जुदाई शायरी
कभी रो के मुस्कुराए , कभी मुस्कुरा के रोए,जब भी तेरी याद आई तुझे भुला के रोए,एक तेरा ही तो नाम था जिसे हज़ार बार लिखा,जितना लिख के खुश हुए उस से ज़यादा मिटा के रोए
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जुदाई शायरी
सारी उम्र आंखो मे एक सपना याद रहा,सदियाँ बीत गयी पर वो लम्हा याद रहा,ना जाने क्या बात थी उनमे और हममे,सारी मेहफिल भुल गये बस वह चेहरा याद रहा
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जुदाई शायरी
तेरी बेरुखी को भी रुतबा दिया हमने ,तेरे प्यार का हर क़र्ज़ अदा किया हमने ,मत सोच के हम भूल गए है तुझे ,आज भी खुदा से पहले याद किया है तुझे
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जुदाई शायरी
यादों की किम्मत वो क्या जाने,जो ख़ुद यादों को मिटा दिया करते हैं,यादों का मतलब तो उनसे पूछो जो,यादों के सहारे जिया करते हैं.
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जुदाई शायरी
दिल की ख्वाहिश को नाम क्या दूंप्यार का उसे पैगाम क्या दूंइस दिल में दर्द नहीं बस यादें हैं उसकीअब यादें ही मुझे दर्ददें तो उसे इल्जाम क्या दूं
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जुदाई शायरी
एक अजनबी से मुझे इतना प्यार क्यों है,
इंकार करने पर चाहत का इकरार क्यों है,
उसे पाना नहीं मेरी तकदीर में शायद,
फिर भी हर मोड़ पर उसी का इन्तज़ार क्यों है.
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जुदाई शायरी
इंतज़ार करते करते वक़्त क्यों गुजरता नहीं,
सब हैं यहाँ मगर कोई अपना नहीं,
दूर नहीं पर फिर भी वो पास नहीं,
है दिल में कहीं पर आँखों से दूर कहीं.
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जुदाई शायरी
दिल तेरी याद में आहें भरता है,
मिलने को पल पल तड़पता है,
मेरा यह सपना टूट न जाये कहीं,
बस इसी बात से दिल डरता है.
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जुदाई शायरी
सदियों बाद उस अजनबी से मुलाक़ात हुई,
आँखों ही आँखों में चाहत की हर बात हुई,
जाते हुए उसने देखा मुझे चाहत भरी निगाहों से,
मेरी भी आँखों से आंसुओं की बरसात हुई.
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जुदाई शायरी
रात की तन्हाई में उनको आवाज़ दिया करते हैं,
रात में सितारों से उनका ज़िक्र किया करते हैं,
वो आयें या न आयें हमारे ख्वाबों में,
हम तो बस उन्ही का इंतज़ार किया करते हैं.
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जुदाई शायरी
ज़िन्दगी जैसे एक सज़ा सी हो गयी है,
ग़म के सागर में कुछ इस कदर खो गयी है,
तुम आ जाओ वापिस यह गुज़ारिश है मेरी,
शायद मुझे तुम्हारी आदत सी हो गयी है.
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जुदाई शायरी
याद आती है तो ज़रा खो जाते है,
आंसू आँखों में उतर आये तो ज़रा रो लेते है,
नींद तो नहीं आती आँखों में लेकिन,
वो ख्वाबों में आएंगे यही सोच कर सो लेते है.
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जुदाई शायरी
जब तन्हाई मैं आप की याद आती हैं,
होंठो पर एक दुआ आती हैं,
खुदा आप को दे हर ख़ुशी,
क्योंकि आज भी हमारी हर ख़ुशी आपके बाद आती हैं.
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जुदाई शायरी
"दूर तो तुम हो ही कुछ और दूर सही,
पास होके भी पास मे नही,
याद करता है तुम्हे ये दिल बार बार,
याद रखना हम यु भूल ना जाना कही."
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जुदाई शायरी
"कौन कहता है मुझे ठेस का एहसास नहीं,
जिंदगी एक उदासी है जो तुम पास नहीं,
मांग कर मैं न पियूं तो यह मेरी खुद्दारी है,
इसका मतलब यह तो नहीं है कि मुझे प्यास नहीं."
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जुदाई शायरी
"हर मुलाकात पर वक्त का तकाज़ा हुआ..
हर याद पे दिल का दर्द ताजा हुआ..
सुनी थी सिर्फ हमने गज़लों मे जुदाई की बातें..
अब खुद पे बीती तो हकीकत का अंदाजा हुआ."
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जुदाई शायरी
"ना तस्वीर है उसकी जो दिदार किया जाऐ,
ना पास है वो जो उससे प्यार किया जाऐ,
ये कैसा दर्द दिया उस बेदर्द ने,
ना उससे कुछ कहा जाऐ..ना उसके बिन रहा जाऐ.."
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जुदाई शायरी
"वो आऐ मेरी जिन्दगी में कहानी बनकर ,
इस दिल में रहे प्यार की निशानी बन कर,
अकसर जिन्हें हम जगह देते है इस दिल में,
वो आँखों से निकल जाते है पानी बन कर.."
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जुदाई शायरी
"एक अजीब दास्तान है मेरे अफसाने की..
मैने पल पल कोशिश उसके की पास जाने की,
किस्मत थी मेरी या साजिश थी ज़माने की,
दूर हुई मुझसे इतना जितनी उमीद थी करीब आने की."
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जुदाई शायरी
"उसके इंतजार के मारे है हम..
बस उसकी यादों के सहारे है हम...
दुनियाँ जीत के कहना क्या है अब?
जिसे दुनियाँ से जीतना था आज उसी से हारे है हम."
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जुदाई शायरी
"इस दुनियाँ में सब कुछ बिकता है,
फिर जुदाई ही रिश्वत क्युँ नही लेती?
