इंतेज़ार

इंतेज़ार शायरी

बहुत करवाया तुमने इंतेज़ारक्या प्यार का ले रहे हो तुम इम्तहानदर्द यूँ न बढ़ाया करोबहुत करवाया तुमने इंतेज़ारक्या प्यार का ले रहे हो तुम इम्तहानदर्द यूँ न बढ़ाया करोहममे युह रुलाया न करोचाहा है तुम्हे जान से ज़यादारूठ के यून न जाया करो

इंतेज़ार शायरी

जिनकी झलक मे करार बहुत है..उसका मिलना दुशवार बहुत है..जो मेरे हांथों की लकीरों मे नहीं..उस से हमें प्यार बहुत है..जिस को मेरे दिल का रास्ता भी नहीं मलूम..इन धडकनों को उसका इंतेज़ार बहुत है.

इंतेज़ार शायरी

जिन दिनो आप थे, आँख में धूप थी...जिन दिनो आप रहते थे, आँख में धूप रहती थी...अब तो जाले ही जाले हैं, वे भी जाने वाले हैं...वो जो था दर्द का क़रार कहाँ...वो जो था दर्द का क़रार कहाँ...अब मुझे कोई इंतेज़ार कहाँ...वो जो बहते थे आब्शार कहाँ...अब मुझे कोई इंतेज़ार कहाँ

इंतेज़ार शायरी

हर वक़्त बस एक ही सोच में रहता हूँ , कभी मुझसे तो कभी खुद से ही कहता हूँ ... तू मिल जाए तो , ज़िन्दगी खुशगवार है , किसी और का नहीं मुझे सिर्फ तेरा ही इंतज़ार है ....

इंतेज़ार शायरी

सपनों की तो बिसात ही क्या है,ऐसा हमने जागते भी ना सोचा होगा |नहीं तकती तेरी आँखें रास्ता मेरा,शायद तेरे दिल को किसी और का इंतेज़ार होगा |

इंतेज़ार शायरी

तेरे चहरे की मासूमियत अब तक भुला नहीं हूँ , बंद हूँ तब से तेरी कैद में , अब तक खुला नहीं हूँ .... शराफत , शरारत , नजाकत तेरी हर अदा से मुझे प्यार है ... किसी और का नहीं मुझे सिर्फ तेरा ही इंतेज़ार है ..

इंतेज़ार शायरी

आँखों में मेरी कई लोगो ने पड़ा है , पिंजरे के पंछी सा दिल बेबस खड़ा है , आज़ाद होकर खुले आसमां में उड़ने को बेकरार है किसी और का नहीं मुझे सिर्फ तेरा ही इंतेज़ार है ..

इंतेज़ार शायरी

तू जो नहीं है तो एक कमी सी है , चेहरे पर झूठी हंसी और आँखों में नमी सी है ... ख्वाबो में खयालातो में तेरा ही भूत सवार है , किसी और का नहीं मुझे सिर्फ तेरा ही इंतज़ार है ....

इंतेज़ार शायरी

खुदाया ये बेखुदी कि खुद के साथ बैठ करअपना ही इंतेज़ार किया है मैनें कई शाम …तमाम चेहरों में कौन सा चेहरा है मेरे दोस्तहै खुद से ये सवाल किया मैनें कई शाम…

इंतेज़ार शायरी

न टूटा है साहिल, न तूफान की आहट है…फिर क्यूँ इंतेज़ार-ए-करार है हर लम्हा ?न सजदा किया, न दुआ ही माँगी है…फिर क्यूँ इंतेज़ार-ए-बहार है हर लम्हा ?न शमा बुझी, न परदा ए हुस्न है…फिर क्यूँ इंतेज़ार-ए-खुमार है हर लम्हा ?न वादा कोई किया, न कसमें खाई हैं…फिर क्यूँ इंतेज़ार-ए-यार है हर लम्हा ?

इंतेज़ार शायरी

किसी नज़र को तेरा इंतेज़ार आज भी हैकहां हो तुम के यह दिल बेक़रार अज भी है

इंतेज़ार शायरी

तर्क-ए-ताल्लुक निभाएगा कब तकवो मुझे आज़माएगा कब तकहद कोई होगी बे-नियाज़ी कीहमसे दामन बचाएगा कब, दिल गया होश गया साँसें भीये इंतेज़ार जाएगा कब तक

इंतेज़ार शायरी

मेरी आँखों के सभी ख्वाब प्यासे हैं अभीप्यार की कोई घटा घिर के आएगी कभीइंतेज़ार और सही, इंतेज़ार और सही…

इंतेज़ार शायरी

जिनकी झलक मे करार बहुत है..उसका मिलना दुशवार बहुत है..जो मेरे हांथों की लकीरों मे नहीं..उस से हमें प्यार बहुत है..जिस को मेरे दिल का रास्ता भी नहीं मलूम..इन धडकनों को उसका इंतेज़ार बहुत है..

