अरमान

अरमान शायरी

कुछ अरमान उन बारीश कि बुंद कि तरह होते है,जिनको छुने कि ख्वाहिश में,हथेलिया तो गिली होजाती ,पर हाथ हमेशा खाली रेह जाते है.

अरमान शायरी

जब लफ्ज़ ही बन जायें जुबां लिखना अच्छा हैजब हो दिल को छू जाने का अरमान लिखना अच्छा हैजब हो मन चलाने का शब्दों की तलवार लिखना अच्छा हैजब हो अरमान होने का उस पार लिखना अच्छा हैजब हो जाना बहुत दूर पर हो बस कलम की आस लिखना अच्छा हैजब हो बुलंद इरादे और खुद पर भी विशवास लिखना अच्छा है

अरमान शायरी

साया बनके साथ चलूँ कुछ तुम्हारी कुछ अपनी दिल की कहूँ ये अरमान है,दिल की वादियों में तुम्हारी यूँ महक जाऊँ किहर फूल में तुम्हें मेरी ही खुशबू आए ये मेरा अरमान है

अरमान शायरी

देखा ना, सोचा ना रख दी निशाने पे जान कदमों में तेरे निकले मेरा दम है बस यही अरमान.

अरमान शायरी

चले थे दो कदम याद रखना,फिर मिलेंगे दिल में ये अरमान रखना,भूल ना जाना कुछ वक़्त बाद हमे,कुछ बीते दीनो का साथ याद रखना.

अरमान शायरी

दिल के अरमान को दिल मे सुला ना देनाअपनी खूबसूरत आँखो को रुला ना देनाकल किसने देखा है आख़िरहम ना रहे तो हमे भुला ना देना.

अरमान शायरी

वो यूं ही रूठ गए,सारे अरमान मेरे टूट गए.नफरत का ढोंग ऐसा दिखाया,कि वो पत्थर बनकर जीने लगे,और हम शीशा बनकर टूट गए.

अरमान शायरी

काश के उन्हें चाहने का अरमान न होता; मैं होश में होते हुए अनजान न होता; यह प्यार न होता किसी पत्थर दिल से हमें; या कोई पत्थर दिल इनसान न होता.

अरमान शायरी

इश्क में बर्बादी न करवा लेना,अपने मम्मी के अरमान खाक में न मिला देना,जो पैसे घर से सब्जी लेन को दिए थेउनका मोबाइल रीचार्ज न करवा लेना..

अरमान शायरी

आसूओ में बह जायेंगे, ना जाने कितने अरमान मेरेकोई थाम लो इनको, कही देर ना हो जाए,किस्मत से कुछ ज्यादा नहीं माँगा है, कभी मैंनेजो है नसीब मेरा, बस वो मुझे मिल जाए

अरमान शायरी

अरमान था घर बनाने काशिकवा है तेरे चुप रहने कादिवानगी इस से बड़कर क्याँ होगीआज भी इन्तजाल है तेरे आने का

अरमान शायरी

नन्हे से दिल मे अरमान कोई रखना, दुनिया की भीड मे पहचान कोई रखना,अच्छा नही लगता, जब रहते हो उदास, अपने होंठो पे सदा मुस्कान वही रखना

अरमान शायरी

दिल के अरमान आंसू मे बह गये ये आशिक़ी का दर्द था जो बात उनसे कहनी थी लाईट चली गयी और उनकी मम्मी से कह गये

अरमान शायरी

दिल में कुछ अभी अरमान बाक़ी हैफ़तह करने को अभी आसमान बाक़ी हैकोई चुप है तो रहे मैं तो सच कहूँगा हीकि मेरे हलक़ में जब तक ज़ुबान बाक़ी है

अरमान शायरी

"""दौर ऐ मोहब्बत में हमने सारे अरमान लुटा दिए.ऐसे जलाये थे वो अरमान की निशान भी मिटा दिए..एक आखिरी अरमान हैइसे निभा तुम देना..जो जल कर मिट गया था.........वो निशान बना देना"""

अरमान शायरी

अचानक वह नज़र जो आए तो,पैमाने छलक गए जैसे, दिल के अरमान भडक गए ऐसे तीर दिल के आर पार भी हो,पर निशान नज़र न आए.