मरता नहीं है कोई किसी से जुदा होकर,
बस यादें ही हैं जो जीने नहीं देती.."
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जुदाई शायरी
"जमाने से नही तो तनहाई से डरता हुँ,
प्यार से नही तो रुसवाई से डरता हुँ,
मिलने की उमंग बहुत होती है,
लेकिन मिलने के बाद तेरी जुदाई से डरता हुँ।"
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जुदाई शायरी
"अंदाज़-ऐ-प्यार आपकी एक अदा हे,
दूर हो हमसे आपकी खता हे,
दिल में बसी हे एक प्यारी सी तस्वीर आपकी,
जिस के निचे “आई मिस यू” लिखा हे.."
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जुदाई शायरी
"आप क्या जानो हम आपको कितना याद करते है,
हरपाल आपकी फर्याद करते है,
रोज़ खत लिखते है कार्टून नेटवर्क को,
आप को दिखाने की माँग करते है."
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जुदाई शायरी
"लम्हे जुदाई को बेकरार करते हैं,
हालत मेरे मुझे लाचार करते हैं,
आँखे मेरी पढ़ लो कभी,
हम खुद कैसे कहे की आपसे प्यार करते हैं."
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जुदाई शायरी
"नदी को सागर से मिलने से ना रोको,
बारिस की बूंदों को धरती से मिलने से ना रोको,
जिन्दा रहने के लिए तुमको देखना जरुरी है,
मुझे तुम्हारा दीदार करने से ना रोको."
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जुदाई शायरी
"माना की आपसे रोज मुलाक़ात नहीं होती,
आमने-सामने कभी बात नहीं होती,
मगर हर सुबह आपको दिलसे याद कर लेते है,
उसके बिना हमारे दिन की शुरुआत नहीं होती."
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जुदाई शायरी
"दर्द दे कर इश्क़ ने हमे रुला दिया,
जिस पर मरते थे उसने ही हमे भुला दिया,
हम तो उनकी यादों में ही जी लेते थे,
मगर उन्होने तो यादों में ही ज़हेर मिला दिया."
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जुदाई शायरी
"हर शाम से तेरा इज़हार किया करते है,
हर ख्वाब मे तेरा दीदार किया करते है,
दीवाने ही तो है हम तेरे,
जो हर वक़्त तेरे मिलने का इंतज़ार किया करते है.."
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जुदाई शायरी
"उसकी यादों को किसी कोने में छुपा नहीं सकता,
उसके चेहरे की मुस्कान कभी भुला नहीं सकता,
मेरा बस चलता तो उसकी हर याद को भूल जाता,
लेकिन इस टूटे दिल को मैं समझा नहीं सकता."
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जुदाई शायरी
"कितनी जल्दी ज़िन्दगी गुज़र जाती है,
प्यास भुझ्ती नहीं बरसात चली जाती है,
तेरी याद कुछ इस तरह आती है,
नींद आती नहीं मगर रात गुज़र जाती है."
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जुदाई शायरी
"आँखों से आँखों का मेल जब होता है,
दिल में एक चाहत सी जाग उठती है,
रात को सपनो में उसका चेहरा होता है,
ज़िन्दगी भी खूबसूरत अफसाना लगती है."
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जुदाई शायरी
"तेरे चेहरे को कभी भुला नहीं सकता,
तेरी यादों को भी दबा नहीं सकता,
आखिर में मेरी जान चली जायेगी,
मगर दिल में किसी और को बसा नहीं सकता."
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जुदाई शायरी
"कितने चेहरे हैं इस दुनिया में,
मगर हमको एक चेहरा ही नज़र आता है,
दुनिया को हम क्या देखे,
उसकी यादों में सारा वक़्त गुज़र जाता है."
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जुदाई शायरी
"आशिकों की किस्मत में जुदा होना ही लिखा होता है,
सच्चा प्यार होता है तो दिल को खोना ही लिखा होता है,
सब जानते हुए भी में भी प्यार उससे कर बैठा,
भूल गया के मोहब्बत में सिर्फ रोना ही लिखा होता है."
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जुदाई शायरी
"किस्मत पर एतबार किसको हैं ,
मिल जाये खुसी इंकार किसको हैं,
कुछ मजबूरिय हैं मेरे दोस्त,
वरना जुदाई से प्यार किसको हैं."
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जुदाई शायरी
"जलते हुए दिल को और मत जलाना,
रोती हुई आँखों को और मत रुलाना,
आपकी जुदाई में हम पहले से मर चुके है,
मरे हुए इंसान को और मत मारना."
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जुदाई शायरी
प्यार किसी को करोगे रुस्वाई ही मिलेगी,
वफ़ा कर लो चाहे जितनी, बेवफाई ही मिलेगी,
जितना मर्जी किसी को अपना बना लो,
जब आँख खुलेगी तन्हाई ही मिलेगी !!
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जुदाई शायरी
खुदा किसी को किसी पर फ़िदा न करे,
करे तो क़यामत तक जुदा न करे,
यह माना की कोई मरता नहीं जुदाई में,
लेकिन जी भी तो नहीं पाता तन्हाई में !!
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जुदाई शायरी
हमने तो ऊमर गुज़ार दी तन्हाई में,
सह लिए सित्तम तेरी जुदाई में,
अब तो यह फ़रियाद है खुदा से,
कोई और ना तड़पे, तेरी बेवफ़ाई में !!
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जुदाई शायरी
सर्द रातों को सताती है जुदाई तेरी,
आग बुझती नहीं सीने में लगाई तेरी,
जब भी चलती है हवाएं,
बहुत परेशान करती है यह तन्हाई मेरी !!
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जुदाई शायरी
जिंदगी मोहताज़ नहीं मंजिलो की,
वक़्त हर मंजिल दिखा देता है,
मरता नहीं कोई किसी से जुदा होकर,
वक़्त सबको जीना सिखा देता है !!