इंतेज़ार शायरी

दौर-ए-इंतेज़ार शायद कभी ख़तम नई होगा, मिल कर तुम से फिर एक बार बिछड़ना होगा.

इंतेज़ार शायरी

हमें अरसे से इंतेज़ार-ए-दीदारतू देख तो अर्जी मेरी एक बारतू जाने क्या है फ़िदा हूँ तुझ पेउतरा है मेरी रूह में हर एक बारकभी आँखों के समंदर में उतारोदिखा दो इश्क की गहराई एक बारमेरी रंगत तेरे नूर की बदौलत हैतू हो कर रह मुझमे बस

इंतेज़ार शायरी

उसके इंतजार के मारे है हम.. बस उसकी यादों के सहारे है हम...दुनियाँ जीत के कहना क्या है अब..?? जिसे दुनियाँ से जीतना था आज उसी से हारे है हम..

इंतेज़ार शायरी

कोई है जिसका इस दिल को इंतज़ार है, ख्यालों में भी बस उसका ही ख्याल है, खुशियां मैं सारी उस पर लुटा दूँ, कब आएगा वो चाहने वाला जिसका इस दिल को इंतज़ार है !!

इंतेज़ार शायरी

आँखें भी मेरी पलकों से सवाल करती है, हर वक़्त आपको ही तो याद करती है, जब तक देख न लें चेहरा आपका, तब तक हर घडी आपका इंतज़ार करती है !!

इंतेज़ार शायरी

इंतज़ार तो बहुत था हमे, लेकिन आये न वो कभी, हम तो बिन बुलाये भी आ जाते, अगर होता उन्हे भी इंतज़ार कभी !!

इंतेज़ार शायरी

इंतज़ार रहता है हर शाम तेरा, राते कटती है लेकर नाम तेरा, मुद्दत से बैठा हूँ पाल के ये आस, कभी तो आएगा कोई पैग़ाम तेरा !!

इंतेज़ार शायरी

उस नज़र को मत देखो, जो आपको देखने से इनकार करती है, दुनियां की भीड़ में उस नज़र को देखो, जो सिर्फ आपका इंतजार करती है !!

इंतेज़ार शायरी

कोई मिलता ही नहीं हमसे हमारा बनकर, वो मिले भी तो एक किनारा बनकर, हर ख्वाब टूट के बिखरा काँच की तरह, बस एक इंतज़ार है साथ सहारा बनकर !!

इंतेज़ार शायरी

क्यों कोई मेरा इंतज़ार करेगा, अपनी ज़िंदगी मेरे लिए बेकार करेगा, हम कौन सा किसी के लिए ख़ास है, क्या सोच कर कोई हमें याद करेगा !!

इंतेज़ार शायरी

खुद एक बार उसे यह एहसास दिला दे, कितना इंतज़ार है ज़रा उसे बता दे, हर पल देखते है रास्ता उसी का, ना इंतज़ार करना पड़े, मुझे ऐसी नींद सुला दे !!

इंतेज़ार शायरी

चाँद सितारों से तेरी बात करते है, तनहाईयों में तुझे याद करते है, तुम आओ या ना आओ मर्ज़ी तुम्हारी, हम तो हरपल तुम्हारा इंतजार करते है !!

इंतेज़ार शायरी

तेरे इंतज़ार में छोड़ा दुनिया का साथ, तेरे इंतज़ार में छोड़ा अपनों का साथ, जब तुझे जाना ही था तो क्यों किया आने का वादा, रह गया अब मैं बस अपने ग़मों के साथ !!

इंतेज़ार शायरी

तेरे इन्तजार में हुई सुबह से शाम, तेरी चाहत में हुआ ये दिल बे-लगाम, तुझे पाने की आरजू मेरी जल्द हो पूरी, की होंठों पे आता है सिर्फ तेरा ही नाम !!

इंतेज़ार शायरी

प्यार उसे करो जो तुमसे प्यार करे, खुद से भी ज्यादा तुम पे ऐतबार करे, तुम बस एक बार कहो की रुको दो पल, और वो उन दो पलों के लिए पूरी जिंदगी इंतज़ार करे !!