अरमान शायरी

ज़िंदगी अभिशाप भी, वरदान भीज़िंदगी दुख में पला अरमान भीकर्ज़ साँसों का चुकाती जा रहीज़िंदगी है मौत पर अहसान भी

अरमान शायरी

मुझे बेबस दिलों में पल रहे अरमान लिखने हैंग़रीबों के घरों के दर्द और तूफ़ान लिखने हैंकभी मौक़ा मिलेगा तो चमन की बात कर लूंगाअभी फुटपाथ के गलते हुए इन्सान लिखने हैं

अरमान शायरी

मैं उस की खातिर तड़पता रहा शाम ओ सहर अरमान न होता गर उसने एक आंसू ही बहाया होता

अरमान शायरी

पंछी थे डाल डाल के, जाने कहाँ गयेअरमान आँख ही को पत्थर थमा गये॥

अरमान शायरी

रस्ता रोक रही है, थोड़ी जान है बाकीजाने टूटे दिल में, क्या अरमान है बाकीजाने भी दे ऐ दिल, सबको मेरा सलामहो मैं चला, मैं चलामैं शायर बदनाम

अरमान शायरी

हज़ारों ख्वाहिशें ऐसी की हर ख्वाहिश पे दम निकले,बहुत निकले मेरे अरमान लेकिन फिर भी कम निकले ।

अरमान शायरी

दिल के अरमान एक एक कर टूटे हैंआखों मे बसें ख्वाब सभी झूठे हैं।कैसे भुला दूँ मैं उसकी यादों कोमुह से लगे जाम भी क्या कभी छूटे है

अरमान शायरी

जब किसी क सपने किसी के अरमान बन जाए,जब किसी की हँसी किसी की मुस्कान बन जाए,बेपनाह प्यार कहते है उसे जब किसी की सांस किसी की जान बन जाए..

अरमान शायरी

"""हँसते-हँसते हमने अरमान लुटाया था रोते-रोते उसने अपना बनाया था.....

अरमान शायरी

अरमान था तेरे साथ जिंदगी बिताने का,शिकवा है खुद के खामोश रह जाने का,दीवानगी इस से बढकर और क्या होगी,अज भी इंतजार है तेरे आने का.

अरमान शायरी

हमें तो उनसे मोहब्बत है मौत से भी प्यार है,उनपर पूरा यकीन और मौत पर पूरा ऐतबार है,देखते हैं पहले कौन आता है, """"अरमान"""" को दोनों का इंतज़ार है.

अरमान शायरी

मेरे जीने के लिये तेरा अरमान ही काफी है,दिल के क़लम से लिखी ये दास्तान ही काफी है,तीर-ए-तलवार की तुझे क्या ज़रूरते ए नज़नीन,क़त्ल करने के लिय तेरी मुस्कान है काफी है.

अरमान शायरी

खामोशियो में इज़हार ए दिल कीजेए, तमन्ना हो गर कोई तो बयान कीजेए, गुपचुप मुस्करा के न तदपइए, इश्क़ के नैनो से वॉर न कीजेए.

अरमान शायरी

लगे ना नज़र इस रिश्ते को ज़माने की,पड़े ना ज़रूरत कभी एक दूजे को मानने की,आप ना छोड़ना मेरा साथ वरनातमन्ना ना रहेगी फिर दोस्त बनाने की.

अरमान शायरी

पलकों में कैद रहने दो सपनो को,उन्हें तो हकीक़त में बदलना है,इन आँखों की तो एक ही तमन्ना है,की हर वक़्त आपको मुस्कुराते देखना है

अरमान शायरी

यादो में न ढूंढो हमे,मन में हम बस जायेंगे.तमन्ना हो अगर मिलने की,तो हाथ रखो दिल पर.हम धड़कनों में मिल जायेंगे.

अरमान शायरी

ना खुशी ना कोई तमन्ना है अबबस अपने ही साए के संग रहते हैं हमकैसे कहें कैसे हैं हमबस यूँ समझलो आप खुश हैं तो खुश हैं हम.

अरमान शायरी

"""आज़ादी के सूरज को आज गृहण क्यूँ लग गया??ये गुलामी का दिया क्यूँ फिर से आज जग गया,आज बैठे हम बन चूहे अपने बिल में हैं,सरफ़रोशी की तमन्ना आज """"किसके दिल में है??

अरमान शायरी

हमें आसमानों का शौंक नहीं ..हमें जमीं पर बैठ कर सकूं आने लगा हैं.बादलों से भीगना, तमन्ना खत्मसहरा सा रूप कायनात का भाने लगा हैं.जब पानी नहीं आँख में अबतो क्यूँ अब लौट, राह पर मेरी आने लगा है.किला बना लिया है खुद कोरोको उसे, क्यूँ परकोटों को सजाने लगा है

अरमान शायरी

मुद्दत से तमन्ना हुई अफसाना न मिला ……हम खोजते रहे मगर ठिकाना न मिला …………..लो आज फिर चली गई जिंदगी नजरो के सामने से ……और उसे कोई रुकने का बहाना न मिला