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जुदाई शायरी
याद में तेरी आहें भरता है कोई,
हर साँस के साथ तुझे याद करता है कोई,
मौत तो सच्चाई है आनी है,
लेकिन तेरी जुदाई में हर रोज मरता है कोई !!
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जुदाई शायरी
ज़माना बन जाए कागज़ का,
और समंदर हो जाए स्याही का,
फिर भी कलम लिख नहीं सकती,
दर्द तेरी जुदाई का !!
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जुदाई शायरी
तुम ना समझोगे इस तन्हाई के मायने,
पूछना है तो शाख से टूटे पत्ते से पूछो क्या है जुदाई,
यूँ ना कह दो बेवफा हमे,
यह पूछो की किस वक़्त तेरी याद नहीं आई !!
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जुदाई शायरी
बता मुझे ये तेरी तनहाई कैसी है,
समझकर प्यार सारा फिर भी रुसवाई कैसी है,
हमें और भी मजबूर कर दिया है तूने,
तू बता तो सही ये तेरी तनहाई कैसी है ?
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जुदाई शायरी
बेताब तमन्नाओ की कसक रहने दो,
मंजिल को पाने की कसक रहने दो,
आप चाहे रहो नजर से दूर,
पर मेरी आँखों में एक झलक रहने दो !!
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जुदाई शायरी
मुझे उसके पहलु में आशियाना ना मिला,
उसकी जुल्फों की छाओं में ठिकाना ना मिला,
कह दिया उसने मुझको बेवफ़ा,
जब मुझको छोड़ने का उसे कोई बहाना ना मिला !!
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जुदाई शायरी
जलते हुए दिल को और मत जलाना,
रोती हुई आँखों को और मत रुलाना,
आपकी जुदाई में हम पहले ही मर चुके है,
मरे हुए इंसान को और मत मारना !!
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जुदाई शायरी
हर ख़ुशी गम का ऐलान है,
हर मुलाक़ात जुदाई का ऐलान है,
ना रखा किसी से उम्मीद,
हर उम्मीद दिल टूटने का फरमान है !!
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जुदाई शायरी
कोई रास्ता नहीं दुआ के सिवा,
कोई सुनता नहीं यहां खुदा के सिवा,
मैंने भी जिंदगी को बहुत करीब से देखा है,
मुश्किल में कोई साथ नहीं देता आंसुओं के सिवा !!
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जुदाई शायरी
तमन्ना से नहीं तनहाई से डरते है,
प्यार से नहीं रुसवाई से डरते है,
मिलने की तो बहुत चाहत है,
पर मिलने के बाद जुदाई से डरते है !!
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जुदाई शायरी
कितना चाहता हूँ तुझे यह मुझको पता नहीं,
मगर तुम्हारे सिवा कोई और दिल में बसा नहीं,
ज़माना दुश्मन हो गया चाहत का हमारी,
जुदा हो गए फिर से यह मेरी खता नहीं !!
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जुदाई शायरी
जिंदगी की कश्ती कब लगे कौन से किनारे,
कब मिलेंगी मनचली बहारे,
जीना तो पड़ेगा ही कैसे भी प्यारे,
कभी दोस्तो की भीड़ में कभी तन्हाई के सहारे !!
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जुदाई शायरी
जिस घड़ी तेरी यादों का समय होता है,
फिर हमे आराम कहाँ होता है,
हौंसला नहीं मुझमे तुम्हे भुला देने का,
काम सदियो का है यह, लम्हो में कहाँ होता है !!
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जुदाई शायरी
लम्हे जुदाई को बेकरार करते है,
हालात मेरे मुझे लाचार करते है,
आँखे मेरी पढ़ लो कभी,
हम खुद कैसे कहे की आपसे प्यार करते है !!
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जुदाई शायरी
धोखा दिया था जब तूने मुझे,
जिंदगी से मैं नाराज था,
सोचा की दिल से तुझे निकाल दूं,
मगर कंबख्त दिल भी तेरे पास था !!
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जुदाई शायरी
ये इश्क़ वालो की क़िस्मत बुरी होती है,
हर मुलाक़ात जुदाई से जुडी होती है,
कहीं भी देख लेना आज़माकर,
सच्चे प्यार को जुदाई ही नसीब होती है !!
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जुदाई शायरी
ज़िन्दगी की आखिरी शाम लिखते है,
आप की याद में गुजरते पल तमाम लिखते है,
वो कलम भी दीवानी हो जाती है आप की,
जिस कलम से हम आपका नाम लिखते है !!
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जुदाई शायरी
सुन लिया हमने फैसला तेरा,
और सुन के उदास हो बैठे,
ज़हन चुप चाप आँख खाली,
जैसे हम क़ायनात खो बैठे !!
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जुदाई शायरी
ज़ुबान खामोश और आँखों में नमी होगी,
ये बस एक दास्तां-ए ज़िंदगी होगी,
भरने को तो हर ज़ख्म भर जाएगा,
कैसे भरेगी वो जगह जहाँ तेरी कमी होगी ?
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जुदाई शायरी
पलको के किनारे हमने भिगोए ही नहीं,
वो सोचते है हम रोए ही नहीं,
वो पूछते है की ख़्वाबों में किसे देखते हो,
हम है की एक उम्र से सोए ही नहीं !!
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जुदाई शायरी
नफ़रत कभी ना करना तुम हमसे,
यह हम सह नहीं पायेंगे,
एक बार कह देना हमसे की ज़रूरत नहीं अब तुम्हारी,
तुम्हारी दुनियाँ से हंसकर चले जायेंगे !!
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जुदाई शायरी
नज़र नवाज़ नज़रो में ज़ी नहीं लगता,
फ़िज़ा गई तो बहारो में ज़ी नहीं लगता,
ना पूछ मुझसे तेरे ग़म में क्या गुजरती है,
यही कहूंगा हज़ारो में ज़ी नहीं लगता !!