इंतेज़ार शायरी

बता नाराज है, कोई सख्श तेरे जाने से, हो सके तो तु लौट आ, किसी बहाने से, तु लाख खफा सही मगर एक बार तो देख, कोई टूट गया है, तेरे दूर जाने से !!

इंतेज़ार शायरी

बिन आपके कुछ भी अच्छा नहीं लगता, अब मेरा वजूद भी सच्चा नहीं लगता, सिर्फ आपके इंतज़ार में कट रही है ये ज़िंदगी, वरना अब तक तो मौत के आगोश में सो जाती ये ज़िंदगी !!

इंतेज़ार शायरी

मिट्टी मेरी कब्र से चुरा के जा रहा है कोई, मर कर भी बहुत याद आ रहा है कोई, ए खुदा एक पल की ज़िन्दगी और दे दे मुझे, उदास मेरी कब्र से होकर जा रहा है कोई !!

इंतेज़ार शायरी

यादों से तेरी हम प्यार करते है, सो जन्म भी तुझ पर निसार करते है, फुर्सत मिले तो आ जाना मेरी ज़िंदगी में, उसी पल का तो हम दिन रात इंतज़ार करते है !!

इंतेज़ार शायरी

मैं आपकी आँखों से जहाँ देख रहा हूँ, मैं आपकी नज़रों में जहाँ देख रहा हूँ, तू ढूढ़ रही होगी मुझको वहां पर, और मैं यहाँ पर कब से तेरी राह देख रहा हूँ !!

इंतेज़ार शायरी

हर शाम से तेरा इज़हार किया करते है, हर ख्वाब में तेरा दीदार किया करते है, दीवाने ही तो हैं हम तेरे ओ हम नशीब, हर वक़्त तेरे मिलने का इंतज़ार किया करते है !!

इंतेज़ार शायरी

फासले मिटा कर आपस में प्यार रखना, दोस्ती का ये रिश्ता हमेशा बरकरार रखना, बिछड़ जाए कभी आपसे हम, आँखों में हमेशा हमारा इंतज़ार रखना !!

इंतेज़ार शायरी

उस अजनबी से मुझे इतना प्यार क्यों है, इंकार करने पर भी चाहत का इकरार क्यों है, उसे पाना नहीं मेरी तकदीर में शायद, फिर हर मोड़ पे उसी का इंतज़ार क्यों है !!

इंतेज़ार शायरी

तड़प कर देखो किसी की चाहत में, पता चलेगा इंतज़ार क्या होता है, यूँ ही मिल जाता बिना कोई तड़पे तो, कैसे पता चलता की प्यार क्या होता है !!

इंतेज़ार शायरी

इंतज़ार तो बहुत था हमे, लेकिन आये ना वो कभी, हम तो बिन बुलाये ही आ जाते, अगर होता उन्हे भी इंतज़ार कभी !!

इंतेज़ार शायरी

कब उनकी आँखों से इज़हार होगा, दिल के किसी कोने में हमारे लिए प्यार होगा, गुजर रही है रात उनकी याद में, कभी तो उनको भी हमारा इंतज़ार होगा !!

इंतेज़ार शायरी

भले ही राह चलतों का दामन थाम ले, मगर मेरे प्यार को भी तू पहचान ले, कितना इंतज़ार किया है तेरे इश्क़ में, ज़रा यह दिल की बेताबी तू भी जान ले !!

इंतेज़ार शायरी

क़यामत तक तुझे याद करेंगे, तेरी हर बात पर ऐतबार करेंगे, तुझे लौट कर आने को तो नहीं कहेंगे, पर फिर भी तेरे आने का इंतज़ार करेंगे !!

इंतेज़ार शायरी

भले ही राह चलते तू औरों का दामन थाम ले, मगर मेरे प्यार को भी तू थोड़ा पहचान ले, कितना इंतज़ार किया है तेरे इश्क़ में मैंने, ज़रा इस दिल की बेताबी को भी तू जान ले !!

इंतेज़ार शायरी

आँखें भी मेरी पलको से सवाल करती है, हर वक़्त आपको ही याद करती है, जब तक न देख लें आपको, तब तक बस आप ही का इंतज़ार करती है !!

इंतेज़ार शायरी

इश्क़ कर देता है बेक़रार, भर देता है पत्थर के दिल में प्यार, हर एक को नहीं मिलती ज़िंदगी की यह बहार, क्योंकि इश्क़ का दूसरा नाम है इंतज़ार !!

इंतेज़ार शायरी

जिस के इक़रार का इंतज़ार था मुझे, जाने क्यों उस से इतना प्यार था मुझे, ऐ ख़ुदा आ ही गया वो हसीं पल, जब उसने कहा तुमसे बहुत प्यार है मुझे !!