अरमान शायरी

ज़िंदगी बड़ी अजीब होती है |कभी हार कभी जीत होती है |तमन्ना रखो समंदर की गहराई छूने की |किनारों पे तो बस ज़िंदगी की शुरुवात होती है |

अरमान शायरी

किताबो के पन्ने पलट के सोचते है | यू पलट जाए ज़िंदगी तो क्या बात है, तमन्ना जो पूरी हो ख्वाबो मे | हक़ीकत बन जाए तो क्या बात है,

अरमान शायरी

तेरी आजादियाँ सदके सदके ।मेरी बर्बादियाँ सदके सदके ।।मैं बर्बादे तमन्ना हूँ ।मुझे बर्बाद रहने दो ।।

अरमान शायरी

सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है जोर कितना बाजु-ए-कातिल में है ।एक से करता नहीं क्यों दूसरा कुछ बातचीत, देखता हूँ मैं जिसे वो चुप तेरी महफिल में है ।

अरमान शायरी

कहते है ख़्वाबों में, होगी मुलाकातरात भर नींद ही ना आये तो क्या करू, दिल से दिल कीदूरी नहीं होतीकश कोई, मज़बूरी नहीं होतीआपसे अबी मिलने की तमन्ना है, लेकिन हर तमन्ना पूरी नहीं होती !!

अरमान शायरी

जब मिलेगी कभी तो बुलाऊँगा उसे, दिल के जख्म भी दिखाऊँगा उसे, उसकी ये तमन्ना भी पूरी करूँगा मैंजब आखिरी साँस आऐगी… उसके बाद भूल जाऊँगा उसे

अरमान शायरी

घायल किया जब अपनो ने, तो गैरो से क्या गिला करना, उठाये है खंजर जब अपनो ने, तो जिंदगी की तमन्ना क्या करना ।

अरमान शायरी

ना सलाम याद रखना, ना पैगाम याद रखना। छोटी सी तमन्ना है ऐ दोस्त मेरा नाम याद रखना।

अरमान शायरी

ये आरजू नहीं की किसी को भुलाए हम, ना तमन्ना की किसी को रुलाए हम, पर दुआ है रब से इतनी की, जिसको जितना याद करते है उसको उतना याद आये हम..

अरमान शायरी

फिर से एक बार दिल में तेरा होने की तमन्ना है,तुम्हारे ही ख्यालों में खोने की तमन्ना है,मुद्दत से इन आँखों में तराविश नहीं झलकी,आकर फिर से रुला जाओ, के फिर रोने की तमन्ना है,

अरमान शायरी

आँसू में ना ढूढना हमें, दिल मैं हम बस जाएँगे, तमन्ना हो अगर मिलनेकी, तो बंद आँखों मैं नज़र आएँगे.

अरमान शायरी

है तमन्ना फिर, मुझे वो प्यार पाने की...दिल है पाक मेरा , ना कोशिश कर आज़माने की ...जब एतबार है तुझे मेरा, और मुझे तेरी वफाई का ...तो फिर क्यूँ करता है परबाह, ये दिल ज़माने की.

अरमान शायरी

लब पे आती है दुआ बनके तमन्ना मेरीज़िन्दगी शम्मा की सूरत हो ख़ुदाया मेरीदूर दुनिया का मेरे दम अन्धेरा हो जायेहर जगह मेरे चमकने से उजाला हो जाये

अरमान शायरी

तमन्ना दिल की एक हसरत है, पूरी हो जाए तो इनसान खुशकिस्मत है। न पूरी हो, तो गम न करना, क्योकि अधूरी रहना तो, तमन्नाओ की फितरत है।

अरमान शायरी

तुम फिर आओ कि तमन्ना फिर से मचल जाये,तुम फिर आओ कि तमन्ना फिर से मचल जाये, तुम गले लगाओ फिर से कि हम सब कुछ भूल जाये.

अरमान शायरी

तमन्नाओँ की भिड़ मेँ इक तमन्ना पुरी हो गाईज़ीन्दगी से उम्मीद खत्म और मौत की आरज़ू पुरी हो गई.

अरमान शायरी

जिन्दगी जैसी तमन्ना थी,नहीं कुछ कम है,हर घड़ी होता है एहसास कहीं कुछ कम है.