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जुदाई शायरी
भूल जाने का हौसला ना हुआ,
दूर रह कर भी वो जुदा ना हुआ,
उनसे मिल कर किसी और से क्या मिलते,
कोई दूसरा उनके जैसा ना हुआ!
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जुदाई शायरी
भुला कर हमे वो क्या खुश रह पाएंगे,
साथ में नहीं हमारे जाने के बाद मुस्कुराएंगे,
दुआ है खुद से की उन्हे दर्द ना देना,
हम तो सह गए, पर वो टूट जाएंगे !!
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जुदाई शायरी
बिताए हुए कल में आज को ढूँढता हूँ,
सपनो में सिर्फ आपको देखता हूँ,
क्यों हो गए आप मुझसे दूर, यह सोचता हूँ,
तन्हा, यारों से छुपकर रोता हूँ !!
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जुदाई शायरी
ग़म में हँसने वालो को कभी रुलाया नहीं जाता,
लहरो से पानी को हटाया नहीं जाता,
होने वाले हो जाते है खुद ही दिल से जुदा,
किसी को जबर्दस्ती दिल में बसाया नहीं जाता !!
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जुदाई शायरी
सब फूलो की जुदा कहानी है,
खामोशी भी तो प्यार की निशानी है,
ना कोई ज़ख्म है फिर भी ऐसा एहसास है,
यूँ महसूस होता है कोई आज भी दिल के पास है !!
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जुदाई शायरी
तेरी याद में आंसुओं का समंदर बना लिया,
तन्हाई के शहर में अपना घर बना लिया,
सुना है लोग पूजते है पत्थर को,
इसलिए तुझसे जुदा होने के बाद दिल को पत्थर बना लिया !!
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जुदाई शायरी
आप को खोने का हर पल डर लगा रहता है,
जब की आपको पाया ही नहीं,
तुम बिन इतना तन्हा हूँ मैं,
की मेरे साथ मेरा साया भी नहीं !!
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जुदाई शायरी
तन्हा हो कभी, तो मुझ को ढूंढना,
दुनियां से नहीं, अपने दिल से पूछना,
आस-पास ही कहीं बसे रहते है हम,
यादों से नहीं, साथ गुज़ारे लम्हों से पूछना !!
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जुदाई शायरी
थक गए हम उनका इंतज़ार करते-करते,
रोए हज़ार बार खुद से तकरार करते-करते,
दो शब्द उनकी ज़ुबान से निकल जाते कभी,
और टूट गए हम एक तरफ़ा प्यार करते-करते !!
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जुदाई शायरी
बहुत चाहा पर उन्हे भुला ना सके,
ख्यालो में किसी और को ला ना सके,
किसी को देख कर आंसू तो पोंछ लिए,
पर किसी को देख कर हम मुस्कुरा ना सके !!
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जुदाई शायरी
दिल नहीं लगता आपको देखे बिना,
दिल नहीं लगता आपके बारे में सोचे बिना,
आँखें भर आती है यह सोचकर,
की किस हाल में होंगे आप हमारे बिना !!
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जुदाई शायरी
हर चेहरे पर गुमान उसका था,
बसा ना सका खाली मकान उसका था,
लाखों दर्द मिट गए दिल से लेकिन,
जो मिट ना सका वो एक नाम उसका था !!
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जुदाई शायरी
ग़म ने हंसने ना दिया, ज़माने ने रोने ना दिया,
इस उलझन ने जीने ना दिया,
थक के जब सितारो से पनाह ली,
नींद आई तो आपकी याद ने सोने ना दिया !!
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जुदाई शायरी
जगाया उन्होंने ऐसा की अब तक सो न सके,
रुलाया उन्होंने ने फिर भी हम रो न सके,
न जाने क्या बात थी उन में,
जो अब तक हम किसी के भी न हो सके !!
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जुदाई शायरी
वो देता है दर्द बस हमीं को,
क्या समझेगा वो इन आँखों की नमी को,
लाखों दीवाने हो जिसके,
वो क्या महसूस करेगा एक हमारी कमी को !!
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जुदाई शायरी
ये प्यार की बाते किताबो में ही अच्छी लगती है,
तन्हाई भरी महफ़िल दर्दे दिल से ही सजती है,
तुम तो कर गए एक पल में पराया,
तेरी यादें ही है जो हमे अपनी लगती है !!
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जुदाई शायरी
हम अपना दर्द किसी को कहते नहीं,
वो सोचते है की हम तन्हाई सहते नहीं,
आँखों से आँसू निकले भी तो कैसे,
क्योंकि सूखे हुए दरिया कभी बहते नहीं !!
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जुदाई शायरी
तन्हाई जब मुक़द्दर में लिखी है,
तो क्या शिकायत अपनो और बेगानो से,
हम मिट गए जिनकी चाहत में,
वो बाज ना आए हमे आज़माने से !!
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जुदाई शायरी
जुबान खामोश आँखों में नमी होगी,
ये बस दास्ताँ-ए-ज़िंदगी होगी,
भरने को तो हर ज़ख्म भर जाएंगे,
कैसे भरेगी वो जगह जहाँ तेरी कमी होगी !!
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जुदाई शायरी
प्यार करने वालो की किस्मत बुरी होती है,
मुलाक़ात जुदाई से जुड़ी होती है,
वक़्त मिले तो प्यार की किताब पढ़ना,
हर प्यार करने वालो की कहानी अधूरी होती है !!
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जुदाई शायरी
कौन कहता है की हमारी जुदाई होगी,
ये अफवाह किसी दुश्मन ने फैलाई होंगी,
शान से रहेंगे आपके दिल में,
इतने दिनों में कुछ तो जगह बनाई होगी !!
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जुदाई शायरी
वो मिल जाते है कहानी बनकर,
दिल में बस जाते है निशानी बनकर,
जिन्हे हम रखते है आँखो में,
जाने वो क्यों निकल जाते है पानी बनकर !!