इंतेज़ार शायरी

जान से भी ज्यादा उन्हें प्यार किया करते थे, याद उन्हे दिन-रात किया करते थे, अब उन राहों से गुजरा नहीं जाता, जहाँ बैठकर उनका इंतज़ार किया करते थे !!

इंतेज़ार शायरी

कभी उनकी पलकों से इज़हार होगा, दिल के किसी कोने में हमारे लिए प्यार होगा, गुजर रही है रात उनकी याद में, कभी तो उनको भी हमारा इंतज़ार होगा !!

इंतेज़ार शायरी

दूर ही सही मगर तुझसे प्यार तो है, तेरे ईन्कार के बाद भी इंतज़ार तो है, अगर आसान होता भूलना तो भूल जाते, पर आज भी ये दिल बेक़रार तो है !!

इंतेज़ार शायरी

आँखों में बसी है प्यारी सूरत तेरी, और दिल में बसा है तेरा प्यार, चाहे तू कबूल करे या ना करे, हमे रहेगा तेरा इंतज़ार !!

इंतेज़ार शायरी

इंतज़ार हमसे होता नहीं, इज़हार में ज़माना लगेगा, मेरे इश्क को तुम क्या जानो, प्यार में तो परवाना ही जलेगा !!

इंतेज़ार शायरी

मोहब्बत का इम्तिहान आसान नहीं, प्यार सिर्फ पाने का नाम नहीं, मुद्दतें बीत जाती है किसी के इंतज़ार में, यह सिर्फ पल दो पल का काम नहीं !!

इंतेज़ार शायरी

रोती हुई आँखो मे इंतज़ार होता है, ना चाहते हुए भी प्यार होता है, क्यों देखते है हम वो सपने, जिनके टूटने पर भी उनके सच होने का इंतज़र होता है !!

इंतेज़ार शायरी

किस्मत ने तुमसे दूर कर दिया, अकेलेपन ने दिल को मज़बूर कर दिया, हम भी ज़िंदगी से मुँह मोड़ लेते मगर, तुम्हारे इंतज़ार ने जीने पर मज़बूर कर दिया !!

इंतेज़ार शायरी

मेरी नज़रो में जो खुमार है उसका ही है, मेरे तस्सवुर में जो हिसार है उसका ही है, वो मेरे पास आये, साथ चले रहे न रहे, मुझे तो बस अब इंतज़ार उसका ही है !!

इंतेज़ार शायरी

हमने ये शाम चिरागों से सजा रखी है, आपके इंतजार में पलके बिछा रखी है, हवा टकरा रही है शमा से बार-बार, और हमने शर्त इन हवाओं से लगा रखी है !!

इंतेज़ार शायरी

नज़रों को तेरी मोहब्बत से इंकार नहीं है, अब मुझे किसी का इंतजार नहीं है, खामोश अगर हूँ ये अंदाज है मेरा, मगर तुम ये नहीं समझना की मुझे प्यार नहीं है !!

इंतेज़ार शायरी

यादों का यह कारवां हमेशा रहेगा, दूर जाते हुए भी प्यार वही रहेगा, माफ करना मिल नहीं सके आपसे, यकीन रखना अँखियों में इंतज़ार वही रहेगा !!

इंतेज़ार शायरी

तड़प के देखो किसी की चाहत में, तो पता चले की इंतज़ार क्या होता है, यूँ ही मिल जाये अगर कोई बिना तड़पे, तो कैसे पता चले की प्यार क्या होता है !!

इंतेज़ार शायरी

बड़ी मुश्किल में हूँ कैसे इज़हार करूँ, वो तो खुशबु है उसे कैसे गिरफ्तार करूँ, उसकी मोहब्बत पर मेरा हक़ नहीं लेकिन, दिल चाहता है आखिरी सांस तक उसका इंतज़ार करूँ !!

इंतेज़ार शायरी

इंतज़ार की आरज़ू अब खो गई है, खामोशियों की आदत सी हो गई है, ना शिकवा रहा ना शिकायत किसी से, अगर है तो एक मोहब्बत जो इन तनहाइयों से हो गई है !!

इंतेज़ार शायरी

आँखें भी मेरी पलकों से सवाल करती है, हर वक़्त आपको ही बस याद करती है, जब तक ना कर ले दीदार आपका, तब तक वो आपका इंतज़ार करती है !!

इंतेज़ार शायरी

बड़ा अरमान था तेरे साथ जीवन बिताने का, शिकवा है बस तेरे खामोश रह जाने का, दीवानगी इससे बढ़कर और क्या होगी ? आज भी इंतज़ार है तेरे आने का !!

