मेरी जिन्दगी ना रही जब तू आई महेफिल में तो देखा मैने फिर इसके बाद चिरागों में रौशनी ना रही !!
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दर्द शायरी
वो अंजुमन में रात बड़ी शान से गए इमान क्या चीज थीकई तो जान से गए मैं तो छुपा हुआ था हजारो नकाबो में लेकिन अकेला देख के पहेचान से गए !!
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दर्द शायरी
कभी कभी तेरा मयखान याद आये बहोत की इक बूंद ना पी पर लडखडाये बहोत किताब-ए-दिल के जो पाने फेंक आये थे तेरे दिए हुए कुछ फुलयाद आये बहोत !!
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दर्द शायरी
भूल कर भी दिल से दिल्लगी ना कीजिये अगर टूट गया है तो जाम लिया कीजिये अगर उससे भी नहीं मानता है तो मैं क्या कहू अब जान दिया कीजिये !!
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दर्द शायरी
दिल दुखाने का काम छोड़ दो मेरे नाम कोई तो पैगाम छोड़ दो वफ़ा कर नहीं सकते तो ना ही सही लेना महेफिल में मेरा नाम छोड़ दो !!
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दर्द शायरी
चमन से कौन चला ये खामोशियाँ लेकर ? कली-कली तड़प उठी है सिसकियाँ लेकर तमाशा देख रहे थे जो डूब जाने का मेरे मेरी तलाश में निकले है देखो कश्तिया लेकर !!
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दर्द शायरी
दर्द-ए-दिल जब हद से गुजर जाता है बनकर स्याही लहू कागज़ पे बिखर जाता है जब-जब उठता है तेरी यादों का धुंआ बनकर नस्तर इस दिल में उतर जाता है !!
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दर्द शायरी
रात दिन बस याद करते है उनसे मिलने की फ़रियाद करते है काम ही उनका दिल जलाना है बस वो तो हम जैसों को बरबाद करते है !!
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दर्द शायरी
मौत का फरमान आया है उनसे अलविदा कहने की ख्वाहिश है वो मुझे मिलेंगे या नहीं ये मेरी किस्मत की आजमाईश है !!
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दर्द शायरी
नादान इनकी बातो का एतबार ना कर भूलकर भी इन जालिमो से प्यार ना कर वो क़यामत तलक तेरे पास ना आयेंगे इनके आने का नादान तू इन्तजार ना कर !!
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दर्द शायरी
मेरी आंखों के आंसू कह रहे मुझसे अब दर्द इतना है कि सहा नहीं जाता न रोक पलको से खुल कर छलकने दे अब यूं इन आंखों में रहा नहीं जाता !!
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दर्द शायरी
क्यूं उठाते हो कब्र सेमेरा जनाजा उठने के बाद अभी तो आंखे बंद की है फुर्सत सेसारा काम निपटाने के बाद अब तो जाकर ये वक्त का मंजर रुका है न जाने कितनी दूरियां तय करने के बाद !!
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दर्द शायरी
दर्द गूंज रहा दिल में शहनाई की तरह जिस्म से मौत की ये सगाई तो नहीं अब अंधेरा मिटेगा कैसे तुम बोलो तूने मेरे घर में शम्मा जलाई तो नहीं !!
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दर्द शायरी
बेखुदी थी तो खुदी कहां होगी जिंदगी मुझसे मिली कहां होगी जिस मोड़ पर बिछड़े थे हम कभी मेरी रूह अब भी दफन वहां होगी !!
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दर्द शायरी
ये मत कहना कि तेरी याद से रिश्ता नहीं रखा मैं खुद तन्हा रहा पर दिल को तन्हा नहीं रखा तुम्हारी चाहतों के फूल तो महफूज रखे हैं तुम्हारी नफरतों की पीड़ को जिंदा नहीं रखा !!
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दर्द शायरी
दर्द अपनाता है पराए कौन कौन सुनता है और सुनाए कौन कौन दोहराए वो पुरानी बात ग़म अभी सोया है जगाए कौन?