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जुदाई शायरी
तुझे पाने की आरज़ू में तुझे गंवाता रहा हूँ,
रुस्वा तेरे प्यार में होता रहा हूँ,
मुझसे ना पूछ तू मेरे दिल का हाल,
तेरी जुदाई में रोज़ रोता रहा हूँ !!
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जुदाई शायरी
मोहब्बत मुक़द्दर है एक ख्वाब नहीं,
ये वो रिश्ता है जिस में सब कामयाब नहीं,
जिन्हे साथ मिला उन्हे उँगलियों पर गिन लो,
जिन्हे मिली जुदाई उनका कोई हिसाब नहीं !!
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जुदाई शायरी
मेरी चाहत में कोई खोट तो नहीं शामिल,
फिर क्यों वो बार-बार आज़माए मुझे,
दिल उसकी याद से एक पल भी नहीं जुदा,
फिर कैसे मुमकिन है वो भूल जाए मुझे !!
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जुदाई शायरी
हमे तो अपना दिल लगता आवारा है,
जो चाहे चला जाए हमें ठुकरा के,
रह लेंगे हम तो बस यूँ ही तन्हा,
बस एक आपके जाने से रह जाएंगे हम तड़प के !!
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जुदाई शायरी
तू है मुझमे शामिल इस तरह,
तेरा तसव्वर ज़िक्र भी करूँ किस तरह,
चाहे दूर सही लेकिन तू है इस दुनिया में,
तेरी उम्मीद रहते हुए मैं मरुँ किस तरह !!
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जुदाई शायरी
तेरे होते हुए भी तन्हाई मिली,
वफ़ा करते भी देखो बुराई मिली,
जितनी दुआ की तुम्हे पाने की,
उस से ज्यादा तेरी जुदाई मिली !!
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जुदाई शायरी
हो जुदाई का सबब कुछ भी मगर,
हम उसे अपनी खता कहते है,
वो तो साँसों में बसी है मेरे,
जाने क्यों लोग उसे मुझे जुदा कहते है !!
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जुदाई शायरी
ऐ दोस्त कभी ज़िक्र-ए-जुदाई न करना,
मेरे भरोसे को रुस्वा न करना,
दिल में तेरे कोई और बस जाये तो बता देना,
मेरे दिल में रह कर बेवफाई न करना !!
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जुदाई शायरी
हम तेरे दिल में रहेंगे एक याद बनकर,
तेरे लब पे खिलेंगे मुस्कान बनकर,
कभी हमे अपने से जुदा न समझना,
हम तेरे साथ चलेंगे आसमान बनकर !!
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जुदाई शायरी
उसको चाहा पर इज़हार करना नहीं आया,
कट गयी उम्र पर हमे प्यार करना नहीं आया,
उसने कुछ माँगा भी तो मांगी जुदाई,
और हमे भी इंकार करना नहीं आया !!
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जुदाई शायरी
अगर जिंदगी में जुदाई न होती,
तो कभी किसी की याद न आई होती,
अगर साथ गुजरा होता हर लम्हा,
तो शायद रिश्तों में इतनी गहराई न होती !!
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जुदाई शायरी
तुझसे दूर अब हम जा नहीं सकते,
तुझसे प्यार कितना है यह हम बता नहीं सकते,
हमे मालूम है ये ज़िन्दगी है चार दिन की लेकिन,
तेरे बिन ये चार दिन तो क्या दो पल भी हम बिता नहीं सकते !!
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जुदाई शायरी
कुछ बिखरे सपने और आँखों में नमी है,
एक छोटा सा आसमान और उमीदों की ज़मीं है,
यूँ तो बहुत कुछ है ज़िंदगी में,
बस जिसे चाहते है उसी की कमी है !!
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जुदाई शायरी
दिल की धड़कन को, एक लम्हा सबर नहीं,
शायद उसको अब मेरी ज़रा भी कदर नहीं,
हर सफर में मेरा कभी हमसफ़र था वो,
अब सफर तो है मगर वो हमसफ़र नहीं !!
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जुदाई शायरी
आज कुछ कमी सी है तेरे बगैर,
ना रंग ना रौशनी है तेरे बगैर,
वक़्त अपनी रफ़्तार से चल रहा है,
बस धड़कन थम सी गयी है तेरे बगैर !!
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जुदाई शायरी
कांटो सी चुभती है तन्हाई,
अंगारों सी सुलगती है तन्हाई,
कोई आ कर हम दोनो को ज़रा हँसा दे!
मैं रोता हूँ तो रोने लगती है तन्हाई !!
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जुदाई शायरी
सब कुछ है मेरे पास पर दिल की दवा नहीं,
दूर है वो मुझसे पर मैं उससे ख़फ़ा नहीं,
मालूम है की वो अब भी प्यार करता है मुझसे,
वो थोड़ा सा ज़िद्दी है मगर बेवफ़ा नहीं !!
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जुदाई शायरी
दरिया में अपनी कबर बनाने चला गया,
सूरज को डूबने से बचाने चला गया,
खुव्हाइश तो सबसे आगे निकलने की थी मगर,
जो गिर गऐ थे उनको उठाने चना गया,
अपनो की चाहतो में मिलावट थी इस कदर,
तंग आ के दुशमनो को मनाने चला गया.. ...
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जुदाई शायरी
सदियों से जागी आँखों को एक बार सुलाने आ जाओ;
माना कि तुमको प्यार नहीं, नफ़रत ही जताने आ जाओ;
जिस मोड़ पे हमको छोड़ गए हम बैठे अब तक सोच रहे;
क्या भूल हुई क्यों जुदा हुए, बस यह समझाने आ जाओ।
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जुदाई शायरी
वो रोए तो बहुत पर मुझसे मुंह मोड़कर रोए;
कोई मजबूरी होगी तो दिल तोड़कर रोए;
मेरे सामने कर दिए मेरे तस्वीर के टुकड़े;
पता चला मेरे पीछे वो उन्हें जोड़कर रोए!