इंतेज़ार शायरी

सूखी पत्ती से भी प्यार करेंगे, हम तुम पर ऐतबार कर लेंगे, एक बार कह दो तुम हमारे हो, हम सारी ज़िंदगी इंतज़ार कर लेंगे !!

इंतेज़ार शायरी

लम्हा-लम्हा इंतज़ार किया उस लम्हे के लिए, और वो लम्हा आया भी तो बस एक लम्हे के लिए, गुज़ारिश है यह खुदा से की काश, वो लम्हा फिर से मिल जाये बस एक लम्हे के लिए !!

इंतेज़ार शायरी

बड़ी मुश्किल में हूँ कैसे इज़हार करूँ, वो तो खुशबू है उसे कैसे गिरफ्तार करूँ, उसकी मोहब्बत पर मेरा हक़ नहीं लेकिन, दिल करता है आखिरी साँस तक उसका इंतज़ार करूँ !!

इंतेज़ार शायरी

कुछ दिन से मेरे सामने आते नहीं हो तुम, आँखों में नूर बन के समाते नहीं हो तुम, सो रहा है गहरी नींद में एक उम्र से, इस बे-खबर को आ कर जगाते नहीं हो तुम !!

इंतेज़ार शायरी

नज़र चाहती है दीदार करना, दिल चाहता है प्यार करना, क्या बताऊं इस दिल का आलम, नसीब में लिखा है इंतजार करना !!

इंतेज़ार शायरी

तुम लौट के आओगे हमसे मिलने, रोज दिल को बहलाने की आदत हो गई, तेरे वादे पे भरोसा क्या किया, हर शाम तेरा इंतज़ार करने की आदत हो गई !!

इंतेज़ार शायरी

इश्क कर देता है बेकरार, भर देता है पत्थर के दिल में प्यार, हर एक को नहीं मिलती जिंदगी की ये बहार, क्योंकि इश्क का दूसरा नाम है इंतजार !!

इंतेज़ार शायरी

कब तक इंतज़ार करूँ मैं तेरा, अब इंतज़ार नहीं होता, तूने जो दिल न लगाया होता तो, मेरा ये हाल न होता !!

इंतेज़ार शायरी

कोशिश कीजिये हमे याद करने की, लम्हें तो अपने आप ही मिल जायेंगे, तमन्ना कीजिये हमे मिलने की, बहाने तो अपने आप ही मिल जायेंगे !!

इंतेज़ार शायरी

मिलने की ख़ुशी ना बिछड़ने का गम, ना तन्हा, ना उदास है हम, कैसे कहे की कैसे है हम, बस यूँ समझ लो बहुत अकेले है हम !!

इंतेज़ार शायरी

पलट के आयेगी वो, मैं इंतज़ार करता हूँ, क़सम खुदा की, उसे अब भी प्यार करता हूँ, मैं जानता हूँ की ये सब दर्द देते है मगर, मैं अपनी चाहतों पे आज भी ऐतबार करता हूँ !!

इंतेज़ार शायरी

कोई क्यों मेरा इंतज़ार करेगा, अपनी जिंदगी मेरे लिए बेकार करेगा, हम कौन से किसी के लिए ख़ास है, क्या सोचकर कोई हमें याद करेगा !!

इंतेज़ार शायरी

इश्क़ किया तुझसे मेरे ऐतबार ही हद थी, इश्क़ में दे दी जान मेरे प्यार की हद थी, मरने के बाद भी खुली थी आँखें, यह मेरे इंतज़ार की हद थी !!

इंतेज़ार शायरी

आजा अभी सर्दी का मौसम नहीं गुजरा, पहाड़ों पर अभी भी बर्फ जमी है, सब कुछ तो है मेरे पास, सिर्फ एक तेरी कमी है !!

इंतेज़ार शायरी

दिल में इंतज़ार की लकीर छोड़ जायेंगे, आँखों में यादों की नमी छोड़ जायेंगे, ढूंढ़ते फिरोगे हमे हर जगह एक दिन, ज़िन्दगी में ऐसी अपनी कमी छोड़ जायेंगे !!

इंतेज़ार शायरी

एक मुस्कान तू मुझे एक बार दे दे, ख्वाब में ही सही, एक दीदार दे दे, बस एक बार कर ले तू आने का वादा, फिर उम्र भर का चाहे इंतज़ार दे दे !!

इंतेज़ार शायरी

मत इंतज़ार कराओ हमे इतना की, वक़्त के फैसले पर अफ़सोस हो जाये, क्या पता कल तुम लौटकर आओ, और हम खामोश हो जाएँ !!