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दर्द शायरी
कोई खामोश है इतना बहाने भूल आया हूं किसी की इक तरनुम में तराने भूल आया हूं मेरी अब राह मत तकना कभी ए आसमां वालो मैं इक चिड़िया की आँखों में उड़ाने भूल आया हूं !!
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दर्द शायरी
ए बादल आज इतना बरस कि जलते जख्मों को करार आ जाए प्यास बाक़ी न रहे और सूखे गुलशन में बहार आ जाए !!
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दर्द शायरी
सूख गए फूल पर बहार वही है दूर रहते है पर प्यार वही है जानते है हम मिल नहीं पा रहे है आपसे मगर इन आंखो में मोहब्बत का इंतजार वही है !!
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दर्द शायरी
दिल लगाना छोड़ दिया हमने आंसू बहाना छोड़ दिया हमने बहुत खा चुके धोखा प्यार में मुस्कुराना इसलिए छोड़ दिया हमने !!
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दर्द शायरी
आंसू को पलको तक लाया मत करो दिल की बात किसी को बताया मत करो लोग मुठ्ठी में नमक लिए फिरते है अपनी जख्म उन्हें दिखाया मत करो !!
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दर्द शायरी
उजड़ी हुई दुनिया को तू आबाद न कर बीते हुए लम्हों को तू याद न कर एक कैद परिंदे ने ये कहा हमसे मैं भुल चुका हूं उड़ना मुझे आजाद न कर !!
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दर्द शायरी
मेरे कलम से लफ्ज खो गए शायद आज वो भी बेवफा हो गए शायद जब नींद खुली तो पलको में पानी था मेरे ख्वाब मुझ पर रो गए शायद !!
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दर्द शायरी
उनके नखरे उठा पाना गर मेरे बस में होता मैं तो उन्हीं का हो जाता गर मेरे बस में होता उनकी आँखों में छप जाता मूरत बन कर मैं ख्वाबों में यूं ही घुस जाना गर मेरे बस में होता !!
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दर्द शायरी
आज कल दुनिया में भला मुस्कराता कौन है जि़ंदगी की इस दौड़ में हंसता हंसाता कौन है तारों को ताकते गुज़र जाती हो रात जिनकी उनको क्या पता कि ख्वाबों में आता कौन है !!
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दर्द शायरी
उम्र रफ्तार से गुजर जाए तो अच्छा होता वक्त एक बार ठहर जाएं तो अच्छा होता मेरा दिल यूं भी तेरे कदमों मे बिखर गया है टूट के तू इसे जोड़ के जाता तो अच्छा होता !!
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दर्द शायरी
अंजान है अंजान ही रहने दो किसी की यादों में पल-पल मरने दो क्यों बदनाम करते हो हमारा नाम ले कर अब तो इस नाम को बेनाम ही रहने दो !!
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दर्द शायरी
दिल तड़पता रहा और वो जाने लगे संग गुजरे हर लम्हें याद आने लगे खामोश नजरों से देखा जो उसने मुड़ कर यूं भीगी पलकों से हम भी मुस्कुराने लगे !!
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दर्द शायरी
माना की आज हम अकेले रह गए जुदाई के आंसू आंखो से बह गए रोते हुए को कौन चुप कराएगा जो चुप कराते थे वहीं रोने को कह गए !!
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दर्द शायरी
हर जख्म किसी ठोकर की मेहरबानी है मेरी जिंदगी बस एक कहानी है मिटा देते सनम के दर्द को इस सीने से पर ये दर्द ही उसकी आखरी निशानी है !!
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दर्द शायरी
कलम से दिल की आवाज लिखता हूं गम-ए-जुदाई के अंदाजे बयां लिखता हूं रूकते नहीं आंखो से आंसू जब भी उसके याद में अलफाज लिखता हूं !!