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जुदाई शायरी
मोहब्बत-मोहब्बत की बस इतनी कहानी है;
इक टूटी हुई कश्ती और ठहरा हुआ पानी है;
इक फूल जो किताबों में कहीं दम तोड़ चुका है;
कुछ याद नहीं आता किसकी निशानी है!
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जुदाई शायरी
जान मेरी तू क़त्ल कर दे मुझे;
पर छोड़ जाने का जुल्म ना करना।
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जुदाई शायरी
उसको चाहा पर इज़हार करना नहीं आया;
कट गई उम्र हमें प्यार करना नहीं आया;
उसने कुछ माँगा भी तो मांगी जुदाई;
और हमें इंकार करना नहीं आया।
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जुदाई शायरी
जिसने हमको चाहा, उसे हम चाह न सके;
जिसको चाहा उसे हम पा न सके;
यह समझ लो दिल टूटने का खेल है;
किसी का तोडा और अपना बचा न सके।
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जुदाई शायरी
सब कुछ है मेरे पास बस दिल की दवा नहीं;
दूर वो मुझसे है पर मैं उस से खफा नहीं;
मालूम है अब भी प्यार करता हैं वो मुझसे;
वो थोडा सा जिद्दी है लेकिन बेवफा नहीं।
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जुदाई शायरी
किसी को ये सोचकर साथ मत छोड़ना की उसके पास कुछ नहीं तुम्हे देने के लिए;
बस ये सोचकर साथ निभाने की उसके पास कुछ नहीं है तुम्हारे सिवा खोने के लिए!
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जुदाई शायरी
किसी से जुदा होना अगर इतना आसान होता ऐ दोस्त;
जिस्म से रूह को लेने कभी फ़रिश्ते नहीं आते।
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जुदाई शायरी
तुम लौट के आने का तकल्लुफ मत करना;
हम एक मोहब्बत को दो बार नहीं करते।
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जुदाई शायरी
बहुत दूर है मेरे शहर से तेरे शहर का किनारा;
फिर भी हम हवा के हर झोंके से तेरा हाल पूछते है।
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जुदाई शायरी
कुछ उलझे सवालों से डरता है दिल;
ना जाने क्यों तन्हाई में भखड़ता है दिल;
किसी को पाना कोई बड़ी बात नहीं है;
पर किसी को खोने से डरता है ये दिल।
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जुदाई शायरी
पलट कर भी ना देखो और ना तुम आवाज़ दो मुझ को;
बड़ी मुश्किल से सीखा है किसी को अलविदा कहना।
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जुदाई शायरी
यूँ तो काफी मिर्च-मसाले हैं इस जिंदगी में;
तुम्हारे बिना जायका फिर भी फीका ही लगता है....
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जुदाई शायरी
जिंदगी मोहताज नहीं मंज़िलों की वक्त हर मंजिल दिखा देता है;
मरता नहीं कोई किसी की जुदाई में वक्त सबको जीना सिखा देता है।
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जुदाई शायरी
बड़ी मुश्किल से बना हूँ टूट जाने के बाद;
मैं आज भी रो देता हूँ मुस्कुराने के बाद;
तुझ से मोहब्बत थी मुझे बेइन्तहा लेकिन;
अक्सर ये महसूस हुआ तेरे जाने के बाद।
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जुदाई शायरी
बिखरी किताबें, भीगे अवर्क, और ये तन्हाई;
कहूँ कैसे कि मिला मोहब्बत में कुछ भी नहीं।
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जुदाई शायरी
हौंसला तुझ में न था मुझसे जुदा होने का;
वरना काजल तेरी आँखों का न यूँ फैला होता।
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जुदाई शायरी
तुझे चाहा भी तो इजहार न कर सके कट गई उम्र किसी से प्यार न कर सके तूने मांगी भी तो अपनी जुदाई मांगी और हम थे कि इन्कार न कर सके !!
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जुदाई शायरी
न मेरी कोई मंजिल है न कोई किनारा तन्हाई मेरी महफिल है और यादें मेरा सहारा तुम से बिछड़ के कुछ यूं वक्त गुजरा कभी जिंदगी को तरसे कभी मौत को पुकारा !!
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जुदाई शायरी
सूनी जिंदगी में हलचल महसूस हुई बेजान सी दिल की आज धड़कन तेज हुई जाने क्यों अभी ऐसा लगा शायद आपको भी हमारी कमी महसूस हुई !!
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जुदाई शायरी
कितनी जल्दी ये मुलाकात गुजर जाती है प्यास बुझती नहीं की बरसात गुजर जाती है अपनी यादो से कह दो की यूं सताया न करे नींद आती नहीं और रात गुजर जाती है !!
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जुदाई शायरी
इस दिल ने अब प्यार करना छोड़ दिया तेरे झूठे वादें पे एतबार करना छोड़ दिया अब तो रो भी नहीं सकते अपनी बेबसी पर जा हमने तेरा इंतजार करना भी छोड़ दिया !!
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जुदाई शायरी
पलको के किनारे हमने भिगोए ही नहीं वो सोचते है हम रोए ही नहीं वो पूछते है ख्वाब में किसे देखते हो हम है कि एक उम्र से सोए ही नहीं !!
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जुदाई शायरी
हैं चाँद का चहेरा उतरा-उतरा तारों ने भी चमकना छोड़ दिया जिस दिन से जुदा वो हमसे हुए इस दिल ने भी धड़कना छोड़ दिया !!
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जुदाई शायरी
महोब्बत की ऐसी कोई सजा तो ना दोगे साथ मिलकर गैरो से दगा तो ना दोगे माना मिलती नहीं फुरसततुम्हे कामो से अपने कही काम में उलझ करभुला तो ना दोगे तुम !!