इंतेज़ार शायरी

तुझे देखना चाहती हूँ हर पल, शायद तुझसे बहुत प्यार करती हूँ, कल तक तो तुझे जानती भी न थी, आज तेरा इंतज़ार करती हूँ !!

इंतेज़ार शायरी

वो करीब ही न आये तो इज़हार क्या करते, खुद बने निशाना तो शिकार क्या करते, मर गए पर खुली रखी आँखें, इससे ज्यादा किसी का इंतजार क्या करते !!

इंतेज़ार शायरी

मजा तो हमने इंतजार में देखा है, चाहत का असर प्यार में देखा है, लोग ढूंढ़ते हैं जिसे मंदिर मस्जिद में, उस खुदा को मैने आपमें देखा है

इंतेज़ार शायरी

तेरे इंतजार मे कब से उदास बैठे है तेरे दीदार में आँखे बिछाये बैठे है तू एक नज़र हम को देख ले इस आस मे कब से बेकरार बैठे है

इंतेज़ार शायरी

उसके इंतजार के मारे है हम.. बस उसकी यादों के सहारे है हम… दुनियाँ जीत के कहना क्या है अब..?? जिसे दुनियाँ से जीतना था आज उसी से हारे है हम..

इंतेज़ार शायरी

“ए पलक तु बन्‍द हो जा, ख्‍बाबों में उसकी सूरत तो नजर आयेगी इन्‍तजार तो सुबह दुबारा शुरू होगी कम से कम रात तो खुशी से कट जायेगी ”

इंतेज़ार शायरी

इंतज़ार रहता है हर शाम तेरा; यादें काटती हैं ले-ले के नाम तेरा; मुद्दत से बैठे हैं तेरे इंतज़ार में; कि आज आयेगा कोई पैगाम तेरा!

इंतेज़ार शायरी

ज़ख्म इतने गहरे हैं इज़हार क्या करें; हम खुद निशान बन गए वार क्या करें; मर गए हम मगर खुलो रही आँखें; अब इससे ज्यादा इंतज़ार क्या करें!

इंतेज़ार शायरी

नज़र चाहती है दीदार करना; दिल चाहता है प्यार करना; क्या बतायें इस दिल का आलम; नसीब में लिखा है इंतजार करना।

इंतेज़ार शायरी

मजा तो हमने इंतजार में देखा है चाहत का असर प्यार में देखा है लोग ढूंढ़ते हैं जिसे मंदिर मस्जिद में उस खुदा को मैने आपमें देखा है

इंतेज़ार शायरी

होंठ कह नहीं सकते जो फ़साना दिल का; शायद नज़रों से वो बात हो जाए; इस उम्मीद से करते हैं इंतज़ार रात का; कि शायद सपनों में ही मुलाक़ात हो जाए!

इंतेज़ार शायरी

एक अजनबी से मुझे इतना प्यार क्यों है; इंकार करने पर चाहत का इकरार क्यों है; उसे पाना नहीं मेरी तकदीर में शायद; फिर हर मोड़ पे उसी का इंतज़ार क्यों है!

इंतेज़ार शायरी

उसने कहा अब किसका इंतज़ार है; मैंने कहा अब मोहब्बत बाकी है; उसने कहा तू तो कब का गुजर चूका है ‘मसरूर’; मैंने कहा अब भी मेरा हौसला बाकी है!

इंतेज़ार शायरी

कोई वादा नहीं फिर भी तेरा इंतज़ार है! जुदाई के बाद भी तुम से प्यार है! तेरे चेहरे की उदासी बता रही है! मुझसे मिलने के लिये तू भी बेकरार है!

इंतेज़ार शायरी

तेरे इंतजार मे कब से उदास बैठे है तेरे दीदार में आँखे बिछाये बैठे है तू एक नज़र हम को देख ले इस आस मे कब से बेकरार बैठे है

इंतेज़ार शायरी

उसके इंतजार के मारे है हम.. बस उसकी यादों के सहारे है हम… दुनियाँ जीत के कहना क्या है अब.. जिसे दुनियाँ से जीतना था आज उसी से हारे है हम..

इंतेज़ार शायरी

उनका भी कभी हम दीदार करते है उनसे भी कभी हम प्यार करते है क्या करे जो उनको हमारी जरुरत न थी पर फिर भी हम उनका इंतज़ार करते है !