अरमान शायरी

बेशक थोड़ा इंतजार मिला हमकोपर दुनिया का सबसे हसीं यार मिला हमकोन रही तमन्ना अब किसी जन्नत कीतेरी दोस्ती में वो प्यार मिला हमको

अरमान शायरी

तमन्ना करने से ही पुरी होती है हर तमन्नादिल धडकने से ही पुरा होता है हर सपनाकोशिश करने से हर रह आसान हो जाती हैऔर आगे बढने से हर मन्ज़िल मिल जाती है

अरमान शायरी

तमन्ना जब किसी की नाकाम होती है, जिन्दगी उस की एक उदास शाम होती है,दिल के साथ दौलत ना हो जिस के पास, महोब्बत उस गरीब की निलाम होती

अरमान शायरी

बेवफाई के फ़साने भी क्या खूब सितम किया करते हैं,हँसती हुई आखो तले आसुओं के सैलाब उमड़ जाया करते हैं...काश वो बेवफा समझ पाते मेरी मुहब्बत की वफाओ को,बस यही झूठे अरमान दिल में जगा कर जिया करते हैं…

अरमान शायरी

ख़ातिर से तेरी याद को टलने नहीं देतेसच है कि हम ही दिल को संभलने नहीं देतेआँखें मुझे तलवों से वो मलने नहीं देतेअरमान मेरे दिल का निकलने नहीं देते

अरमान शायरी

इश्क में दौलत सारी ना लुटा देना,मम्मी पापा के अरमान खाक में ना मिला देना,घर से मिले हैं पैसे सब्जी लाने के लिए बेटा,बाजार जाकर गर्लफ्रेंड का रिचार्ज मत करा देना.

अरमान शायरी

आशिक के दिल की ख्वाहिशो अरमान हैं आँखें,कुछ दिन से ये लगता है, परेशान हैं आँखें,एक दिन तुझे देखा था, किसी राहगुज़र पे,उस दिन से उसी राह पे, मेहमान हैं आँखें.

अरमान शायरी

दिल में हर किसी का अरमान नहीं होता ,हर कोई दिल का मेहमान नहीं होता ,एक बार जिसकी आरजू दिल में बस जाती है ,उसे भुला देना इतना आसन नहीं होता !

अरमान शायरी

जब किसी क सपने किसी के अरमान बन जाए,जब किसी की हँसी किसी की मुस्कान बन जाए,बेपनाह प्यार कहते है उसे जब किसी की सांस किसी की जान बन जाए…

अरमान शायरी

ओ मेरे सनम ओ मेरे सनम दो जिस्म मगर एक जान हैं हम एक दिल के दो अरमान हैं हम

अरमान शायरी

ना शेर चाहियें, ना शायरी चाहियें,दिल के अरमान सिर्फ कागज पे चाहियें, ना तु चाहियें, ना तुम्हारा प्यार चाहियें,बस हमारे रिश्ते का कुछ नाम चाहियें.

अरमान शायरी

इतना गिर गयी हूँ मैं कैसे ये सवाल हमेशा डसता थालेकिन मेरे पास भी इसके सिवा अब और कहाँ कोई रस्ता थाउस वक़्त बहुत मैं रोई थी हद से ज्यादा चिल्लाई थीदूसरों के हाथ आस्तित्वहीन हा जब खुद को मैं पाई थीपर रो-रो के सारे आंसू एक रोज़ बहा डाला मैंनेहर अरमान का गला घोंट कफ़न ओढा डाला मैंनेपर अब पेट भर जाने पर भी जब नीद नहीं आती रातों कोनहीं सँभाल पता है ये दिल तब इन बिखरे जज्बातों को

अरमान शायरी

जीने के लिये इस दुनिया में कुछ खास नही रह जाता हैसब कुछ होता है फिर भी कुछ पास नही रह जाता हैखुद अपने मे घुट कर जब अरमान युं ही मर जाये तोइक हद के आगे दर्द का भी एहसास नहीं रह जाता है

अरमान शायरी

अरमान था तेरे साथ जिंदगी बिताने का,शिकवा है खुद के खामोश रह जाने का,दीवानगी इस से बढकर और क्या होगी,अज भी इंतजार है तेरे आने का

अरमान शायरी

दिल के अरमान एक एक कर टूटे हैंआखों मे बसें ख्वाब सभी झूठे हैं।कैसे भुला दूँ मैं उसकी यादों कोमुह से लगे जाम भी क्या कभी छूटे है।दिल से ना जाने कैसी खता हो गयी हैचांद को चाहा तो सितारे मुझ से रुठें हैं।

अरमान शायरी

तेरी रूह से रूबरू हुआ ए शायर आज मैंएक अरमान अब आखों मे हैयहाँ नही तो क्या हुआ, वहाँ तुमसे मिलूंगा जरुर।तेरी महफ़िल का गवाह बन ना सका मैंमौत से दोस्ती होने देएक रोज़ वहाँ महफ़िल मे रंग भारुगा जरुर

अरमान शायरी

दिल के अरमान आँसुओ मे बह गये,हम गली मे थे और गली मे ही रह गये,अपनी तो किस्मत ही खराब थी की लाइट चली गईजो बात उसे कहनी थी वो उसकी मम्मी से कह गये….