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जुदाई शायरी
जब भी तेरे बिना रात होती हैं दीवारों से अक्सर बात होती हैं सन्नटा पूछता हैं हमारा हाल हम से और बस तेरे नाम से ही शुरुआत होती हैं !!
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जुदाई शायरी
कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता है मगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है मैं तुझसे दूर कैसा हूँ तू मुझसे दूर कैसी है ये तेरा दिल समझता है या मेरा दिल समझता है !!
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जुदाई शायरी
खुशबु की तरह आये पास की बिखर जायेंगे शुकून बन के दिल में उतर जायेंगे महसूस करने की कोशिश तो कीजिये दूर होते हुए भी पास नजर आयेंगे !!
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जुदाई शायरी
एक पल का एहसास बन के आते हो दुसरे ही पल ख्वाब बन के उड़ जाते हो डर लगता है तन्हाइयो से मुझे फिर भी हमें तनहा छोड़ जाते हो !!
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जुदाई शायरी
आप की याद दिल बेकरार करती है नजर तलाश आपको बार-बार करती है गिला नहीं जो हम दूर है आपसे आप की जुदाई भी हमसे प्यार करती है !!
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जुदाई शायरी
आँखों में रहने वालो को याद नहीं करते दिल में रहने वालों की फ़रियाद नहीं करते हमारी तो रूह में बस गए हो आप तभी तो हम मिलने की फ़रियाद नहीं करते !!
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जुदाई शायरी
खुदा किसी को किसी पर फ़िदा न करे करे तो क़यामत तक जुदा न करे यह माना कि कोई मरता नहीं जुदाई में लेकिन जी भी तो नहीं पाता तन्हाई में!
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जुदाई शायरी
हमने तो ऊमर गुज़ार दी तन्हाई में सह लिए सित्तम तेरी जुदाई में अब तो यह फ़रियाद है खुदा से कोई और ना तड़पे तेरी बेवाफ़ाई में!
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जुदाई शायरी
सर्द रातों को सताती है जुदाई तेरी आग बुझती नहीं सीने में लगाई तेरी जब भी चलती हैं हवाएं बहुत परेशान करती है यह तन्हाई मेरी !!
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जुदाई शायरी
जिंदगी मोहताज़ नहीं मंजिलो की वक़्त हर मंजिल दिखा देता है मरता नहीं कोई किसी से जुदा होकर वक़्त सबको जीना सिखा देता है !!
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जुदाई शायरी
याद में तेरी आँखें भरता है कोई हर सांस के साथ तुझे याद करता है कोई मौत एक ऐसी चीज़ है जिसको आना ही है लेकिन तेरी जुदाई में हर रोज़ मरता है कोई !!
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जुदाई शायरी
यह सफ़र दोस्ती का कभी ख़त्म न होगा दोस्तों से प्यार कभी कम न होगा दूर रहकर भी जब रहेगी महक इसकी हमें कभी बिछड़ने का ग़म न होगा!
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जुदाई शायरी
याद में तेरी आँहें भरता है कोई हर साँस के साथ तुझे याद करता है कोई मौत तो सच्चाई है आनी है लेकिन तेरी जुदाई में हर रोज मरता है कोई!
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जुदाई शायरी
ज़माना बन जाए कागज़ का और समंदर हो जाए स्याही का फिर भी कलम लिख नहीं सकती दर्द तेरी जुदाई का !!
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जुदाई शायरी
बता मुझे ये तेरी तनहाई कैसी है समझकर प्यार सारा फिर भी रुसवाई कैसी है हमें और भी मजबूर कर दिया है तूने तू बता तो सही ये तेरी तनहाई कैसी है?
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जुदाई शायरी
बेताब तमन्नाओं की कसक रहने दो मंजिल को पाने की कसक रहने दो आप चाहे रहो नजर से दूर पर मेरी आँखों में एक झलक रहने दो !!
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जुदाई शायरी
मुझे उसके पहलु में आशियाना ना मिला उसकी जुल्फों की छाओं में ठिकाना ना मिला कह दिया उसने मुझको बेवफ़ा जब मुझको छोड़ने का उसे कोई बहाना ना मिला !!
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जुदाई शायरी
जलते हुए दिल को और मत जलाना रोती हुई आँखों को और मत रुलाना आपकी जुदाई में हम पहले ही मर चुके हैं मरे हुए इंसान को और मत मारना !!
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जुदाई शायरी
हर ख़ुशी गम का ऐलान है हर मुलाक़ात जुदाई का ऐलान है ना रखा किसी से उम्मीद हर उम्मीद दिल टूटने का फरमान है !!
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जुदाई शायरी
कोई रास्ता नहीं दुआ के सिवा कोई सुनता नहीं यहां खुदा के सिवा मैंने भी जिंदगी को बहुत करीब से देखा है मुश्किल में कोई साथ नहीं देता आंसुओं के सिवा !!
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जुदाई शायरी
तमन्ना से नहीं तनहाई से डरते हैं प्यार से नहीं रुसवाई से डरते हैं मिलने की तो बहुत चाहत है पर मिलने के बाद जुदाई से डरते हैं !!
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जुदाई शायरी
कितना चाहता हूँ तुझे यह मुझको पता नहीं मगर तुम्हारे सिवा कोई और दिल में बसा नहीं ज़माना दुश्मन हो गया चाहत का हमारी जुदा हो गए फिर से यह मेरी खता नहीं !!
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जुदाई शायरी
जिंदगी की कश्ती कब लगे कौन से किनारे कब मिलेंगी मनचली बहारें जीना तो पड़ेगा ही कैसे भी प्यारे कभी दोस्तों की भीड़ में कभी तन्हाई के सहारे !!
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जुदाई शायरी
लम्हें जुदाई के बेकरार करते हैं हालात मेरे मुझे लाचार करते हैं आँखें मेरी पढ़ लो कभी भी हम खुद कैसे कहें कि आपसे प्यार करते हैं !!