इंतेज़ार शायरी

ए पलक तु बन्‍द हो जा ख्‍बाबों में उसकी सूरत तो नजर आयेगी इन्‍तजार तो सुबह दुबारा शुरू होगी कम से कम रात तो खुशी से कट जायेगी

इंतेज़ार शायरी

हमने ये शाम चराग़ों से सजा रक्खी है;​​ ​आपके इंतजार में पलके बिछा रखी हैं; ​हवा टकरा रही है शमा से बार-बार;​​ ​और हमने शर्त इन हवाओं से लगा रक्खी है।

इंतेज़ार शायरी

आँखों में बसी है प्यारी सूरत तेरी; और दिल में बसा है तेरा प्यार; चाहे तू कबूल करे या ना करे; हमें रहेगा तेरा इंतज़ार!

इंतेज़ार शायरी

है ख़ुशी इंतिज़ार की हर दम मैं ये क्यूँ पूछूँ कब मिलेंगे आप...

इंतेज़ार शायरी

मैं लौटने के इरादे से जा रहा हूँ मगर सफ़र सफ़र है मेरा इंतिज़ार मत करना...

इंतेज़ार शायरी

मेरे पास क्या कुछ नहीं और एक मुस्तक़िल इंतिज़ार और आँसू

इंतेज़ार शायरी

है इंतिज़ार उसे भी तुम्हारी खुश्बू का हवा गली में बहुत देर से रुकी हुई है .

इंतेज़ार शायरी

कौन कहता है इश्क़ मे बस इकरार होता है कौन कहता है इश्क़ मे बस इनकार होता है तन्हाई को तुम बेबसी का नाम ना दो क्यूंकी इश्क़ का दूसरा नाम ही इंतेज़ार होता है.

इंतेज़ार शायरी

इश्क़ किया तुझसे मेरे ऐतबार की हद थी इश्क़ में दे दी जान मेरे प्यार की हद थी मरने के बाद भी खुली थी आँखें यह मेरे इंतेज़ार की हद थी…

इंतेज़ार शायरी

तेरे इंतज़ार का ये आलम है तड़प्ता है दिल आखें भी नम है तेरी आरज़ू में जी रहे है वरना जीने की ख्वाहिश कम है…

इंतेज़ार शायरी

एक शाम आती है तुम्हारी याद लेकर एक शाम जाती है तुम्हारी याद देकर पर मुझे तो उस शाम का इंतेज़ार है जो आए तुम्हे साथ लेकर..!!

इंतेज़ार शायरी

अब हमसे इंतेज़ार नही होता… इतना महेंगा तो किसी का प्यार नही होता… हम जिसके लिए हुए रुसवा ज़माने मे… वो अब बात करने को भी तैयार नही होता…

इंतेज़ार शायरी

किसी के दीदार को तरसता है किसी के इंतेज़ार मे तडपता है ये दिल भी अजीब चीज़ है जो होता है खुद का मगर किसी और के लिए धड़कता है .

इंतेज़ार शायरी

कोई वादा नही फिर भी तेरा इंतेज़ार है जुदाई के बाद भी तुझसे प्यार है तेरे चेहरे की उदासी दे रही है गवाही मुझसे मिलने के लिए तू भी बेकरार है…

इंतेज़ार शायरी

इंतजार उसका जिसके आने की कोई आस हो खुश्बू भी उस फूल की जो मेरे पास हो मंज़िल ना मिल सकी हमे तो कोई बात नही गम भी उसी शख्स का होता है जिसे प्यार का एहसास हो.

इंतेज़ार शायरी

तुम आये तो लगा हर खुशी आ गई यू लगा जैसे ज़िन्दगी आ गई था जिस घड़ी का मुझे कब से इंतज़ार अचानक वो मेरे करीब आ गई …………

इंतेज़ार शायरी

सुबह का इंतेज़ार था फिर शाम तक मुझे रुकना था आएगी इस शाम भी मैने खुद को समझाया यही सुबह से लेकर शाम तक एक पल चैन पाया नही जिसका इंतेज़ार था उस शाम वो आया नही

इंतेज़ार शायरी

नज़रें मेरी कहीं तक ना जायें बेवफा तेरा इंतेज़ार करते करते यह जान यूँ ही निकल ना जाए तुम से इश्क़ का इज़हार करते करते…

इंतेज़ार शायरी

फ़ासले मिटा कर आपस मैं प्यार रखना. दोस्ती का ये रिश्ता हमेशा बरकरार रखना बिछड़ जाए कभी आपसे हम आँखों मैं हमेशा हमारा इंतज़ार रखना…

इंतेज़ार शायरी

बहुत हो चुका इंतेज़ार उनका अब और ज़ख़्म सहे जाते नही क्या बयान करें उनके सितम को दर्द उनके कहे जाते नही…

इंतेज़ार शायरी

साँसों मे मेरे कुछ अजीब सी कशिश है आज जाना शायद ये तुम्हारे साँसों को महसूस कर रहा है आँखें मेरी तुम्हारी राहों पे आके थम गयी हैं और ये दिल तुम्हारे आने का इंतेज़ार कर रहा है.