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दर्द शायरी
जरूरी तो नहीं जीने के लिए सहारा हो जरूरी तो नहीं जिसे हम चाहे वो हमारा हो कुछ कश्तियां डुब भी जाया करती है जरूरी तो नहीं हर कश्ती का किनारा हो !!
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दर्द शायरी
मेरी चाहत ने उसे खुशी दे दी बदले में उसने मुझे सिर्फ खामोशी दे दी खुदा से दुआ मांगी मरने की लेकिन उसने भी तड़पने के लिए जिन्दगी दे दी !!
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दर्द शायरी
ऐ ख़ुदा तू कभी इश्क न करना.बेमौत मारा जायेगा हम तो मर के भी तेरे पास आते हैं पर तू कहां जायेगा !!
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दर्द शायरी
मेरी खामोशियों में भी फसाना ढूंढ लेती है बड़ी शातिर है ये दुनिया मजा लेने का कोई न कोई बहाना ढूंढ लेती है !!
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दर्द शायरी
तेरे जाने के बाद कोई सहारा भी तो नहीं तुझे कभी तन्हाई में पुकारा भी तो नहीं तुझे हम आज भी चाहते हैं बहुत मगर फिर भी तू हमारा तो नहीं !!
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दर्द शायरी
रहते हैं साथ-साथ मैं और मेरी तन्हाई करते हैं राज की बात मैं और मेरी तन्हाई दिन तो गुजर ही जाता है लोगो की भीड़ में करते हैं बसर रात में मैं और मेरी तन्हाई !!
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दर्द शायरी
रहने वालों से नहीं जाने वालों से पूछो कि जिंदगी क्या चीज होती है पाने वालों से नहीं खोने वालों से पूछो इज्जत क्या चीज होती है अरे जिसने दिल दिया है उससे नहीं जिसका दिल टूटा है उससे पूछो कि मोहब्बत क्या चीज होती है !!
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दर्द शायरी
ना तंग करो इतना हम सताए हुए हैं मोहब्बत का गम दिल पे उठाए हुए हैं खिलौना समझ कर हम से ना खेलो हम भी उसी खुदा के बनाए हुए हैं !!
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दर्द शायरी
आपको बिना बात के ही रूठने की आदत है किसी अपने का साथ न पाने की आदत है आप हमेशा खुश रहो मेरा क्या है दोस्तों मैं तो आईना हूं मुझे तो टूटने की आदत है !!
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दर्द शायरी
खुद को भुला दिया रिश्ते निभाते-निभाते खुद को खो दिया अपनों को पाते पाते लोग कहते हैं कि दर्द बहुत हैं मेरे सीने में मगर हम हैं कि थक गए मुस्कुराते- मुस्कुराते !!
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दर्द शायरी
किसी ने अपना प्यार हम पे लुटाया था हंसते हुए कुछ पल हमारे साथ बिताया था हमारी आंखो में उनके लिए आंसू हैं तो क्या हुआ किसी के लिए जान देना भी तो उसी ने सिखाया था !!
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दर्द शायरी
मोहब्बत ने हम पर ये इल्जाम लगाया है वफा कर के बेबफा का नाम आया है राहें अलग नहीं थी हमारी फिर भी हम ने अलग अलग मंजिल को पाया हैं !!
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दर्द शायरी
सुहाना मौसम और हवा मे नमी होगी आंसुओ की बहती नदी होगी मिलना तो हम तब भी चाहेंगे आपसे जब आपके पास वक्त और हमारे पास सासों कि कमी होगी !!
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दर्द शायरी
बहुत चाहेंगे तुम्हें मगर भुला ना सकेंगे ख्यालों में किसी और को ला ना सकेंगे किसी को देखकर आसू तो पोंछ लेंगे मगर कभी आपके बिना मुस्कुरा ना सकेंगे !!
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दर्द शायरी
उनको अपने हाल का हिसाब क्या देते सवाल सारे गलत थे जवाब क्या देते वो तीन लफ्जों की हिफाजत ना कर सके उनके हाथ में जिंदगी की पूरी किताब क्या देते !!
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