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जुदाई शायरी
जिस घड़ी तेरी यादों का समय होता है फिर हमें आराम कहाँ होता है हौंसला नहीं मुझमें तुम्हें भुला देने का काम सदियों का है यह लम्हों में कहाँ होता है !!
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जुदाई शायरी
लम्हें जुदाई को बेकरार करते हैं हालात मेरे मुझे लाचार करते हैं आँखे मेरी पढ़ लो कभी हम खुद कैसे कहें कि आपसे प्यार करते हैं !!
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जुदाई शायरी
धोखा दिया था जब तूने मुझे जिंदगी से मैं नाराज था सोचा कि दिल से तुझे निकाल दूं मगर कंबख्त दिल भी तेरे पास था !!
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जुदाई शायरी
ये इश्क़ वालों की क़िस्मत बुरी होती है हर मुलाक़ात जुदाई से जुडी होती है कहीं भी देख लेना आज़माकर सच्चे प्यार को जुदाई ही नसीब होती है !!
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जुदाई शायरी
जुदाई की कसक लिए तेरी याद से जुड़ा आंसू हर शब् मेरी आँख से टपका है गुज़रे कल की तरह आज का दिन भी तुम बिन उदास गुज़रता है !!
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जुदाई शायरी
ज़िन्दगी की आखिरी शाम लिखते हैं आप की याद में गुजरते पल तमाम लिखते हैं वो कलम भी दीवानी हो जाती है आप की जिस कलम से हम आपका नाम लिखते हैं !!
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जुदाई शायरी
सुन लिया हम ने फैसला तेरा और सुन के उदास हो बैठे ज़हन चुप चाप आँख खाली जैसे हम क़ायनात खो बैठे !!
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जुदाई शायरी
ज़ुबान खामोश आँखों में नमी होगी ये बस एक दास्तां-ए ज़िंदगी होगी भरने को तो हर ज़ख्म भर जाएगा कैसे भरेगी वो जगह जहाँ तेरी कमी होगी?
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जुदाई शायरी
पलकों के किनारे हमने भिगोए ही नहीं वो सोचते हैं हम रोए ही नहीं वो पूछते हैं कि ख़्वाबों में किसे देखते हो हम हैं कि एक उम्र से सोए ही नहीं !!
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जुदाई शायरी
नफ़रत कभी ना करना तुम हमसे यह हम सह नहीं पायेंगे एक बार कह देना हमसे ज़रूरत नहीं अब तुम्हारी तुम्हारी दुनियाँ से हंसकर चले जायेंगे!
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जुदाई शायरी
नज़र नवाज़ नज़रों में ज़ी नहीं लगता फ़िज़ा गई तो बहारों में ज़ी नहीं लगता ना पूछ मुझसे तेरे ग़म में क्या गुजरती है यही कहूंगा हज़ारों में ज़ी नहीं लगता !!
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जुदाई शायरी
भूल जाने का हौसला ना हुआ दूर रह कर भी वो जुदा ना हुआ उनसे मिल कर किसी और से क्या मिलते कोई दूसरा उनके जैसा ना हुआ!
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जुदाई शायरी
बिताए हुए कल में आज को ढूँढता हूँ सपनों में सिर्फ आपको देखता हूँ क्यों हो गए आप मुझसे दूर यह सोचता हूँ तन्हा यारों से छुपकर रोता हूँ !!
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जुदाई शायरी
ग़म में हँसने वालों को कभी रुलाया नहीं जाता लहरों से पानी को हटाया नहीं जाता होने वाले हो जाते हैं खुद ही दिल से जुदा किसी को जबर्दस्ती दिल में बसाया नहीं जाता !!
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जुदाई शायरी
सब फूलों की जुदा कहानी है खामोशी भी तो प्यार की निशानी है ना कोई ज़ख्म है फिर भी ऐसा एहसास है यूँ महसूस होता है कोई आज भी दिल के पास है !!
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जुदाई शायरी
तेरी याद में आंसुओं का समंदर बना लिया तन्हाई के शहर में अपना घर बना लिया सुना है लोग पूजते हैं पत्थर को इसलिए तुझसे जुदा होने के बाद दिल को पत्थर बना लिया !!
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जुदाई शायरी
आप को खोने का हर पल डर लगा रहता है जब कि आपको पाया ही नहीं तुम बिन इतना तन्हा हूँ मैं कि मेरे साथ मेरा साया भी नहीं !!
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जुदाई शायरी
ना दूर हमसे जाया करो दिल तड़प जाता है आपके ख्यालों में ही हमारा दिन गुज़र जाता है पूछता है यह दिल एक सवाल आपसे कि क्या दूर रहकर भी आपको हमारा ख्याल आता है!!
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जुदाई शायरी
तमाम उम्र ज़िंदगी से दूर रहे आपकी ख़ुशी के लिए अपनी ख़ुशी से दूर रहे अब इससे बढ़कर वफ़ा की सज़ा क्या होगी कि आपके होकर भी आप से दूर रहे!!
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जुदाई शायरी
देख ज़रा नाराज़ है कोई शख्स तेरे जाने से हो सके तो लौट आ किसी बहाने से तू लाख ख़फ़ा सही पर एक बार तो देख कोई टूट गया है तेरे दूर जाने से!!
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जुदाई शायरी
काश वो पल संग बिताये न होते जिनको याद कर आज ये आँसू आये न होते अगर इस तरह उनको मुझसे दूर ले जाना था तो इतनी गहराई से दिल मिलाये न होते!!
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जुदाई शायरी
तमाम उम्र ज़िंदगी से दूर रहें आपकी ख़ुशी के लिए अपनी ख़ुशी से दूर रहें अब इससे बढ़कर वफ़ा की सज़ा क्या होगी कि आपके होकर भी आपसे दूर रहे!!
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