इंतेज़ार शायरी

आदत बदल दू कैसे तेरे इंतेज़ार की ये बात अब नही है मेरे इकतियार की देखा भी नही तुझ को फिर भी याद करते है बस ऐसी ही खुश्बू है दिल मे तेरे प्यार की

इंतेज़ार शायरी

मेरी ज़िंदगी तो आप है कहाँ जी रहे है हम आप के बिना अब तो मौत को सीने से लगाने की इंतेज़ार मे बैठे है हम

इंतेज़ार शायरी

ज़िंदगी हसीन है इससे प्यार करो… हर रात की नई सुबा का इंतजार करो वो पल भी आएगा जिसका आपको इंतजार है बस अपने रब पर भरोसा और वक़्त पर ऐतबार करना…

इंतेज़ार शायरी

आई मिलन की बेला है नही होता है अब इंतज़ार तेरी उलझी ज़ुल्फोन को ले आज दूं मैं संवार

इंतेज़ार शायरी

होश जब तक रहेगा राह तेरी देखूंगी दर्द से होश ना जाएगी मेरा क्या होगा जानती हूं मेरे दामन में तेरी खुशियां हैं मेरा दामन जो छूट जाए तेरा क्या होगा

इंतेज़ार शायरी

ज़ख़्म इतने गहरे है हमको मालूम ना था हम खुदी पर वार करते रहे यह ख़याल ना था खुद ही लाश बन गये इस ख़याल से के जनाज़े पे वो मेरे आएँगे अब इस से ज़्यादा उनके दीदार का इंतिज़ार क्या करे.

इंतेज़ार शायरी

उसकी दर्द भारी आँखों ने जिस जगह कहा था अलविदा; आज भी वही खड़ा है दिल उसके आने के इंतेज़ार में!

इंतेज़ार शायरी

इतना ऐतबार तो अपनी धड़कनो पर भी हमने ना किया जितना आपकी बातों पर करते हैं; इतना इंतेज़ार तो अपनी साँसों का भी ना किया जितना आपके मिलने का करते हैं!

इंतेज़ार शायरी

वही उम्मीद वही इंतेजार तेरा करते हैं उसी इश्क़ से उसी चाहत से उसी प्यार से उसी मान से मुझे आज फिर से मिल जाओ की मन बहुत दीनो से उदास हैं.

इंतेज़ार शायरी

उन्हे दिन रात किया करते थे अब उन राहों से गुज़रा नही जाता जहाँ बैठ कर उनका इंतेज़ार किया करते थे.

इंतेज़ार शायरी

खुदा कैसे करूँ शुक्रिया इस दिन के लिए. जिस दुनिए तुम्हे धरती पे भेजा हमारे लिए. ना जाने क्यों मैं इंतेज़ार कर रहा था शायद जन्मदिन है तुम्हारा इस लिए. मेरी हर एक दुआ है

इंतेज़ार शायरी

तन्हाईओं मे उनको ही याद करते हैं वो सलामत रहें यही फरियाद करते हैं हम उनके ही मोहब्बत का इंतेज़ार करते हैं उनको क्या पता हम उनसे कितना प्यार करते हैं.

इंतेज़ार शायरी

ज़िंदगी के मायने तुझसे है... ज़िंदगी की ख्वाशें तुझसे है.. तू क्या जाने तू क्या है मेरे लिए... मेरी हर साँस का वजूद तुझसे है

इंतेज़ार शायरी

ये ज़िंदगी तब हसीन होती है... जब हर दुआ कबूल होती है कहने को तो सब अपने है... पर काश कोई ऐसा हो जो ये कहे तेरे दर्द से मुझे भी तकलीफ़ होती है...

इंतेज़ार शायरी

अपनी नज़र से ना देख अपनी खूबसूरती को तुझे हीरा भी पठार लगेगा लोग कहते हैं तू चाँद का टुकड़ा है मगर तू मेरी नज़र से देख चाँद तेरा टुकड़ा लगेगा.

इंतेज़ार शायरी

क्यूँ हम किसी के ख़यालो मे खो जाते है एक पल की दूरी मे रो जाते है.. कोई हमे इतना बता दो कीहम ही ऐसे है या प्यार करने के बाद सब ऐसे हो जाते है.